Wednesday, 2 April 2025

Tribute : नहीं रहे आतंकी हाफिज सईद का इंटरव्यू करने वाले वरिष्ठ पत्रकार वेद प्रताप वैदिक

नई दिल्ली। वरिष्ठ पत्रकार वेद प्रताप वैदिक का 78 साल की उम्र में निधन हो गया। बताया गया है कि…

Tribute : नहीं रहे आतंकी हाफिज सईद का इंटरव्यू करने वाले वरिष्ठ पत्रकार वेद प्रताप वैदिक

नई दिल्ली। वरिष्ठ पत्रकार वेद प्रताप वैदिक का 78 साल की उम्र में निधन हो गया। बताया गया है कि मंगलवार सुबह वह नहाने गए थे, लेकिन काफी देर तक बाहर नहीं आए। सुबह करीब साढ़े नौ बजे परिवार के लोगों ने दरवाजा तोड़ा, तब वे अंदर बेसुध मिले। इसके बाद उन्हें घर के पास स्थित प्रतीक्षा अस्पताल ले जाया गया। वहां डॉक्टरों ने बताया कि उनका निधन काफी देर पहले ही हो चुका है। उनके निधन से पत्रकार जगत में शोक व्याप्त है। चेतना मंच परिवार की ओर से उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि।

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पाकिस्तान में अतंकी हाफिज सईद का इंटरव्यू कर चर्चा में आए डॉ. वेद प्रताप वैदिक एक राजनीतिक विश्लेषक और स्वतंत्र स्तंभकार थे। डा. वैदिक प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया की हिंदी समाचार एजेंसी ‘भाषा’ के संस्थापक-संपादक के रूप में जुड़े हुए थे। वह पहले टाइम्स समूह के नवभारत टाइम्स में संपादक (विचार) थे। वह भारतीय भाषा सम्मेलन के अंतिम अध्यक्ष थे। वेद प्रताप वैदिक ने पाकिस्तान में आतंकी हाफिज सईद का इंटरव्यू लिया था। उसके बाद वह काफी चर्चित हुए।

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वरिष्ठ पत्रकार वैदिक का जन्म 30 दिसंबर 1944 को मध्य प्रदेश के इंदौर में हुआ था। इंटरनेशनल पॉलिटिक्स में उन्होंने जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) से पीएचडी की थी। चार साल तक वह दिल्ली में राजनीति शास्त्र के टीचर भी रहे। दर्शन और राजनीतिशास्त्र में उनकी खूब दिलचस्पी थी।

अफ़गानिस्तान में शोध के दौरान वैदिक को न्यूयार्क की कोलम्बिया यूनिवर्सिटी, लंदन ओरिजिनल स्टडी इंस्टीट्यूट, मॉस्को एकेडमी ऑफ साइंस और काबुल यूनिवर्सिटी में स्टडी का विशेष मौका मिला। उन्होंने लगभग 50 देशों की यात्रा की। वैदिक संस्कृत, हिन्दी, उर्दू, फारसी, रूसी और अंग्रेजी के जानकार थे। अंग्रेजी पत्रकारिता के मुकाबले हिन्दी में बेहतर पत्रकारिता का युगारंभ करने वालों में डॉ. वैदिक का नाम अग्रणी था। साल 1958 में प्रूफ रीडर के तौर पर वह पत्रकारिता में आए थे। पहले सह—सम्पादक और फिर सम्पादक (विचार) के पद पर वह 12 साल तक ‘नवभारत टाइम्स’ में रहे।

डॉक्टर वैदिक पत्रकारिता, राजनीतिक चिंतन, अंतरराष्ट्रीय राजनीति, और हिंदी के क्षेत्र में लंबे समय तक काम किया। अंतरराष्ट्रीय मामलों में जानकार होने के साथ ही उनकी रुसी, फारसी, जर्मन और संस्कृत भाषा पर पकड़ रही। डॉ. वैदिक नेे जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के ‘स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज’ से अंतरराष्ट्रीय राजनीति में पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। वे भारत के ऐसे पहले विद्वान हैं, जिन्होंने अपना अंतरराष्ट्रीय राजनीति का शोध-ग्रंथ हिन्दी में लिखा। उन्होंने अपनी पीएचडी के शोधकार्य के दौरान न्यूयार्क की कोलंबिया यूनिवर्सिटी, मॉस्को के ‘इंस्तीतूते नरोदोव आजी’, लंदन के ‘स्कूल ऑफ ओरिंयटल एंड अफ्रीकन स्टडीज़’ और अफगानिस्तान के काबुल विश्वविद्यालय में अध्ययन और शोध किया।

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