हर भारतवंशी को पता होना चाहिए सिंधु घाटी सभ्यता का इतिहास

Sindhu Ghati Sabhyata
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locationभारत
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calendar15 May 2025 02:30 PM
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Sindhu Ghati Sabhyata : सिंधु घाटी सभ्यता का इतिहास भारत के इतिहास का बहुत ही महत्वपूर्ण भाग है। भारत के गौरवशाली इतिहास में सिंधु घाटी सभ्यता (Indus Valley Civilization) के इतिहास का पन्ना बहुत ही खास है। भारत में जन्म लेने वाले प्रत्येक भारतवंशी को सिंधु घाटी सभ्यता के इतिहास (History of Indus Valley Civilization) की जानकारी होना बहुत ही जरूरी है। भारत के गौरवशाली इतिहास में दर्ज सिंधु घाटी सभ्यता (Indus Valley Civilization) का इतिहास बहुत लम्बा है। यहां हम आसान शब्दों में आपको सिंधु घाटी सभ्यता का इतिहास समझाने का प्रयास कर रहे हैं।

सिंधु घाटी की सभ्यता से ही शुरू हुआ था पक्के घरों का निर्माण

सिंधु घाटी सभ्यता को प्राचीन भारत का स्वर्णकाल भी कहा जाता है। दुनिया के तमाम इतिहासकार इस बात पर सहमत हैं कि भारत की प्राचीन सभ्यताओं में सिंधु घाटी सभ्यता का नाम सबसे ऊपर है। सिंधु घाटी की सभ्यता के दौरान ही भारतवंशी पहली बार पक्के मकान बनाना सीखे थे। सिंधु घाटी की सभ्यता ही वह काल खण्ड था जब भारत में हमारे पूर्वज चीजों की माप करना, वस्तुओं का वजन करना, जल की निकासी करना तथा कांस्य की वस्तुएं बनाना सीखे थे। कांस्य की वस्तुएं बनाने के कारण सिंधु घाटी की सभ्यता को कांस्य युग भी कहा जाता है।

वास्तव में कितने साल पुरानी है सिंधु घाटी सभ्यता

भारत के इतिहास का कांस्य युग कही जाने वाली सिंधु घाटी की सभ्यता बहुत ही पुरानी सभ्यता है। भारत से लेकर दुनिया भर के इतिहासकार इस बात पर सहमत होते हैं कि सिंधु घाटी सभ्यता का मुख्य रूप से भारतीय उपमहाद्वीप के उत्तर-पश्चिमी क्षेत्रों में विकास हुआ था। वर्तमान में यह आज का पाकिस्तान और पश्चिमी भारत का हिस्सा है। इसके समयकाल की बात करें, तो करीब 3300 ईसा पूर्व से 1300 ईसा पूर्व तक इसका समयकाल माना जाता है। इस समय में इसका परिपक्व काल लगभग 2600 ईसा पूर्व से 1900 ईसा पूर्व तक माना जाता है। सिंधु घाटी सभ्यता को मुख्य रूप से शहरी नियोजन, पक्की ईंटों के घरों, विस्तृत जल निकासी प्रणाली, सड़क व्यवस्था और मानकीकृत वजन और माप के लिए जाना जाता है। सिंधु घाटी सभ्यता के दो मुख्य शहर थे। इन शहरों की बात करें, तो ये मोहनजोदड़ो और हड़प्पा हैं।

सिंधु घाटी सभ्यता की सबसे बड़ी विशेषता है शहरी नियोजन

सिंधु घाटी सभ्यता की सबसे बड़ी विशेषता शहरी नियोजन है। इस सभ्यता में शहर को पूरी तरह से योजनाबद्ध तरीके से बसाया गया था। शहर में सडक़ों का निर्माण ग्रिड प्रणाली के तहत किया गया था। इन सड़कों की बनावट ऐसी थी कि यह समकोण पर एक-दूसरे को काटती थीं। शहर में सभी घरों का निर्माण पक्की ईटों से किया गया था। साथ ही, सभी घरों में स्नानघर और आंगन भी बनाए जाते थे। सिंधु घाटी सभ्यता में प्रत्येक घर से जल निकासी की व्यवस्था थी। इसके तहत घरों से नालियों के माध्यम से पानी को शहर से बाहर ले जाया जाता था। सिंधु घाटी सभ्यता में कृषि प्रमुख हुआ करती थी। उस समय गेहूं, कपास, चावल, जौ और विभिन्न प्रकार की दालों की खेती की जाती थी। सिंधु सभ्यता में मेसोपोटामिया जैसी समकालीन सभ्यताओं के साथ व्यवसाय भी किया जाता था। सिंधु घाटी सभ्यता में लोग कला में भी माहिर थे। लोगों द्वारा मिट्टी के बर्तन, खिलौने, मुहर व मूर्तियां भी बनाई जाती थीं। खास बात यह है कि सिंधु घाटी में मिली मुहरों पर एक लिपी भी मिली है, जिसे अभी तक पढ़ा नहीं जा सका है। सिंधु घाटी सभ्यता में धर्म को लेकर कोई स्पष्ट जानकारी नहीं है। हालांकि, मुहरों पर मिले प्रतीकों से यह प्रतीत होता है कि पशुपति के रूप में भगवान शिव को पूजा जाता था।

