​एलओसी पर पाक सैनिकों ने की घुसपैठ, भारतीय जवानों ने चार को मार गिराया

Loc
Intrusion On LOC
locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Apr 2025 09:03 PM
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Intrusion On LOC : जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर पाकिस्तानी सेना द्वारा घुसपैठ और संघर्ष विराम उल्लंघन की घटना सामने आई है। 1 अप्रैल 2025 को कृष्णा घाटी सेक्टर में पाकिस्तानी सैनिकों ने भारतीय सीमा में घुसपैठ की, जिसके परिणामस्वरूप बारूदी सुरंग में विस्फोट हुआ। इसके बाद, पाकिस्तानी सेना ने बिना उकसावे के गोलीबारी शुरू की, जिसका भारतीय सेना ने नियंत्रित और संतुलित तरीके से जवाब दिया। ​

जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तानी सेना के चार से पांच जवान मारे गए

सूत्रों के अनुसार, इस जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तानी सेना के चार से पांच जवान मारे गए हैं, हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। भारतीय सेना ने स्पष्ट किया है कि इस संघर्ष में उसकी ओर से कोई जान-माल का नुकसान नहीं हुआ है। ​भारतीय सेना ने 2021 में दोनों देशों के बीच हुए डीजीएमओ समझौते के तहत एलओसी पर शांति बनाए रखने के महत्व को दोहराया है। सेना के प्रवक्ता ने कहा कि स्थिति नियंत्रण में है और इस पर करीबी नजर रखी जा रही है। ​

कठुआ में चल रहा था आतंकियों के खिलाफ अभियान

यह घटना ऐसे समय में हुई है जब कठुआ जिले के पंजतीर्थी इलाके में आतंकवादियों के खिलाफ अभियान चल रहा है। 31 मार्च की रात को संदिग्ध गतिविधि देखे जाने के बाद भारतीय सेना, जम्मू-कश्मीर पुलिस और सीआरपीएफ ने संयुक्त अभियान शुरू किया था, जो अभी भी जारी है। ​इस बीच, भारतीय सेना एलओसी पर सतर्कता बनाए हुए हंै और किसी भी संभावित घुसपैठ या संघर्ष विराम उल्लंघन का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए तैयार है।

यूनुस के बयान से नाराज त्रिपुरा के राजकुमार की कड़ी प्रतिक्रिया

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यूनुस के बयान से नाराज त्रिपुरा के राजकुमार की कड़ी प्रतिक्रिया

Unus
Chicken Neck
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 05:39 PM
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Chicken Neck : बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस की हालिया चीन यात्रा के दौरान दिए गए बयान पर भारत के पूर्वोत्तर राज्यों में तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं। यूनुस ने कहा था कि भारत के पूर्वी हिस्से के सात राज्यों, जिन्हें 'सेवन सिस्टर्स' कहा जाता है, वे चारों ओर से जमीन से घिरे हुए हैं और उनकी समुद्र तक पहुंच नहीं है। उन्होंने बांग्लादेश को इस क्षेत्र के लिए महासागर का एकमात्र संरक्षक बताया और इसे चीन के लिए एक बड़ा अवसर करार दिया। ​

बांग्लादेश के कुछ हिस्सों को भारत में शामिल करें

त्रिपुरा के पूर्व शाही परिवार के सदस्य और टिपरा मोथा पार्टी के प्रमुख प्रद्योत माणिक्य ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने सुझाव दिया कि भारत को उन बांग्लादेशी क्षेत्रों को अपने अधीन ले लेना चाहिए जो हमेशा से भारत का हिस्सा बनना चाहते थे, जिससे पूर्वोत्तर राज्यों को सीधे समुद्री मार्ग तक पहुंच मिल सके। उन्होंने चटगांव हिल ट्रैक्ट्स का उल्लेख करते हुए कहा कि यह क्षेत्र हमेशा से आदिवासी समुदायों का रहा है जो भारत में शामिल होना चाहते थे, और वहां के लोग दयनीय स्थिति में रह रहे हैं। ​

