Maharashtra: पुलिस ने महिलाओं को हनुमान चालीसा का पाठ करने से रोका

17 10
Maharashtra News
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 11:05 PM
bookmark
Maharashtra : नागपुर (महाराष्ट्र)। अपनी मांगों की ओर ध्यान आकर्षित करने के लिए हनुमान चालीसा का पाठ करने उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के कार्यालय जा रही महिला स्व-सहायता समूहों की सदस्यों को पुलिस ने सोमवार को रोक दिया।

Maharashtra News

पड़ोसी क्षेत्र वर्धा से आईं महिला स्व-सहायता समूहों की सदस्य फडणवीस के गृह नगर नागपुर में एक हफ्ते से प्रदर्शन कर रही हैं। वे मानदेय जारी करने की मांग कर रही हैं, जिस बारे में उनका दावा है कि इसे सरकार ने रोक रखा है। प्रदर्शन का रविवार को आह्वान किये जाने के बाद नागपुर पुलिस ने फडणवीस के कार्यालय की सुरक्षा बढ़ा दी। फडणवीस नागपुर दक्षिण-पश्चिम विधानसभा सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं और वर्धा जिले के प्रभारी मंत्री हैं। प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व कर रहे निहाल पांडे ने कहा कि उन्होंने अपनी मांगों को रेखांकित करने के लिए संविधान चौक से त्रिकोनी पार्क तक मार्च करने की योजना बनाई थी। पांडे ने कहा कि मानदेय के बगैर जीवन-यापन कर पाना इन महिलाओं के लिए मुश्किल हो गया है। फडणवीस ने प्रदर्शनकारियों से मुलाकात नहीं की, जबकि वे एक हफ्ते से प्रदर्शन कर रही हैं। सीताबुलबी पुलिस थाने के एक अधिकारी ने बताया कि प्रदर्शनकारियों को उस वक्त रोक दिया गया, जब वे उप मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर बढ़ रहे थे।

Jammu and Kashmir में दिया जाएगा बकरे के मांस की बि​क्री को बढ़ावा, 329 करोड़ रुपये की परियोजना को मंजूरी

देश विदेश की खबरों से अपडेट रहने लिए चेतना मंच के साथ जुड़े रहें। देश-दुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमें फेसबुकपर लाइक करें या ट्विटरपर फॉलो करें।
अगली खबर पढ़ें

Political News : राम मंदिर के हक में फैसला सुनाने वाले जजों को क्या मिला इनाम?

Judge
What was the reward given to the judges who gave the verdict in favor of Ram Mandir?
locationभारत
userचेतना मंच
calendar13 Feb 2023 09:22 PM
bookmark
नई दिल्ली। अयोध्या में राम मंदिर को हिन्दुओं की अस्मिता का सवाल बनाने वाले भाजपा शासित केंद्र की सत्ता ने मंदिर निर्माण के पक्ष में फैसला देने वाले जजों को सुप्रीम कोर्ट से रिटायर होने के बाद पुरस्कार से नवाजा है। इनमें एक जज मौजूदा समय में सुप्रीम अदालत के मुखिया हैं। सरकार के इस फैसले का विपक्षी दल आलोचना कर रहे हैं, लेकिन सत्ताधीशों का मनना है कि समर्थन करने वालों को इनाम मिलना ही चाहिए।

Political News

अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के पक्ष में फैसला देने वाली पांच जजों की पीठ की अध्यक्षता पूर्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने की थी। रंजन गोगोई के अलावा इस बेंच में जस्टिस शरद अरविंद बोबडे, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस अब्दुल नजीर शामिल थे।

Jammu and Kashmir में दिया जाएगा बकरे के मांस की बि​क्री को बढ़ावा, 329 करोड़ रुपये की परियोजना को मंजूरी

जस्टिस रंजन गोगोई 17 नवंबर 2019 को सुप्रीम कोर्ट से सीजेआई के पद से रिटायर हुए थे। चार महीने के बाद राष्ट्रपति ने उन्हें राज्यसभा के सांसद के तौर पर मनोनीत किया था। वे राज्यसभा पहुंचने वाले तीसरे जज थे। हालांकि, राष्ट्रपति द्वारा मनोनीत पहले जज थे। उनसे पहले देश के 21वें चीफ जस्टिस रंगनाथ मिश्रा (1990 से 1991) को कांग्रेस ने राज्यसभा भेजा था। वे 1998 से 2004 तक उच्चसदन में रहे। इससे पहले जस्टिस बहरुल इस्लाम को कांग्रेस ने 1983 में उनके रिटायरमेंट के 5 महीने बाद राज्यसभा भेजा था। जस्टिस शरद अरविंद बोबडे 23 अप्रैल 2021 को सीजेआई पद से रिटायर हुए थे। उन्होंने रंजन गोगोई की जगह ली थी। जस्टिस बोबडे आठ साल सुप्रीम कोर्ट में जज रहे। हालांकि, रिटायरमेंट के बाद जस्टिस बोबडे ने कोई आधिकारिक सार्वजनिक पद नहीं संभाला। वे महाराष्ट्र नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी नागपुर के चांसलर हैं।

