Wednesday, 16 April 2025

मुंबई: 26/11 हमलों की साजिश रचने वाला तहव्वुर राणा अब भारत की गिरफ्त में, क्या खुलेंगे ISI से जुड़े राज़?

नई दिल्ली: 2008 के मुंबई आतंकी हमलों में अहम भूमिका निभाने वाला तहव्वुर हुसैन राणा अब भारत की गिरफ्त में…

मुंबई: 26/11 हमलों की साजिश रचने वाला तहव्वुर राणा अब भारत की गिरफ्त में, क्या खुलेंगे ISI से जुड़े राज़?

नई दिल्ली: 2008 के मुंबई आतंकी हमलों में अहम भूमिका निभाने वाला तहव्वुर हुसैन राणा अब भारत की गिरफ्त में आने वाला है। अमेरिका की सुप्रीम कोर्ट ने राणा की प्रत्यर्पण याचिका को खारिज कर दिया है, जिससे भारत में उसके खिलाफ चल रही जांच और मुकदमों की राह अब पूरी तरह साफ हो गई है।

कौन है तहव्वुर राणा?

तहव्वुर राणा एक पाकिस्तानी मूल का कनाडाई नागरिक है, जो अमेरिका में बतौर व्यवसायी काम कर रहा था। वह पूर्व पाकिस्तानी सेना का डॉक्टर भी रह चुका है। राणा का नाम तब सामने आया जब उसके बचपन के दोस्त और अमेरिकी आतंकवादी डेविड कोलमैन हेडली ने खुलासा किया कि उसने भारत में रेकी करने के लिए राणा के इमीग्रेशन ऑफिस का इस्तेमाल किया था।

ISI से जुड़ाव की आशंका

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के अनुसार, तहव्वुर राणा का संपर्क पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI और आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से था। माना जा रहा है कि राणा से पूछताछ के दौरान ISI की भूमिका पर कई महत्वपूर्ण खुलासे हो सकते हैं।

26/11 हमले: इतिहास का सबसे भीषण आतंकी हमला

26 नवंबर 2008 को पाकिस्तान से आए 10 आतंकवादियों ने मुंबई पर हमला कर दिया था। तीन दिनों तक चले इस खूनी खेल में 166 निर्दोष लोगों की जान गई और 300 से ज्यादा लोग घायल हुए। इस हमले ने न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया को झकझोर कर रख दिया।

भारत में राणा की पूछताछ से क्या उम्मीदें हैं?

अब जबकि राणा को भारत लाया जा रहा है, एजेंसियां उम्मीद कर रही हैं कि उससे पूछताछ के बाद:

26/11 हमलों के पीछे की गहरी साजिश का पर्दाफाश होगा।

पाकिस्तान की ISI की भूमिका पर ठोस सबूत मिल सकते हैं।

हेडली के बयानों की पुष्टि या नई जानकारी सामने आ सकती है।

लश्कर-ए-तैयबा के नेटवर्क को और बेहतर तरीके से समझा जा सकेगा।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की कूटनीतिक जीत

तहव्वुर राणा का प्रत्यर्पण भारत के लिए सिर्फ कानूनी नहीं, बल्कि एक बड़ी कूटनीतिक जीत भी है। अमेरिका के साथ सहयोग और मजबूत होते संबंधों का यह नतीजा है कि वर्षों से लंबित यह मामला अब अपने निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुका है।

तहव्वुर राणा का भारत आना 26/11 के पीड़ितों के लिए न्याय की उम्मीद की नई किरण है। अब सबकी निगाहें इस पर टिकी हैं कि क्या राणा की गिरफ्तारी से ISI की भूमिका पर कोई बड़ा राज खुलेगा? क्या भारत को वह सबूत मिलेंगे जिनकी उसे लंबे समय से तलाश थी?

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