यूनुस का बयान अपमानजनक और निंदनीय

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने भी यूनुस के बयान को अपमानजनक और निंदनीय बताया है। उन्होंने कहा कि यह बयान भारत के रणनीतिक 'चिकन नेक' कॉरिडोर की संवेदनशीलता को दर्शाता है और इस महत्वपूर्ण गलियारे को काटने की बात करना खतरनाक संकेत है। सरमा ने केंद्र सरकार से अपील की कि वह पूर्वोत्तर और भारत के अन्य हिस्सों के बीच सड़क और रेल संपर्क को तेजी से विकसित करे।

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भारत पर नहीं चलेगी ट्रंप की टैरिफ वाली दादागिरी, मौजूद है बचाव

Tramp
Tariff Policy
locationभारत
userचेतना मंच
calendar30 Nov 2025 07:06 PM
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Tariff Policy : अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने टैरिफ नीति के नाम पर दुनिया भर में तहलका मचा रखा है। डोनाल्ड ट्रंप टैरिफ नीति के नाम पर पूरी दुनिया के ऊपर अमेरिका की दादागिरी को थोपना चाहते हैं। भारत के ऊपर भी ट्रंप की टैरिफ वाली दादागिरी चलाने का प्रयास किया जा रहा है। पूरी दुनिया में भारत को जानने वालों का दावा है कि ट्रंप की दादागिरी चलने वाली नहीं है। भारत के पास ट्रंप की टैरिफ नीति से बचाव के सभी हथियार मौजूद हैं।

भारत के पास मौजूद है ट्रंप की टैरिफ नीति से बचाव के हथियार

हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump)ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक चतुर व्यक्ति हैं, उनके महान मित्र हैं और भारत के साथ नई द्विपक्षीय व्यापार वार्ता के तहत टैरिफ पर अच्छी तरह काम हो रहा है। यह बात महत्वपूर्ण है कि भारत और अमेरिका के बीच नई दिल्ली में व्यापार प्रतिनिधियों की वार्ता सफलतापूर्वक संपन्न हुई। इसमें जीरो फॉर जीरो पर सहमति के संकेत आगे बढ़े हैं। इसमें कोई दो मत नहीं कि चीन, कनाडा और यूरोपीय संघ के विपरीत भारत द्वारा अमेरिका के साथ पारस्परिक शुल्क पर सहमति से आगे बढ़ने की रणनीति से भारत के खाद्यान्न और खाद्य प्रसंस्कृत उत्पादों के निर्यात के लिए अमेरिका सहित पूरी दुनिया में नए अवसर भी सामने आ सकते हैं। यकीनन जिस तरह पांच साल पहले कोरोना से जंग में खाद्यान्न भंडार देश के हथियार बन गए थे, उसी प्रकार इस समय अमेरिका के टैरिफ की मार के साथ-साथ शुल्क व गैर-शुल्क बाधाओं को कम करने से होने वाली किसी भी प्रकार की हानि को कम करने के मद्देनजर भारत में रिकॉर्ड खाद्यान्न उत्पादन और रिकॉर्ड खाद्य प्रसंस्करण उत्पाद एक मजबूत हथियार दिखाई दे रहे हैं। चूंकि 2025 में वैश्विक स्तर पर खाद्यान्न उत्पादन में कर्मी के आकलन प्रस्तुत हुए हैं, ऐसे में ट्रंप के टैरिफ से भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में होने वाली 3 से 3.5 फीसदी हानि की बहुत कुछ भरपाई खाद्यान्न और कृषि प्रसंस्करण के निर्यात से भी की जा सकेगी।

