Site icon चेतना मंच

New Delhi : मणिपुर हिंसा पर जिम्मेदारी से भाग नहीं सकते केंद्र सरकार में बैठे लोग : रमेश

New Delhi

People sitting in central government cannot run away from responsibility on Manipur violence: Ramesh

नई दिल्ली। कांग्रेस ने मणिपुर की हालिया हिंसा को लेकर मंगलवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधा। पार्टी ने कहा कि केंद्र की सत्ता में बैठे लोग अपनी जिम्मेदारी से नहीं भाग सकते।

New Delhi

Cyber Fraud : साइबर ठग बेच रहे हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट, करें पहचान, रहें सावधान

हाईकोर्ट को एसटी की सूची में बदलाव का आदेश देने का अधिकार नहीं

पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड की एक टिप्पणी से जुड़ी खबर का हवाला देते हुए कहा कि प्रधान न्यायाधीश ने जो कहा है, उसके परिप्रेक्ष्य में मणिपुर उच्च न्यायालय की एकल पीठ ने जो किया है, वह आश्चर्यजनक है। रमेश ने कहा कि केंद्र की सत्ता में बैठे लोग अपनी जिम्मेदारी से नहीं भाग सकते। उन्होंने जो खबर साझा की है, उसके मुताबिक न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा है कि उच्च न्यायालय को अनुसूचित जनजाति की सूची में बदलाव करने के लिए निर्देश देने का अधिकार नहीं है।

Noida News: नगर निकाय चुनाव को लेकर कंट्रोल रूम स्थापित

तीन मई को पूरे राज्य में भड़की थी हिंसा

मणिपुर में बहुसंख्यक मेइती समुदाय द्वारा उसे अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा दिए जाने की मांग के विरोध में ‘ऑल ट्राइबल स्टूडेंट यूनियन मणिपुर’ (एटीएसयूएम) की ओर से तीन मई को आयोजित ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के दौरान चुराचांदपुर जिले के तोरबंग क्षेत्र में हिंसा भड़क गई थी, जो रातों रात पूरे राज्य में फैल गई थी। मणिपुर की कुल आबादी में मेइती समुदाय की 53 प्रतिशत हिस्सेदारी होने का अनुमान है। इस समुदाय के लोग मुख्यत: इंफाल घाटी में रहते हैं। वहीं, नगा और कुकी सहित अन्य आदिवासी समुदायों की आबादी 40 प्रतिशत के करीब है। वे मुख्यत: इंफाल घाटी के आसपास स्थित पहाड़ी जिलों में रहते हैं। हिंसा के कारण 50 से अधिक लोगों की जान चली गई। जबकि 23 हजार से अधिक लोगों ने सैन्य छावनियों और राहत शिविरों में शरण ले रखी है।

New Delhi

मेइती समुदाय को आरक्षण दिये जाने का विरोध

उल्लेखनीय है कि जनजातीय लोग 27 मार्च को मणिपुर उच्च न्यायालय के आदेश के बाद मेइती समुदाय को आरक्षण दिये जाने का विरोध कर रहे हैं। उच्च न्यायालय ने समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने के लिए राज्य सरकार को चार हफ्तों के अंदर केंद्र को एक सिफारिश भेजने का निर्देश दिया था।

देश विदेश की खबरों से अपडेट रहने लिए चेतना मंच के साथ जुड़े रहें।

देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमें फेसबुक पर लाइक करें या ट्विटर पर फॉलो करें।

Exit mobile version