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Political : ‘शाह और शहंशाह’ लोकतंत्र के किरायेदार हैं, मकान मालिक नहीं : खेड़ा

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'Shah and Shahenshah' are tenants of democracy, not landlords: Kheda

नई दिल्ली। राहुल गांधी पर भारतीय जनता पार्टी के हमले के जवाब में कांग्रेस ने जबरदस्त पलटवार किया है। कांग्रेस ने साफ कहा कि उद्योगपति गौतम अडाणी को बचाने के लिए ‘जयचंदों की फौज’ खड़ी हो गई है। यह सब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के इशारे पर हो रहा है। पार्टी के मीडिया एवं प्रचार विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने यह भी कहा कि ‘शाह और शहंशाह’ को समझ लेना चाहिए कि वह दोनों लोकतंत्र के किरायेदार हैं, मकान मालिक नहीं हैं।

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देश को नहीं, दोस्त को तवज्जो

पवन खेड़ा ने संवाददाताओं से कहा कि यह बात शाह और शहंशाह दोनों जानते हैं कि राहुल गांधी माफी नहीं मांगेंगे। आप दोनों लोकतंत्र के किरायेदार हैं, मकान मालिक नहीं हैं। आप अपने आप को किरायेदार मानकर चलिए, मकान मालिक बनने की कोशिश मत करिये। खेड़ा ने दावा किया कि यह सब ड्रामा हो रहा है, क्योंकि राहुल गांधी प्रधानमंत्री के मित्र के कारनामों पर जवाब मांग रहे हैं। हम फिर जानना चाहते हैं कि आप जेपीसी का गठन क्यों नहीं करते? लोकतंत्र के जयचंद बनना है तो बनिए। अगर आप इस तरह से अपने देश को नहीं, दोस्त को तवज्जो देंगे तो आपको इतिहास में जयचंद कहा जाएगा।

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कॉमेडी शो वाले भाजपा के प्रवक्ता

कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि जयचंदों की एक पूरी फ़ौज बनायी गई है। इसका काम अडाणी के मुद्दे से ध्यान हटाना और राहुल गांधी के ख़िलाफ़ स्तरहीन भाषा बोलना है। माफीवीर, जिन्होंने आज़ादी के आंदोलन में एक नाखून नहीं कटाया, वे राहुल गांधी को लोकतंत्र का पाठ पढ़ा रहे हैं! कांग्रेस गंदगी का जवाब गंदगी से नहीं दे सकती। जिनको कॉमेडी शो में होना चाहिए, वह भाजपा के प्रवक्ता बने हुए हैं। यह सब प्रधानमंत्री के इशारे पर हो रहा है, ताकि अडाणी को बचाया जा सके।

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जेपीसी की मांग पर कायम कांग्रेस

संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण 13 मार्च से शुरू हुआ है। तब से ही भाजपा राहुल गांधी द्वारा भारत के लोकतंत्र के बारे में लंदन में दिए गए बयान को लेकर माफी मांगने की मांग पर अड़ी हुई है। जबकि कांग्रेस सहित कई विपक्षी दल अडाणी समूह से जुड़े मामले की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच कराने पर जोर दे रहे हैं।

सिर्फ एक बयान है विवाद की जड़

ज्ञात हो कि हाल ही में लंदन में एक कार्यक्रम में राहुल गांधी ने आरोप लगाया था कि भारतीय लोकतंत्र के ढांचे पर बर्बर हमला हो रहा है। उन्होंने अफसोस जताते हुए कहा था कि अमेरिका और यूरोप समेत दुनिया के लोकतांत्रिक हिस्से इस पर ध्यान देने में नाकाम रहे हैं। राहुल ने व्याख्यान में यह आरोप भी लगाया था कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भारत के लोकतांत्रिक ढांचे को नष्ट कर रहे हैं। पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष की इन टिप्पणियों से देश में एक नया राजनीतिक विवाद पैदा हो गया है।

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