भारत को अपने संसाधनों पर है पूरा भरोसा

प्रधानमंत्री मोदी के मुताबिक इस समय भारत दुनिया - की नई खाद्य टोकरी और वैश्विक खाद्य सुरक्षा के प्रतिबद्ध देश के रूप में रेखांकित हो रहा है। यदि हम वर्ष 2024-25 के लिए जारी मुख्य कृषि कृषि फसलों (खरीफ एवं रबी) के उत्पादन के दूसरे अग्रिम अनुमान की ओर देखें, तो चावल, गेहूं, मक्का, मूंगफली एवं सोयाबीन के साथ-साथ तुअर और चना के भी रिकॉर्ड उत्पादन की उम्मीद जताई गई है। वर्ष 2024-25 के सकल घरेलू उत्पाद में (जीडीपी) में कृषि और संबद्ध क्षेत्रों के योगदान में 4.6 फीसदी की वृद्धि हो सकती है। पिछले वर्ष यह वृद्धि दर 2.7 फीसदी थी। इसके अतिरिक्त भारत का खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र भी एक ऐसा उभरता उद्योग है, जिसमें पिछले 10 वर्षों में 50 हजार करोड़ रुपये से अधिक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) हुआ है। 'देश के कुल कृषि निर्यात में प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों की हिस्सेदारी 13.7 से बढ़कर करीब 24 प्रतिशत हो गई है। इस परिप्रेक्ष्य में पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (पीएचडीसीसीआई) की खाद्य प्रसंस्करण पर प्रकाशित शोध अध्ययन रिपोर्ट कहती है कि भारत के खाद्य प्रसंस्करण का क्षेत्र वर्ष 2023 में 307 अरब डॉलर का था, इसके तेजी से बढ़कर वित्त वर्ष 2030 तक 700 अरब डॉलर, वर्ष 2035 तक 1100 अरब डॉलर, वर्ष 2040 तक 1500 अरब डॉलर और वर्ष 2047 तक 2150 अरब डॉलर तक की ऊंचाई पर पहुंचने की उम्मीद है। कृषि के बुनियादी ढांचे और निवेश परं पिछले एक दशक में रणनीतिपूर्वक ध्यान दिए जाने के अच्छे परिणाम मिले हैं। 24 फरवरी, 2025 तक पीएम किसान 'सम्मान निधि के जरिये देश के 9.8 करोड़ से अधिक किसानों को 19 किश्तों में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के माध्यम से 3.68 लाख करोड़ रुपये की आर्थिक मदद, तो वहीं पीएम स्वामित्व योजना के तहत फरवरी 2025 तक देश के छह लाख गांवों में से आधे से अधिक गांवों का सर्वे पूरा हो चुका है, और सवा दो करोड़ ग्रामीणों को प्रॉपर्टी कार्ड मिल चुके हैं। एक अप्रैल से प्रभावी हुए केंद्रीय बजट 2025-26 में कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों और ग्रामीण विकास को उच्च प्राथमिकता दी गई है। निश्चित रूप से. ट्रंप के टैरिफ से इस समय देश की आर्थिकी को होने वाले किसी भी नुकसान की भरपाई के साथ भविष्य में अन्य किसी भी वैश्विक 'आर्थिक चुनौती का मुकाबला करने के लिए सरकार द्वारा कृषि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को संवारने की डगर पर लगातार तेजी से आगे बढ़ना होगा। Tariff Policy : चूंकि भारत में अब भी अनाज, दाल व तिलहन के उत्पादने का स्तर तो मौसम पर निर्भर ही होता है और कंभी जरूरत से कम तो कभी जरूरत से ज्यादा बारिश इनके उत्पादन के सारे गणित को गड़बड़ कर देती है, ऐसे में क्षेत्रवार और फसलवार आधार का व्यापक अध्ययन करते हुए सिंचाई की व्यवस्था की नई नीति तैयार की जानी लाभप्रद होगी। इस बात पर भी ध्यान देना होगा कि इस समय देश का अनुमानित खाद्यान्न उत्पादन 33 करोड़ टन से अधिक है, जबकि, भंडारण क्षमता कुल उत्पादन के आधे से भी कम है, ऐसे में अनाज बर्बाद होने से बचाने के लिए देश में 2028 तक सहकारी क्षेत्र में 700 लाख टन अनाज भंडारण की नई क्षमता विकसित करने की महत्वाकांक्षी योजना के तेजी, से कारगर क्रियान्वयन पर ध्यान देना होगा। Tariff Policy :

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