Valentine day: और उसकी अनोखी परंपरा

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Valentine day
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 02:18 AM
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Valentine day: Valentine Day मतलब प्यार का दिन.... और प्‍यार के रंग में कौन नहीं रंगना चाहता, खास तौर से वैलेंटाइन डे पर। इस दिन लोग खुलकर इजहार-ए-मोहब्‍बत करते हैं, प्‍यार करने वालों को गिफ्ट्स देते हैं। अपने देश में कुछ इस अंदाज में ही वैलेंटाइन डे को सेलिब्रेट किया जाता है, मगर कई देशों में अलग-अलग तरह की परंपराएं हैं और इनमें कुछ अजब भी हैं और गजब भी। तो आइए इन देशों के तौर तरीको से भी आपको रूबरू करवाते हैं.......

Valentine day

सबसे पहला देश है फ्रांस: फ्रांस को दुनिया का सबसे रोमांटिक जगह माना जाता है। यहां वैलेंटाइन डे पर एक परंपरा के तहत लड़के-लड़कियों का जोड़ा बनाया जाता है और अगर लड़के को लड़की पसंद नहीं आई तो वो उसे छोड़कर दूसरी लडकी को पसंद कर सकता है। वहीं अगर किसी लड़की को कोई साथी नहीं मिलता तो वो बॉनफायर में उन सभी लड़कों की तस्‍वीरें जलाती है जिन्‍होंने उसे रिजेक्‍ट कर दिया था। इटली: इटली में वैलेंटाइन डे स्प्रिंग फेस्टिवल के रूप में मनाया जाता है। इस मौके पर लोग बगीचों में इकट्ठा होते हैं और गानों का आनंद उठाते हैं। कुंवारी लड़कियां सुबह ही उठ जाती हैं। यहां परपंरा है कि सुबह-सुबह जो पुरुष महिला को दिखा, संभवतः वो ही महिला का होने वाला पति होगा। अब बात डेनमार्क की: 1990 से डेनमार्क में वैलेंटाइन डे मनाया जाता है। वैलेंटाइन डे पर यहां कई परंपराएं हैं, इनमें से एक ये है कि पुरुष महिलाओं को 'जोकिंग लेटर' लिखते हैं। हालांकि पत्र लिखने वाले का नाम नहीं होता, लेकिन लिखने वाला डॉट्स के जरिए पढ़ने वाली को अपने नाम का इशारा देता है। अगर लड़की ने लिखने वाले को सही पहचान लिया तो ईस्‍टर एग जीत जाती है। जापान: जापान में वैलेंटाइन डे सिर्फ पुरुष मनाते हैं। इस दिन महिलाएं अपने पिता, भाई, पति, दोस्त और प्रेमी को आभार प्रकट करने के लिए चॉकलेट्स देती हैं। यहां है एक ऐसा पेड़, जिसकी वैलेंटाइन डे पर पूजा करने से मिलती है गर्लफ्रेंड वेल्स: यहां के लोग 25 जनवरी को वैलेंटाइन डे मनाते है। इस मौके पर एक दूसरे को लकड़ी के चम्मच तोहफे में देते हैं, इन्हें 'लव स्पून्स' कहते हैं। खास बात ये होती है कि चम्मच के डिजाइन में कोई न कोई संदेश छिपा होता है। इग्लैंड: वैलेंटाइन डे के मौके पर इंग्लैंड में महिलाएं अपने तकिए पर पांच तेज पत्ते रखती हैं। ऐसा इसलिए ताकि जिससे उनका होने वाला पति सपने में आए।

इन देशों में गज़ब तरीके से मनाया जाता है Valentine Day

 
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Raid on BBC Office : बीबीसी की डाक्यूमेंट्री के साइड इफेक्ट, नई दिल्ली स्थित कार्यालय पर आयकर के छापे

Bbc
Side effects of BBC documentary, Income Tax raid on New Delhi office
locationभारत
userचेतना मंच
calendar29 Nov 2025 11:29 AM
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नई दिल्ली। गुजरात में साल 2002 में हुए सांप्रदायिक दंगों पर बनाए गए बीबीसी के डाक्यूमेंट्री के साइड इफेक्ट दिखने लगे हैं। मंगलवार को राजधानी स्थित BBC के दफ्तर पर इनकम टैक्स के छापे पड़े हैं।

