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Rajya Sabha : जेपीसी बनाम माफी मुद्दे पर राज्यसभा में जमकर हंगामा

Rajya Sabha

Fierce uproar in Rajya Sabha on JPC vs Apology issue

नई दिल्ली। बजट सत्र के दूसरे चरण के 13 मार्च से शुरू होने के बाद से संसद के दोनों सदनों में बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। गुरुवार को भारत के लोकतंत्र के बारे में लंदन में दिए गए बयान पर सत्ता पक्ष के सदस्यों द्वारा राहुल गांधी से माफी की मांग और कांग्रेस सहित कई अन्य विपक्षी दलों की ओर से अडाणी समूह से जुड़े मामले की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) गठित करने की मां पर राज्यसभा में जमकर हंगामा हुआ। इस वजह से राज्यसभा की कार्यवाही आरंभ होने के कुछ ही देर बाद अपराह्न दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। उच्च सदन में आज भी शून्यकाल और प्रश्नकाल हंगामे की भेंट चढ़ गया।

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सुबह सदन की कार्यवाही शुरू होने पर शहीद दिवस के अवसर पर पूरे सदन ने स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव की शहादत को याद कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। सदस्यों ने इस अवसर पर कुछ देर मौन भी रखा। इसके बाद सभापति जगदीप धनखड़ ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए। उन्होंने बताया कि नियम 267 के तहत, अडाणी समूह से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा कराने को लेकर उन्हें 12 नोटिस मिले हैं। धनखड़ ने कहा कि उन्हें कांग्रेस के प्रमोद तिवारी, अखिलेश प्रसाद सिंह और जेबी मेथर हाशेम सहित कुछ अन्य सदस्यों से नियम 267 के तहत नोटिस मिले है। उन्होंने कहा कि इन नोटिस के जरिए, अडाणी समूह के खिलाफ लेखा धोखाधड़ी और शेयर बाजार में हेरफेर के आरोपों की जांच के लिए जेपीसी गठित करने में सरकार की विफलता पर चर्चा की मांग की गई है।

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भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के इलामारम करीम ने अमेरिका स्थित शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा अडाणी समूह के खिलाफ लगाए गए आरोपों की उच्चतम न्यायालय की निगरानी में उच्च स्तरीय जांच कराए जाने की मांग करते हुए नोटिस दिया। द्रविड़ मुनेत्र कषगम के तिरुची शिवा ने भी अडाणी विवाद पर ही नोटिस दिया था। इसी बीच, सत्ता पक्ष के सदस्यों ने राहुल गांधी से माफी की मांग शुरु कर दी। उधर, कांग्रेस के सदस्य जेपीसी गठित करने की मांग करने लगे।

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सभापति ने कहा कि उन्होंने उच्च सदन में जारी गतिरोध दूर करने के लिए सदन के नेताओं की तीन बैठकें आयोजित कीं, लेकिन दो प्रमुख दल अपनी मांगों पर अडिग हैं। उन्होंने कहा कि दोनों दलों को आपस में चर्चा कर आगे का रास्ता निकालना चाहिए। उन्होंने सदन के सुचारू संचालन में सदस्यों का सहयोग मांगा। इसी दौरान सदन के नेता पीयूष गोयल खड़े हुए। उनके खड़े होते ही विपक्षी दलों के सदस्यों ने शोर-शराबा और हंगामा आरंभ कर दिया। गोयल ने कहा कि तमाम कोशिशों के बावजूद प्रमुख विपक्षी दल अड़ा हुआ है। उन्होंने कहा कि विपक्षी दल के एक नेता ने संसद, आसन और लोकतंत्र का अपमान किया है और इसके लिए उन्हें माफी मांगनी ही होगी।

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गोयल अभी बोल ही रहे थे कि विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे खड़े हो गए। उन्होंने अडाणी मुद्दे पर जेपीसी गठित करने की मांग दोहराई। खरगे जब बोल रहे थे, तब सत्ता पक्ष के सदस्यों ने शोर-शराबा और हंगामा तेज कर दिया। सदन में व्यवस्था न बनते देख देख सभापति धनखड़ ने बैठक अपराह्न दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण की शुरुआत से ही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्य कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा भारत के लोकतंत्र के बारे में लंदन में दिए गए बयान पर माफी मांगने की मांग पर अड़े हुए हैं जबकि कांग्रेस सहित कई विपक्षी पार्टियों के सदस्य अडाणी समूह से जुड़े मामले की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच कराने पर जोर दे रहे हैं। विपक्ष और सत्ता पक्ष के हंगामे के कारण पिछले सप्ताह उच्च सदन में ना तो प्रश्नकाल और ना ही शून्यकाल हो सका था। इस दौरान कोई अन्य महत्वपूर्ण विधायी कामकाज भी नहीं हो सका। बजट सत्र का दूसरा चरण 13 मार्च से शुरू हुआ है। यह छह अप्रैल तक प्रस्तावित है।

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