सिंधु घाटी सभ्यता की लिपि पढ़ना हो गया असंभव

सिंधु घाटी सभ्यता के दौरान हमारे पूर्वजों ने लिखना-पढ़ना भी सीख लिया था। सिंधु घाटी सभ्यता में भारत के पूर्वज जिस लिपि का प्रयोग करते थे वह लिपि दुनिया के लिए बहुत बड़ा रहस्य बनी हुई है। सिंधु घाटी की लिपि को आत तक कोई भी व्यक्ति पढ़ नहीं पाया है। भारत में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन सिंधु घाटी की सभ्यता की लिपि को पढ़ने के लिए बहुत ही उतावले हो रहे हैं। एम.के. स्टालिन ने सिंधु घाटी सभ्यता की लिपि को पढऩे वाले व्यक्ति को 8 करोड़ रुपए (एक मिलियन डॉलर) ईनाम देने की घोषणा कर रखी है। इतने बड़े ईनाम की घोषणा के बाद भी कोई माई का लाल सिंधु घाटी सभ्यता की लिपि को नहीं पढ़ पा रहा है। सिंधु घाटी सभ्यता की लिपि पूरी दुनिया के लिए एक बड़ा रहस्य बन गई है।

सिंधु घाटी सभ्यता की लिपि पर पहले भी घोषित हुए हैं ईनाम

सिंधु घाटी सभ्यता की लिपि पढऩे वाले को र्ईनाम देने की घोषणा अकेले एम.के. स्टालिन ने ही नहीं की है। सिंधु घाटी सभ्यता की लिपि को पढऩे के लिए 20 सालों से भी ज्यादा वक्त से कई पुरस्कार रखे जाते रहे। इतिहासकार स्टीव फार्मर ने कहा था कि जो भी इस लिपि के 50 कैरेक्टर भी पढ़ लेगा, उसे दस हजार डॉलर की रकम दी जाएगी। वैसे ये इनाम लिपि को समझने से ज्यादा किसी और बात के लिए था। दरअसल इतिहासकार स्टीव फार्मर सिंधु घाटी को कमतर सभ्यता मानते, और उन्हें इस बात पर कतई यकीन नहीं था कि सिंधु घाटी सभ्यता के लोग इतने पढ़े-लिखे होंगे। इसी प्रकार कई बार कुछ और लोगों ने भी इस लिपि को पढऩे पर ईनाम घोषित किए हैं। अज्ञात लिपियों को समझने में सबसे ज्यादा मदद ऐसे स्टोन्स से होती है जिनमें एक ही बात दो भाषाओं में लिखी हो। इससे एक को डीकोड करते ही दूसरे से तुलना की जा सकती है। माना जाता है कि सिंधु घाटी के दौर में मेसोपोटामिया के साथ व्यापारिक रिश्ते भी थे। मेसोपोटामिया को तो समझा जा सका लेकिन सिंधु लिपि अब भी अबूझ है। अज्ञात लिपियों को मोटे तौर पर तीन हिस्सों में रखा जाता रहा। एक- अज्ञात लिपि जो ज्ञात भाषा को लिख रही हो। दूसरी- ज्ञात लिपि जो अज्ञात भाषा को लिखने लगे और तीसरी श्रेणी में है- एक अज्ञात लिपि जो अज्ञात भाषा को लिख रही हो। इसमें जाहिर तौर पर तीसरी कैटेगरी को समझना सबसे मुश्किल है क्योंकि इसमें दोनों ही बातों की कोई जानकारी नहीं।

