Monday, 4 November 2024

गरीबी की दलदल को पार करके हौंसले के दम पर बन गई अरबपति

Success Story of Jyothi Reddy :  ज्योति रेड्डी का नाम आपने जरूर सुना होगा। नहीं सुना है तो आपको ज्योति…

गरीबी की दलदल को पार करके हौंसले के दम पर बन गई अरबपति

Success Story of Jyothi Reddy :  ज्योति रेड्डी का नाम आपने जरूर सुना होगा। नहीं सुना है तो आपको ज्योति रेड्डी को जान लेना बहुत जरूरी है। ज्योति रेड्डी कोई साधारण महिला नहीं है। इस महिला ने करोड़ों महिलाओं को गजब की प्रेरणा देने वाला उदाहरण पेश किया है। ज्योति रेड्डी की सफलता की कहानी उन सबको जरूर जाननी चाहिए जो गरीबी को अपना भाग्य मान लेते हैं। ज्योति रेड्डी ने इतनी गरीबी देखी और झेली है जितनी गरीबी की कल्पना तक नहीं की जा सकती। गरीबी के भयानक दलदलर को पार करके ज्योति रेडडी अरबपति बन गई हैं।

मात्र 16 वर्ष में विवाह और 18 साल में दो बच्चे

गरीबी के दलदल को अपने हौंसले के दम पर हराने वाली ज्योति रेड्डी का पूरा जीवन प्रेरणा की जीती जागती मिसाल है। ज्योति रेड्डी मूल रूप से तेलंगाना प्रदेश की रहने वाली हैं। ज्योति रेड्डी के पिता दिहाड़ी-मजदूरी करते थे। भयंकर गरीबी के कारण पिता ने ज्योति को 8 साल की उम्र में अनाथालय भेज दिया था। वह कठिनाईयों के बीच पली-बढ़ीं। गरीब परिवार में पांच बच्चों में से दूसरी होने के नाते अनाथालय में रहते हुए उन्होंने सरकारी स्कूल में पढ़ाई की। ज्योति के जीवन में तब बड़ा बदलाव आया जब 16 साल की उम्र में उनकी शादी कर दी गई। 18 साल की उम्र में वह दो बेटियों की मां बन गईं थी।

आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण ज्योति को कभी सिर्फ 5 रुपये की मामूली दैनिक मजदूरी पर खेतों में काम तक करना पड़ा। उनकी जिंदगी में एक महत्वपूर्ण बदलाव तब आया जब केंद्र सरकार की एक योजना के तहत उन्हें टीचिंग का मौका मिला। हालांकि, यह इनकम नाकाफी थी। दिन में टीचिंग तथा रात में ज्योति रेडडी को सिलाई का काम भी करना पड़ता था। अपनी आार्थिक स्थिति सुधारने के लिए ज्योति रेड्डी ने मन में पक्की ठान रखी थी। 1994 में उन्होंने डॉ. बी.आर. अंबेडकर ओपन यूनिवर्सिटी से बीए की डिग्री हासिल की। फिर 1997 में काकतीय विश्वविद्यालय से पीजी किया। हालांकि, इन योग्यताओं की वजह से उन्हें अधिक कमाई करने में मदद मिली। लेकिन, 398 रुपये प्रति माह अभी भी अपर्याप्त था।

Success Story of Jyothi Reddy

ज्योति रेड्डी के जीवन में एक अन्य महत्वपूर्ण पड़ाव तब आया जब अमेरिका से आए एक रिश्तेदार ने ज्योति को विदेश में उपलब्ध मौकों का एहसास कराया। फिर ज्योति ने कंप्यूटर कोर्स किया। कंप्यूटर सीख जब ज्योति रेडडी परफैक्ट हो गई तो वह अमेरिका चली गईं।
अमेरिका में भी ज्योति का जीवन आसान नहीं था। उन्होंने पेट्रोल पंप पर काम किया। इसके अलावा बेबीसिटर के रूप में नौकरी करने सहित कई तरह के छोटे-मोटे काम किए। उनकी पहली ठीकठाक जॉब रिकू्रटमेंट प्रफेशनल के तौर पर थी। 2021 तक 40,000 डॉलर की बचत के साथ उन्होंने अपना खुद का कारोबार शुरू किया। इस पैसे से ज्योति ने Key Software Solutions नाम की कंपनी शुरू की। कंपनी धीरे-धीरे बढ़ी। 2017 में यह एक अरब डॉलर की कंपनी बन गई थी।

वर्ष-2017 आते-आते ज्योति रेडडी की कंपनी एक अरब डॉलर की कंपनी बन गई थी। वर्तमान की बात करें तो गरीबी के दलदल को पार करके हौंसले के दाम पर आगे बड़ी ज्योति रेडडी वर्तमान समय में अमेरिका की बहुत बड़ी पूंजीपति बन चुकी है। ज्योति रेडडी की सफलता की इस कहानी से प्रेरणा लेकर कोई भी जीवन में बड़े से बड़ा काम कर सकता है। Success Story of Jyothi Reddy

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