Political News

जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ भारत के मौजूदा सीजेआई हैं। उन्होंने नवंबर 2022 में भारत के 50वें चीफ जस्टिस के तौर पर शपथ ली थी। वे भारत के सबसे लंबे समय तक चीफ जस्टिस रहने वाले जस्टिस वाईवी चंद्रचूड़ के बेटे हैं।

ACCIDENT IN NASIK: टावर वैगन की चपेट में आकर 4 ट्रैकमैन की मौत

जस्टिस अशोक भूषण जुलाई 2021 को रिटायर हुए थे। चार महीने बाद नवंबर में उन्हें नेशनल कंपनी लॉ अपीलीय ट्रीब्यूनल (NCLAT) का चेयरपर्सन बनाया गया। उनका कार्यकाल चार साल के लिए है। उनसे पहले यह पद 20 महीने तक खाली रहा था। कैबिनेट की अपॉइंटमेंट कमेटी ने अक्टूबर 2021 में उनकी नियुक्ति को मंजूरी दी थी। जस्टिस अब्दुल नजीर सुप्रीम कोर्ट से जनवरी 2023 में रिटायर हुए। एक महीने बाद उन्हें आंध्र प्रदेश का राज्यपाल बनाया गया है। वे अयोध्या मामले में फैसला सुनाने वाले 5 जजों में से एकमात्र मुस्लिम थे। इतना ही नहीं, अब्दुल नजीर नोटबंदी को चुनौती देने वाली याचिका पर फैसला सुनाने वाले जजों की बेंच में भी शामिल थे। देश विदेशकी खबरों से अपडेट रहने लिएचेतना मंचके साथ जुड़े रहें। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।
अगली खबर पढ़ें

JAMMU-KASHMIR NEWS: भरोसे के लिए सुनना जरूरी, बुल्डोजर से कुचलना नहीं:प्रियंका

Capture3 8
JAMMU-KASHMIR NEWS
locationभारत
userचेतना मंच
calendar30 Nov 2025 07:18 AM
bookmark
JAMMU-KASHMIR NEWS: नई दिल्ली। कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाद्रा ने सोमवार को जम्मू-कश्मीर में चल रहे अतिक्रमण विरोधी अभियान को लेकर सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि शांति और विश्वास के लिए आम लोगों की बात सुनना जरूरी है न कि बुलडोजर के नीचे उनके अधिकारों को कुचलना।

JAMMU-KASHMIR NEWS

[caption id="attachment_67197" align="aligncenter" width="1500"] JAMMU-KASHMIR NEWS[/caption] कांग्रेस, नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी जैसे प्रमुख राजनीतिक दलों ने इस अभियान के खिलाफ अपनी चिंता व्यक्त की है और इसे तत्काल समाप्त करने की मांग की है। राजस्व विभाग के आयुक्त सचिव विजय कुमार बिधूड़ी के सभी उपायुक्तों को सात जनवरी से जम्मू-कश्मीर में सरकारी जमीन से 100 प्रतिशत अतिक्रमण हटाना सुनिश्चित करने के निर्देश के बाद अब तक जम्मू-कश्मीर में 10 लाख कनाल (एक कनाल = 605 वर्ग गज) से अधिक भूमि को पुनः कब्जे में लिया जा चुका है। हिंदी में किए गए एक ट्वीट में प्रियंका ने आरोप लगाया कि लद्दाख में अपने संवैधानिक अधिकारों की बहाली की मांग कर रहे लोगों के साथ ज्यादती की जा रही है। कांग्रेस महासचिव ने दावा किया, “कश्मीर में आम जनों की सुनवाई किए बिना उनके घरों पर बुलडोजर चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा, देश लोगों से बनता है। शांति व भरोसे के लिए आम लोगों की बात सुनना जरूरी है, न कि उनके अधिकारों को बुलडोजर तले कुचलना। उन्होंने जम्मू-कश्मीर में बेदखली अभियान पर मीडिया में आई खबरों के स्क्रीन शॉट भी ट्वीट के साथ संलग्न किए।

Jammu and Kashmir में दिया जाएगा बकरे के मांस की बि​क्री को बढ़ावा, 329 करोड़ रुपये की परियोजना को मंजूरी