नई दिल्ली। वरिष्ठ पत्रकार डॉ. वेद प्रताप वैदिक का हृदय गति रुक जाने से मंगलवार की सुबह निधन हो गया। उनकी आयु 79 वर्ष थी। उनके निधन की खबर सुनकर प्रशंसक और मित्र उनके आवास पर जमा हो गए।
Tribute
Humble Tribute : नहीं रहे हिन्दी के अद्भुत हस्ताक्षर डॉ. वेद प्रताप वैदिक
पारिवार के लोगों के मुताबिक बुधवार 15 मार्च की सुबह 9 से दोपहर एक बजे तक उनका पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन के लिए उनके निवास स्थान 242, सेक्टर 55, गुरुग्राम में रखा जाएगा। दोपहर बाद शाम चार बजे नई दिल्ली के लोधी क्रेमेटोरियम में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
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डॉ. वेद प्रताप वैदिक भारत के प्रख्यात लेखक, पत्रकार, विचारक व स्वप्नद्रष्टा रहे हैं। उनके विचार, स्वप्न, लेखन और पत्रकारिता सहज ही हमारे दिलो दिमाग में घर कर जाते हैं। उनकी पहचान यहीं तक सीमित नहीं है। वह हिंदी के प्रखर समर्थक रहे हैं। सच कहें तो डॉ. वेद प्रताप वैदिक हिंदी भाषा के सिर्फ प्रबल समर्थक ही नहीं, समूचा आंदोलन थे, या यूं कहें कि वह हिंदी सत्याग्रही थे। उनका हमारे बीच से यूं अचानक चले जाना गहरी टीस दे गया। बेशक वह आज हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनकी काबिलियत और महान शख्सियत हमेशा हमें उनकी याद दिलाती रहेगी।
Heartfelt Tribute : ‘हिन्दी संघर्ष’ के राष्ट्रीय प्रतीक थे डॉ. वेद प्रताप वैदिक
डाॅ. वेदप्रताप वैदिक की गणना उन राष्ट्रीय अग्रदूतों में होती है, जिन्होंने हिंदी को मौलिक चिंतन की भाषा बनाया और भारतीय भाषाओं को उनका उचित स्थान दिलवाने के लिए सतत संघर्ष और त्याग किया। महर्षि दयानंद, महात्मा गांधी और डाॅ. राममनोहर लोहिया की महान परंपरा को आगे बढ़ानेवाले योद्धाओं में वैदिक जी का नाम अग्रणी है।
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