Pital Ke Bartan : प्राचीन काल में पीतल और चांदी के बर्तन में खाने का रिवाज सेहत और ज्योतिष दोनों से जुड़ा था, लेकिन समय के साथ यह परंपरा खत्म हो गई, लेकिन आपको जानकर आश्चर्य होगा कि पीतल के बर्तन सेहत के साथ ही तकदीर को चमकाने वाले भी होते हैं। पीतल के बर्तन शुभता के प्रतीक होते हैं। इन्हें घर में रखना और इनका प्रयोग करना सोए भाग्य को चमका सकता है। आइए जानते हैं…
पीतल के बर्तन का महत्व ज्योतिष व धार्मिक शास्त्रों में भी बताया गया है। ज्योतिष में पीतल देवगुरु बृहस्पति का प्रिय धातु है माना गया है और इसके प्रयोग से बृहस्पति ग्रह की शांत किया जाता है। ज्योतिष के अनुसार ग्रह शांति व ज्योतिष अनुष्ठानों में पीतल के बर्तन दान में दिए जाते हैं। पीतल के बर्तन वैवाहिक कार्य में वेदी पढ़ने के लिए और कन्यादान में भी प्रयोग होता है।
1. यदि आपका भाग्य आपका साथ नहीं दे रहा या भाग्य सोया हुआ है तो भाग्योदय के लिए आपको पीतल की कटोरी में चने की दाल को रात भर के लिए भिगोकर अपने सिराहने रखना होगा। अगले दिन इस दाल के साथ गुड़ मिलाकर किसी गाय को खिला दें। ये उपाय आपकी किस्मत के दरवाजे खोल देगा।
2. आर्थिक संकट झेल रहे लोगों को पीतल के पात्र में शुद्ध घी रखकर उसे भगवान श्रीकृष्ण को चढ़ाना चाहिए। इसके बाद इस प्रसाद रूपी घी को गरीबों में बांट देना चाहिए।
3. यदि घर में धन, वैभव और ऐश्वर्य के लिए आप वैभव लक्ष्मी की पूजा करते हैं तो आपको माता के समक्ष पीतल के दीये में शुद्ध घी का दीपक ही जलाना चाहिए। ऐसा करने से आपकी मनोकामना शीघ्र पूरी हो सकेगी।
4. यदि आपके घर में या आपके ऊपर से दुर्दिन या दुर्भाग्य का साया नहीं हट रहा तो आपको पीतल की कटोरी में दही भरकर अपने सोने वाले पलंग के नीचे रख देना चाहिए। अगले दिन इस दही को आप किसी पेड़ में डाल दें।
5. सौभाग्य और सुख-समृद्धि के लिए आपको गुरुवार के दिन पीतल के कलश में चने के दाल को भर कर विष्णु मंदिर में चढ़ाना चाहिए। ऐसा करने से आपके भाग्य खुल जाएंगे।
याद रखें कभी भी पीतल के बर्तन में खट्टे पदार्थ नहीं रखने चाहिए। यदि आप उसे टोटके लिए प्रयोग कर रहे तो उसे कभी किसी को खाने के लिए न दें, क्योंकि यह जहर समान होता है।
यशराज कनिया कुमार, वैदिक एवं अंक ज्योतिषी