सिंधु घाटी सभ्यता की लिपि को मानने को ही तैयार नहीं हैं कुछ लोग

अनेक देशों के विदेशी पुरातत्वविद सिंधु घाटी सभ्यता की लिपि को लिपि यानि कि स्क्रिप्ट मानने से ही इनकार करने लगे। ये ट्रेंड साल 2000 से शुरू हुआ. तब कई ब्रिटिश और अमेरिकी इतिहासकारों ने दावा किया कि इंडस लिपि असल में कोई भाषा है ही नहीं। उनका कहना था कि ये सिर्फ उस दौर के राजनैतिक और धार्मिक संकेत हैं, यानी तस्वीरें हैं। इस प्रकार का दावा कोलैप्स ऑफ इंडस (Collapse of Indus) नाम की एक थीसिस में किया गया। बाद में कोलैप्स ऑफ इंडस स्क्रिप्ट थीसिस नाम के इस पेपर को लिखने वालों की काफी आलोचना हुई थी। माना गया कि वे रेसिज्म के चलते दुनिया की सबसे पुरानी सभ्यताओं में से एक को नकार रहे हैं। इससे पहले से लेकर आज तक इस लिपि को समझने की सैकड़ों कोशिशें हो चुकीं। इनमें से करीब 100 प्रयास तो दुनिया के नामचीन एक्सपर्ट्स ने किए थे लेकिन इसे पढ़ा तब भी नहीं जा सका। भारतवंशी उम्मीद कर रहे हैं कि सिंधु घाटी सभ्यता की लिपि जल्दी ही पढ़ी जाएगी।

केन्द्र सरकार का बड़ा फैसला, जेवर एयरपोर्ट के पास बनेगी सेमीकंडक्टर यूनिट

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केन्द्र सरकार का बड़ा फैसला, जेवर एयरपोर्ट के पास बनेगी सेमीकंडक्टर यूनिट

Jewar Airport 6
Greater Noida News
locationभारत
userचेतना मंच
calendar14 May 2025 09:22 PM
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Greater Noida News : केंद्र की मोदी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा शहर के पास जेवर में निर्माणाधीन जेवर एयरपोर्ट के पास छठी सेमीकंडक्टर यूनिट की स्थापना को मंजूरी दे दी है। जेवर एयरपोर्ट के पास इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन के तहत यह छठी यूनिट लगाई जाएगी। अब तक देश में पांच सेमीकंडक्टर यूनिटों को मंजूरी दी जा चुकी है और वहां तेजी से निर्माण का काम चल रहा है।

अब तक दी गई 5 सेमीकंडक्टर इकाइयों को मंजूरी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को कैबिनेट की बैठक हुई। इस बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दी। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने UP के ग्रेटर नोएडा शहर के पास निर्माणाधीन जेवर एयरपोर्ट (नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट) के पास छठी सेमीकंडक्टर इकाई की स्थापना को मंजूरी दे दी है। भारत सेमीकंडक्टर मिशन के तहत अब तक 5 सेमीकंडक्टर इकाइयों को मंजूरी दी गई है और वहां तेजी से निर्माण कार्य चल रहा है। एक इकाई में इसी साल उत्पादन शुरू हो जाएगा। इसी सिलसिले में एक और सुपर-एडवांस्ड इकाई है। यह एचसीएल और फॉक्सकॉन का संयुक्त उपक्रम है।

3706 करोड़ का होगा निवेश

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि, इस छठी सेमीकंडक्टर इकाई में 3706 करोड़ का निवेश किया जाएगा। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश के जेवर में स्थापित की जाने वाली छठी सेमीकंडक्टर इकाई में हर महीने 3.6 करोड़ चिप का निर्माण किया जाएगा। इस यूनिट की स्थापना के लिए जल्द ही काम शुरू कर दिया जाएगा। आपको बता दें कि इसमें दो हजार से ज्यादा लोगों को रोजगार मिलेगी। Greater Noida News

एसके वर्मा को श्रद्धांजलि देने नोएडा पहुंचे जयंत चौधरी

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कर्नल सोफिया पर विवादित बयान देने वाला भाजपा नेता घिरा, जाएगी कुर्सी

Vijay Shah BJP Leader 1
Vijay Shah
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 12:22 PM
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Vijay Shah : भारत की लाडली बेटी है कर्नल सोफिया। भारतीय जनता पार्टी के नेता विजय शाह (BJP Leader Vijay Shah) ने कर्नल सोफिया के ऊपर घटिया टिप्पणी की है। कर्नल सोफिया पर घटिया टिप्पणी करने वाला भाजपा नेता विजय शाह चारों तरफ से घिर गया है। पूरे देश की जनता में भाजपा नेता विजय शाह के विरुद्ध भारी आक्रोश है। हर कोई भाजपा नेता विजय शाह को उसके पद से तुरंत बर्खास्त करने की मांग कर रहा है। देश के नागरिकों का कहना है कि देश की लाडली बेटी कर्नल सोफिया कुरैशी का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।

मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार में मंत्री है घटिया टिप्पणी करने वाला विजय शाह

