Friday, 26 April 2024

Rajsthan Political News : भविष्यवक्ता भी उलझ गए हैं राजस्थान की राजनीति में, कुछ गहलोत के पक्ष में तो कोई पायलट को बनवा रहे मुख्यमंत्री

– महेश झालानी जयपुर। राजस्थान की राजनीति में क्या होने वाला है, इस बारे में कुछ भी कहने से अधिकतर…

Rajsthan Political News : भविष्यवक्ता भी उलझ गए हैं राजस्थान की राजनीति में, कुछ गहलोत के पक्ष में तो कोई पायलट को बनवा रहे मुख्यमंत्री

– महेश झालानी

जयपुर। राजस्थान की राजनीति में क्या होने वाला है, इस बारे में कुछ भी कहने से अधिकतर भविष्यवक्ता बचते नजर आए। देश के करीब तीन दर्जन ज्योतिषियों से राजस्थान कांग्रेस में चल रहे महासंग्राम की तस्वीर स्पष्ट करने के सम्बंध में सवाल पूछा गया तो केवल एक ज्योतिष पंडित विनोद शास्त्री ने डंके की चोट पर कहा कि अशोक गहलोत की कुर्सी को कोई खतरा नही है। जबकि दिल्ली के ज्योतिषाचार्य पंकज शर्मा ने दावा किया कि सचिन पायलट का सीएम की कुर्सी पर बैठना सुनिश्चित है। गहलोत के सितारे उनके फेवर में नही हैं। इसलिए सीएम की कुर्सी उनका साथ छोड़ देने वाली है।

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मैंने जयपुर, दिल्ली, भोपाल, इंदौर, पुणे, जालन्धर, अहमदाबाद आदि शहरों के 36 ज्योतिषियों से राजस्थान के वर्तमान राजनीतिक हालातों के बारे में सवाल पूछते हुए जानना चाहा कि क्या अशोक गहलोत मुख्यमंत्री पद पर बरकरार रहेंगे? यदि नही तो कौन होगा उनके स्थान पर मुख्यमंत्री। अधिकतर ज्योति​षी यह कहकर इस सवाल का जवाब देने से बचते रहे कि वे राजनीतिक प्रश्नों से दूर रहते हैं। जयपुर के वैशाली नगर स्थित एक ज्योतिषी ने स्पष्ट जवाब देने के बजाय गोलमाल जवाब दिया कि गहलोत का सूर्य बहुत उच्च है। उनके पास उपलब्ध कुंडली के अनुसार राजनीति में इस वक्त गहलोत के मुकाबले कोई प्रबल व्यक्ति नहीं है। ऐसा ही उच्च सूर्य वसुंधरा राजे की कुंडली में विराजमान है।

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जहां तक सचिन पायलट का सवाल है, वे बहुत ही योग्य, बुद्धिमान और कुशल प्रशासक हैं। जब मैंने पंडित जी से पलटकर यह कहा कि मैं उनकी खूबी नहीं पूछ रहा हूं तो वे बोले कि उनके ग्रह भी बहुत ही अनुकूल हैं। वे मुख्यमंत्री बन सकते हैं। इंदौर के ज्योतिषी नरेश व्यास का कहना था कि सचिन पायलट की बजाय सीएम की कुर्सी पर सीपी जोशी विराजमान हो सकते हैं। व्यास ने दावा किया कि गहलोत सीएम की कुर्सी छोड़कर दिल्ली जा सकते हैं।

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देश की सबसे बड़ी एस्ट्रोलॉजी एप एस्ट्रोसेज के मुताबिक, गहलोत के लिए 14 नवम्बर से 11 जनवरी, 23 तक का समय बहुत ही खराब है। गहलोत की जन्मतिथि 3 मार्च, 1951 के मुताबिक प्रयासों में असफलता अवसाद पैदा कर देगी। सांसारिक सुख के लिहाज से यह समय अच्छा नहीं है। इन पर ऐसी बातों के इल्जाम लगाए जा सकते हैं, जिनमें गहलोत की भूमिका नगण्य रही हो। साथ ही विरोधी छवि बिगाड़ने का प्रयास करेंगे।

पायलट की जन्मतिथि 7 सितम्बर, 1977 के मुताबिक कुंडली मिलान करने पर एस्ट्रोसेज का यह निचोड़ है कि 2 नवम्बर से लेकर 20 दिसम्बर, 22 का समय बहुत ही उत्तम और श्रेष्ठ है। इस अवधि में पायलट का आत्मविश्वास ही इन्हें लगातार विजय दिलाएगा। साथ ही सम्मान और प्रतिष्ठा हासिल करेंगे और परिवार में शुभ कृत्यों का आयोजन होगा। इन्हें सलाह दी गई है कि बुद्धिमता और पैनी अन्तर्दृष्टि से सही समय पर उचित निर्णय ले।

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राजस्थान के राजनीतिक हालात ऐसे हैं कि राजनीतिक विश्लेषकों के साथ साथ ज्योतिषी भी कोई पुख्ता भविष्यवाणी करने से कतरा रहे हैं। जब कांग्रेस पार्टी का आलाकमान ही पिछले तीन साल से कोई निर्णय करने में असहाय हो, ऐसे में कोई ज्योतिषी या पत्रकार कैसे भविष्यवाणी कर सकता है। हकीकत यह है कि यहां का मामला बहुत ही उलझा हुआ है। हालात ऐसे हैं कि “एक को मनाओ, दूसरा रूठ जाता है।”

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आलाकमान की सबसे बड़ी दिक्कत यही है कि वह किसी के पक्ष में कोई निर्णय लेने में कतरा रहा है। सचिन को मुख्यमंत्री बनाया जाता है तो गहलोत का रुष्ट होना या बगावत करना सुनिश्चित है। जबकि पिछले तीन साल से गहलोत सीने पर पायलट मूंग दल रहे हैं। एक दूसरे की भिड़ंत के कारण प्रदेश की जनता तो सैंडविच बन ही रही है, इसके साथ ही आलाकमान भी हैरान और परेशान है। उससे न उगलते बन रहा है और न ही निगलते।

29 नवम्बर को कांग्रेस के महासचिव केसी वेणुगोपाल जयपुर आ रहे हैं। उनके जयपुर दौरे का मकसद राहुल गांधी की भारत यात्रा के साथ साथ गहलोत और पायलट के बीच छिड़ी जंग का हल निकालना भी है। लेकिन, जिस तरह दोनों के बीच जबरदस्त युद्ध चल रहा है, उसका यथोचित हल इतना आसान नहीं है। गहलोत स्पष्ट रूप से घोषणा कर चुके हैं कि उन्हें किसी भी हालत में पायलट स्वीकार नहीं हैं। ऐसे में कोई तीसरा व्यक्ति बाजी मारेगा, इसकी संभावना कम नजर आती है। फिर भी राजनीति में कुछ भी सम्भव है। हो सकता है कि गहलोत हथियार डाल दें या फिर पायलट। यह भी सम्भव है कि दोनों ही अपनी बात पर अड़े रहें।

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