Unclaimed Bank Diposits : कई भारतीय बैंकों से मिली जानकारी के मुताबिक एसबीआई और पंजाब नेशनल बैंक समेत कई सरकारी बैंकों में 42000 करोड़ से भी अधिक का धन ऐसा है जिसे लेने वाला कोई नही है। दुनिया भर में कोविड से करोड़ों लोगों की मौत हो गई थी। भारत पर इससे अछूता नहीं रहा था । कोविड के तूफान ने लाखों परिवारों को लील लिया था। कई लोगों की असमय ही मौत हो गई थी, कई परिवार अनाथ हो गए थे। ऐसे में आर्थिक चीजों का ध्यान कौन रख पाता ।
बैंकों में 42000 करोड़ से भी अधिक का धन है जिसे क्लेम करने वाला कोई नहीं
कोविड के 2 साल बीत जाने के बाद भी कई भारतीय बैंकों से मिली जानकारी के मुताबिक एसबीआई (SBI) और पंजाब नेशनल बैंक (PNB) समेत कई सरकारी बैंकों में 42000 करोड़ से भी अधिक का धन है जिसे क्लेम करने वाला कोई नहीं है। माना जा रहा है कि यह उन लोगों के खाते हो सकते हैं जिनकी कोविड में मौत हो गई या उनके परिवार को इसके बारे में कुछ पता नहीं था । और केवल सेविंग खाते ही नहीं, ऐसे फिक्स डिपाजिट खाते भी हैं जिनकी जानकारी लेने वाला कोई नहीं है। यह सभी खाते इन ऑपरेटिव (in operative) पड़े हैं। आपको बता दें कि इतनी बड़ी रकम इन बैंकों में यूं ही पड़ी है। हालांकि पहले भी ऐसा होता था लेकिन कोविड के बाद इस तरह के पैसे में ढाई गुना तक की वृद्धि देखी गई है और अधिकांश मामलों में यह वह बचत खाते हैं जो इन ऑपरेटिव हो गए हैं या काफी दिनों से उसमें कोई लेनदेन नहीं हो रहा है।
Unclaimed Bank Diposits में ढाई गुना तक की वृद्धि
कई ऐसे फिक्स डिपाजिट भी हैं जिनको लेने या तोड़ने कोई नहीं आया है। यह वह Unclaimed Bank Diposits है जो बैंक के पास यूं ही पड़ा है । कोविड के दौरान लोगों की जिंदगियां उथल-पुथल हो गई थी। लोगों की जिंदगी में भूचाल आ गया था । एक आंकड़े के मुताबिक भारतीय बैंकों में दिसंबर 2022 में लगभग 39 हजााऱ करोड़ की ऐसी धनराशि थी जिसका क्लेम करने वाला कोई नहीं था। जबकि 2019 में बैंकों में अनक्लेम़ड धनराशि 18379 करोड़ थी जो की कोविड के बाद दिसंबर 2022 में बढ़कर 39900 करोड रुपए हो गई थी Unclaimed राशि में इतनी बड़ी वृद्धि कोविड के बाद ही देखी गई थी। देश भर में सभी तरह के बैंक चाहे पब्लिक सेक्टर बैंक हो या प्राइवेट सेक्टर, फॉरेन खाते या फिर ग्रामीण बैंक सभी बैंकों में कुल मिलाकर इस तरह की राशि मार्च 2023 में 42270 करोड़ की Unclaimed राशि बन गई और यह आंकड़ा भारत की संसद द्वारा सामने लाया गया ।
क्या होता है Unclaimed Bank Diposits का
आपको बता दे कि भारत के सबसे बड़े पब्लिक सेक्टर बैंक एसबीआई में यह राशि सबसे ज्यादा है, जहां 8000 करोड़ से भी अधिक की राशि Unclaimed है। दूसरे नंबर पर पंजाब नेशनल बैंक में 5000 करोड़ से भी अधिक की राशि Unclaimed है। इसके अलावा प्राइवेट सेक्टर के बैंक की बात करें तो आइसीआइसीआइ (ICICI BANK) बैंक में भी 1000 करोड़ से अधिक की राशि Unclaimed है। ऐसे ही एचडीएफसी बैंक (HDFC) में 447 करोड़ की राशि Unclaimed है। कोविड के बाद, बिना किसी नामांकन के, मृत ग्राहकों के खातों और जमा के कारण शेष राशि में वृद्धि हुई है। आर्थिक विशेषज्ञो का कहना है, कभी-कभी नामांकित व्यक्ति दावा करने के लिए आगे नहीं आते हैं। जमा का दावा करने के लिए किसी को भी उनकी शाखाओं में जाना होता है। और यदि आप कानूनी उत्तराधिकारी हैं, तो पैसे का दावा करने से पहले आपको बहुत सारे दस्तावेज़ों को पूरा करना होता है , जिसमेँ काफी जटिलताओं का सामना करना पड़ता है।
आरबीआई ने बनाया ऑनलाइन पोर्टल UDGAM
इससे निपटने के लिए, आरबीआई (RBI ) ने पिछले साल एक ऑनलाइन पोर्टल UDGAM (लावारिस जमा-सूचना तक पहुंचने का प्रवेश द्वार) भी लॉन्च किया था, ताकि उपयोगकर्ताओं को केंद्रीकृत तरीके से कई बैंकों में दावा न किए गए जमा की खोज करने में मदद मिल सके। मार्च 2024 तक, 30 बैंक UDGAM का हिस्सा बन चुुुके हैं, जो लावारिस धन पर जानकारी प्रदान करते हैं। आरबीआई ने बैंकों को बड़ी लावारिस रकम की नियमित समीक्षा करने और ऐसे ग्राहकों तक पहुंचने का भी निर्देश दिया है। विश्लेषकों का कहना है कि अकाउंट एग्रीगेटर प्रणाली जैसी तकनीक-संचालित पहल, जो किसी व्यक्ति के सभी बैंक खातों को एक केंद्रीय ढांचे से जोड़ती है, बैंकों के पास पड़े लावारिस धन को कम करने में मदद कर सकती है।