आपको बता दें कि, भारत की लाडली बेटी सोफिया कुरैशी के ऊपर भाजपा नेता विजय शाह ने बेहद घटिया टिप्पणी की है। यह घटिया टिप्पणी करने वाला भाजपा नेता कोई मामूली पार्टी कार्यकर्ता नहीं है। भाजपा नेता विजय शाह मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री के पद पर तैनात हैं। मध्य प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री विजय शाह ने एक जनसभा में घटिया टिप्पणी की है। भारत तथा पाकिस्तान के युद्ध की चर्चा करते हुए विजय शाह ने अपने भाषण में सोफिया कुरैशी का जिक्र करते हुए कहा कि, हमने उनकी (आतंकवादियों की) बहन भेजकर उनकी ऐसी-तैसी करवाई। इस बयान पर सबसे पहले कांग्रेस पार्टी ने तीखी प्रतिक्रिया दी और मंत्री के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा कि, "जब पूरा देश आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर सरकार के साथ खड़ा है। तब भाजपा के वरिष्ठ मंत्री ऐसी घृणित बातें कर रहे हैं। एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सेना को सलाम करते हैं, दूसरी तरफ उनकी पार्टी का सीनियर मंत्री और कई बार का विधायक यह कहता है कि उनकी बहन को हमने भेजा। आखिर किसकी बहन को भेजा? आतंकवादियों की बहन? यह बयान किसके लिए था?" पटवारी ने विजय शाह के बयान को गैर-जिम्मेदाराना बताते हुए कहा, "ऐसे मंत्री को तत्काल पद छोड़ना चाहिए। बीजेपी स्पष्ट करे कि यह भाव विजय शाह के थे या भाजपा पार्टी के।

पूरे देश की जनता मांग रही है विजय शाह का इस्तीफा

इस दौरान देश के हर कोने से भाजपा नेता विजय शाह का इस्तीफा मांगने की खबर आ रही है। देश के हर कोने से मांग हो रही है कि भाजपा के नेता विजय शाह को तुरंत मंत्रिमंडल से बर्खास्त किया जाना चाहिए। इस दौरान, मंत्री विजय शाह के विवादास्पद बयान से हुई पार्टी की किरकिरी के बाद डैमेज कंट्रोल की कोशिशें भाजपा ने तेज कर दी हैं। विजय शाह को प्रदेश पार्टी मुख्यालय तलब किया गया। सफाई देने मंत्री हवाई चप्पल पहने ही दौड़े-दौड़े पहुंचे। इसके बाद उन्होंने मीडिया के सामने बयान को लेकर माफी मांगी. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा का कहना है "मंत्री विजय शाह को चेतावनी दी गई है। पार्टी नेतृत्व ने इस मामले को संज्ञान में लिया है और उन्हें आगाह किया गया है। सोफिया कुरैशी इस देश की बेटी है और उसने जो पराक्रम किया है, उसको पूरा देश सैल्यूट करता है।

मंत्री की नेमप्लेट पर पोती कालिख, FIR दर्ज

विजय शाह के बयान से नाराज कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने मंत्री की नेमप्लेट पर कालिख पोत दी है। मंत्री विजय शाह के विवादास्पद बयान के विरोध में मंत्री की नेम प्लेट पर कालिख पोतने के मामले में कांग्रेस कार्यकर्ताओं के खिलाफ पुलिस ने FIR दर्ज कर ली है। वहीं, मंत्री पर FIR दर्ज कराने के लिए मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी सहित कांग्रेस नेता थाने भी पहुंचे। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने अब इस मामले में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर विजय शाह को मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने की मांग की है। जीतू पटवारी ने लिखा है "मंत्री का यह बयान न केवल एक गंभीर अपराध है, बल्कि भारतीय सेना की गरिमा, देश की एकता और सामाजिक सद्भाव पर भी खुला हमला है। कर्नल सोफिया कुरैशी ने अपनी वीरता और देशभक्ति से देश का मान बढ़ाया है। ऐसे व्यक्तित्व पर हमला उनकी व्यक्तिगत गरिमा पर प्रहार और भारतीय सेना एवं जन भावनाओं का अपमान है।" जीतू पटवारी का कहना है "मुख्यमंत्री मोहन यादव भी इस मामले पर चुप्पी साधे हुए हैं। उनकी निष्क्रियता ओर बयान का मौन समर्थन इस अपराध को और गंभीर बना रहा है। कांग्रेस ने पत्र के जरिए मांग की है कि मंत्री को मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर उनके खिलाफ देशद्रोह सहित कठोर कानूनी कार्रवाई की जाए। मंत्री विजय शाह और मुख्यमंत्री कर्नल सोफिया कुरैशी से सार्वजनिक माफी मांगें। मुख्यमंत्री बयान को लेकर व्यक्तिगत जिम्मेदारी लें और पीएमओ इस तरह के बयानों को रोकने के लिए नीतिगत व्यवस्था सुनिश्चित करते हुए इसे गंभीर अपराध की श्रेणी में सूचीबद्ध करें।"

“ऑपरेशन सिंदूर” का चीन ने बना रखा था मजाक! भारत ने दिया मुंहतोड़ जवाब

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