Raid on BBC Office

सूत्रों के मुताबिक, बीबीसी के आफिस में मौजूद कर्मचारियों के फोन जब्त कर लिए गए हैं। बताया जा रहा है कि कर्मचारियों से दफ्तर छोड़कर घर जाने के लिए कह दिया गया है।

Raid on BBC Office

बताया जाता है​ कि लंदन स्थित BBC के मुख्यालय को नई दिल्ली स्थित दफ्तर में छापेमारी की कार्रवाई की जानकारी दे दी गई है। हालांकि, अभी तक इनकम टैक्स विभाग की ओर से इस बाबत कोई जानकारी नहीं दी गई है। देश विदेशकी खबरों से अपडेट रहने लिएचेतना मंचके साथ जुड़े रहें। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।
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National News : तीन तलाक पर कानून बनने के बाद अब बच्चों की खतना के खिलाफ बुलंद हुई आवाज

High court
After the enactment of the law on triple talaq, now the voice against the circumcision of children has been raised
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 01:41 PM
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तीन तलाक पर कानून बनने के बाद अब बच्चों के खतना प्रथा के खिलाफ भी आवाज बुलंद होने लगी है। इस बाबत केरल हाईकोर्ट में जनहित याचिका (PIL) दायर की गई है। इसमें इस्लाम में प्रचलित बच्चों के खतना प्रथा पर रोक लगाने के साथ ही इस प्रथा को बच्चों के अधिकारों का उल्लंघन, संज्ञेय एवं गैर-जमानती अपराध घोषित करने का अनुरोध किया गया है। नॉन-रिलीजियस सिटीजन (NRC) और पांच अन्य व्यक्तियों द्वारा दायर याचिका में न्याय मंत्रालय को खतने पर रोक लगाने वाले पर्याप्त कानून पर विचार करने की मांग की गई है।

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याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया कि खतना बच्चों के मौलिक अधिकारों और उनके मानवाधिकारों का उल्लंघन है। बच्चे इस कुप्रथा के शिकार हैं। इसका अभ्यास क्रूर, अमानवीय और बर्बर होने के साथ-साथ संविधान प्रदत्त अधिकारों के भी खिलाफ है। यह भारत के संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत नागरिकों के मौलिक और जीवन के अधिकार का उल्लंघन करता है। याचिका में कहा गया है कि खतने से कई स्वास्थ्य समस्याएं होती हैं। उनमें से एक आघात है। आघात की वजह से डर, असहायता, गंभीर चोट या मृत्यु के खतरे की भावना का अहसास होता है। इसमें यौन शोषण, शारीरिक शोषण, घरेलू हिंसा, सामुदायिक और स्कूल हिंसा, चिकित्सा आघात आदि शामिल हैं।

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याचिकाकर्ताओं का कहना है कि बच्चे को किसी विशेष धर्म को मानने या न मानने और किसी विशेष प्रथा या अनुष्ठान का पालन करने या न करने का अधिकार होना चाहिए। याचिका में यह भी कहा गया है कि खतना प्रथा बच्चों को मजबूर करने के लिए किया जाता है कि उनकी पसंद जैसी चीज नहीं है। उनके माता-पिता द्वारा लिए गए एकतरफा निर्णय का ही उन्हें पालन करना।

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याचिका में आगे कहा गया है कि एक बच्चे को अपने माता-पिता की सनक का शिकार नहीं होना चाहिए। बच्चों को किसी विशेष प्रथा, विश्वास या धर्म को चुनने का अवसर मिलना चाहिए। हालांकि, समाज बच्चों की अक्षमता और लाचारी का फायदा उठा रहा है। माता-पिता की धार्मिक कट्टरता के कारण बच्चों के अधिकारों और स्वतंत्रता का समर्पण नहीं किया जा सकता है। बालिग होने के बाद ही बच्चे को कोई धार्मिक अनुष्ठान चुनने की अनुमति दी जानी चाहिए। देश विदेशकी खबरों से अपडेट रहने लिएचेतना मंचके साथ जुड़े रहें। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।