Saharanpur news : गृहकलह ने उजाड़ा घर : पत्नी की हत्या कर पति ने भी दी जान

16dbp02
locationभारत
userचेतना मंच
calendar16 Sep 2021 06:01 PM
bookmark

सहारनपुर। गृहकलह के चलते पत्नी की हत्या कर पति ने भी फांसी के फंदे पर लटक कर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। दिल दहला देने वाली इस घटना का खुलासा मृतक की जेब से मिले सुसाइड नोट से हुआ है। पुलिस ने दोनों शवों को कब्जे में लेकर पोस्ट मार्टम के लिए भेज दिया है। अचानक हसता खेलता घर उजड़ जाने से परिवारजनों का रो-रोकर बुरा हाल बना हुआ है।

देवबंद कोतवाली क्षेत्र के गांव धर्मपुर सरागवी निवासी 26 वर्षीय दलीप कुमार का विवाह करीब डेढ़ वर्ष पूर्व थाना कुतुबशेर के गांव दब्बलपुर बेतिया निवासी 22 वर्षीय प्रतिभा से हुआ था। लेकिन शादी के बाद दोनों के बीच सबकुछ ठीक नहीं चल रहा था। जिसके चलते दलीप उत्तराखंड में किसी कम्पनी में सुरक्षा गार्ड के रूप में काम करने चला गया। दस दिन पूर्व दलीप की पत्नी ने एक बेटे को जन्म दिया था जिसके चलते वह छुट्टी लेकर घर आया था। इसी दौरान घर में कुछ परिस्थितियां ऐसी बनी कि दलीप अपने होश हवास खो बैठा और बुधवार की रात उसने अपनी पत्नी की गला दबाकर हत्या कर दी। जिसके बाद उसने खुद भी फांसी के फंदे पर लटक कर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। गृहकलह के चलते हुई इस दिल दहला देने वाली घटना का खुलासा मृतक दलीप की जेब से मिले सुसाइड नोट से हुआ है। जिसमें उसने खुद अपनी पत्नी की हत्या कर आत्महत्या कर लेने की बात लिखी है। कोतवाली प्रभारी योगेश शर्मा ने बताया कि मृतक के पास से एक सुसाईड नोट मिला है। जिसमें घटना की वजह गृहकलह लिखी गई है। मृतक दम्पत्ति के शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। प्रतिभा की मौत कैसे हुई इसका सही कारण पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही पता चलेगा।

मेरे बेटे का नाम रखा जाए यश मृतक दलीप ने जिस सुसाइड नोट में पत्नी की हत्या कर अपनी जीवन लीला समाप्त कर लेने की बात लिखी है। इसी सुसाइड नोट में दलीप ने अपनी आखिरी इच्छा व्यक्त करते हुए अपने नवजात शिशु का नाम यश रखे जाने की बात कही है। दलीप ने सुसाइड नोट में यह भी कहा है कि मेरा बच्चा मेरी मां के हवाले कर दिया जाए। और मेरी मां और दोनों बहनों के आने तक मेरा अंतिम संस्कार नहीं किया जाए।

अगली खबर पढ़ें

केंद्र की सख्ती,असली दूध की श्रेणी से सोया व बादाम मिल्क जैसे वनस्पति पेय हुए बाहर

Dairy milk
monsoon
locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 03:34 AM
bookmark

केंद्र सरकार ने असली दूध बनाम नकली दूध की लड़ाई में सोया मिल्क व बादाम मिल्क को बड़ा झटका देते हुए उन्हें असली दूध की श्रेणी से बाहर कर दिया है। इस फैसले के बाद अब भारत मे कोई कंपनी वनस्पति आधारित पेय को दूध कह कर नहीं बेच सकेगी।

भारत की खाद्य नियामक संस्था, फूड सेफ्टी स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया(एफएसएसएआई) ने वनस्पति आधारित पेय पदार्थों मसलन बादाम का दूध,सोया को दूध,अखरोट का दूध आदि बनाने वाली कंपनियों निर्देश दिया है कि वे अपनी प्रचार सामग्रियों और लेबल से मिल्क या दूध शब्द को तत्काल हटा लें। साथ ही ई कामर्स कंपनियों से भी कहा गया है कि वे इन उत्पादों को अपने मिल्क या डेयरी सेक्शन से हटा दें। इसके चलते अब अमेजॉन इंडिया,फ्लिपकार्ड,बिगबास्केट और ग्रोफर्स जैसी ई कामर्स प्लेटफार्म पर डेयरी कटेगरी में बादाम और सोया मिल्क जैसे पेय पदार्थ नहीं मिलेंगे। बतादें कि भारत लंबे समय से डेयरी उद्योग ने इसको लेकर एफएसएसएआई के पास शिकायत दर्ज करा इन्हें डेयरी श्रेणी से बाहर करने की मांग करता रहा था। अब जाकर डेयरी उद्योग को सफलता मिली और असली दूध की श्रेणी से वनस्पति पेयों को बाहर कर दिया गया है।

अगली खबर पढ़ें

Political News: कोरोना से हुई मौतों को लेकर कांग्रेस ने केंद्र पर साधा निशाना

Congress
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 09:39 AM
bookmark

कोरोनाकाल में हुई लोगों की मौत के आंकड़ों को कथित तौर छुपाने को लेकर कांग्रेस ने केंद्र पर बड़ा हमला किया है।पार्टी ने मामले की आपराधिक जांच कराने की मांग करते हुए आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार व आईसीएमआर ने जानबूझकर मौत के आंकड़ों को छुपा लिया।

कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अजय माकन ने कहाकि कोरोना के चलते देश में लाखों ऐसे लोगों की जान चली गई,जिनका कोई आंकड़ा ही नहीं है। इसकी जांच कर सच सामने लाया जाना चाहिए। उन्होंने कहाकि आईसीएमआर व अन्य संगठनों मे काम करने वाले वरिष्ठ वैज्ञानिक भी कोरोना प्रबंधन की अनियमितताओं को लेकर अब आगे आ रहे हैँ। उन्होंने आईसीएमआर में राजनीतिक हस्तक्षेप और डेटा की हेराफेरी की ओर इशारा किया है। माकन ने कहाकि अगर कोरोना प्रबंधन में राजनीतिक हस्तक्षेप न होता तो लाखों मौतों को रोका जा सकता था। इन अस्वाभाविक मौतों को लेकर केंद्र सरकार और उसकी एजेंसी आईसीएमआर पर आपराधिक मुकदमा चलाया जाना चाहिए। अभिनेता सोनू सूद के घर पर हुए आयकर के छापे पर भी उन्होंने कहाकि भाजपा हर एजेंसी का इस्तेमाल अपने राजनीतिक हित के लिए करती है। सोनू सूद की राजनीतिक सक्रियता रोकने के लिए आयकर एजेंसी का इस्तेमाल किया जा रहा है।