एयर इंडिया एक्सप्रेस ने सिक लीव पर गए क्रू मेंबर्स के खिलाफ लिया एक्शन, दी ये सजा

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locationभारत
userचेतना मंच
calendar29 Nov 2025 11:57 AM
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Air India News :  एअर इंडिया एक्सप्रेस का विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा। एअर इंडिया एक्सप्रेस के उन क्रू मेंबर्स के खिलाफ एक्शन लिया है जो अचनाक सीक लीव का बाहना करके छुट्टी पर थे। ऐसे में उन कर्मचारियों के खिलाफ एअर इंडिया एक्सप्रेस ने कड़ा एक्शन लिया है। दरअसल एअर इंडिया एक्सप्रेस ने क्रू मेंबर्स के उस ग्रुप को नौकरी से परमानेंट छुट्टी दे दी है।

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आपको बता दें कि एयर इंडिया एक्सप्रेस के नौकारी से निकाले जाने वाले क्रू मेंबर्स की संख्या 25 से ज्यादा बताई जा रही है। इनके अचानक से सिक लीव पर चले जाने से 100 से ज्यादा फ्लाइट्स को रद्द करना पड़ा था। कंपनी इन क्रू मेंबर्स को टेर्मिनेशन लेटर थमा दिया हैं। क्रू मेंबर्स में से एक को भेजे गए टर्मिनेशन लेटर में एयरलाइन ने कहा कि केबिन क्रू मेंबर्स का “लगभग एक ही समय में बीमार” होना इस बात की ओर इशारा करती है कि वह उन्होंने जानबूझकर ऐसा कर रहे है।

थमाया टर्मिनेशन लेटर

मिली जानकारी के अनुसार सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस ​टर्मिनेशन लेटर में साफ लिखा गया है कि काम से ठीक पहले बीमार होने की सूचना देना इस बात की तरफ इशारा करता है कि क्रू मेंबर्स फ्लाइट ऑपरेशंस को जानबूझकर बाधित करना चाहते है। ऐसा करना कानून और नियमों के खिलाफ है। साथ ही क्रू मेंबर्स ने एयर इंडिया एक्सप्रेस लिमिटेड इंप्लॉई सर्विस नियमों का भी उल्लंघन किया है। इसलिए उन्हें सजा के तौर पर बर्खास्त किया जाता है। Whatsapp Image 2024 05 09 At 09.25.33

एयर इंडिया के सीईओ का बयान

इस बारें में एयर इंडिया एक्सप्रेस के सीईओ आलोक सिंह का कहना है कि, मंगलवार रात से 100 से अधिक केबिन क्रू मेंबर्स ने अपनी निर्धारित फ्लाइट ड्यूटी से ठीक पहले बीमार होने की खबर दी थी। जिसकी वजह से करीब 90 से ज्यादा फ्लाइट को कैंसिल करना पड़ा था। क्रू मेंबर्स के अचानक छुट्टी चले जाने पर पैसेंजर्स को काफी परेशानी का सामना पड़ा था।

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एयर इंडिया एक्सप्रेस का हो सकता है विलय

खबरों के मुताबिक एयर इंडिया एक्सप्रेस और AIX कनेक्ट टाटा ग्रुप के एअर इंडिया की दोनों सहायक कंपनियां है। इन दोनों को टाटा ग्रुप मर्ज करने की तैयारी में है। वहीं सुत्रों के मुताबिक एयर इंडिया एक्सप्रेस के केबिन क्रू मेंबर्स का आरोप है कि उनके AIX कनेक्ट क्रू मेंबर्स से ज्यादा बूरा बर्ताव किया जाता है, उन्हें AIX कनेक्ट क्रू मेंबर्स समानाता नहीं दी जाती। उन्होंने इस बात की शिकायत टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन से एक लेटर लिखकर की थी। Air India News

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भारतीय सेना में नौकरी का बड़ा मौका, ऐसे करें आवेदन

भारतीय सेना में नौकरी का बड़ा मौका
Indian Army Jobs 2024
locationभारत
userचेतना मंच
calendar09 May 2024 03:56 PM
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Indian Army Jobs 2024: भारतीय सेना में नौकरी करने का सपना देखने वाले युवाओं के लिए बड़ी खबर है। हाल ही में भारतीय सेना ने 52वें तकनीकी प्रवेश योजना (TES) पाठ्यक्रम के लिए एक नोटिफिकेशन जारी किया है। जिसके अनुसार भारतीय सेना टीईएस 52 के लिए आवेदन पत्र 13 मई से join Indianarmy.nic.in पर उपलब्ध किए जाएंगे। इन पदों पर आवेदन करने वाले उम्मीदवार 13 जून तक अपने ऑनलाइन आवेदन जमा कर सकेंगे। आवेदन का स्टेप्स ऑफिशियल वेबसाइट पर जारी किया जाएगा। Indian Army Jobs 2024

कौन कर सकता है आवेदन?

Indian Army TES के जारी किए गए नोटिफिकेशन के अनुसार इन पदों के लिए वे उम्मीदवार आवेदन कर सकते हैं, जिन्होंने अपनी कक्षा 12 की परीक्षाओं में भौतिकी, रसायन विज्ञान और गणित के साथ 60% अंक हासिल किए हैं और जेईई (मेन) 2024 परीक्षा के लिए भी उपस्थित हुए हैं।

क्या है आयु सीमा?

भारतीय सेना टीईएस 52 के लिए उम्मीदवारों की आयु 16½ से 19½ वर्ष के बीच होनी चाहिए। साथ ही उम्मीदवारों की जन्मतिथि 2 जनवरी, 2007 और 1 जनवरी, 2008 को मिलाकर होनी चाहिए। इसके अलावा, कक्षा 12 की परीक्षाओं में भौतिकी, रसायन विज्ञान और गणित के साथ न्यूनतम 60% अंक होना चाहिए। साथ ही जेईई मेन 2024 की परीक्षा में भी शामिल होना अनिवार्य रखा गया है।

कैसे करें Indian Army TES में आवेदन?

Step 1: सबसे पहले भारतीय सेना की आधिकारिक वेबसाइट join Indianarmy.nic.in पर जाएं। Step 2: मुखपृष्ठ पर "ऑनलाइन एप्लिकेशन" टैब ढूंढें। Step 3: निर्देशों को ध्यान से पढ़ें और आवेदन पत्र पूरा करें। Step 4: अपनी पर्सनल जानकारी प्रदान करें और आवश्यक दस्तावेज़ जैसे कि अपना फोटो, हस्ताक्षर और आईडी प्रमाण अपलोड करें। Step 5: इसे सबमिट करें और आवेदन शुल्क का भुगतान करें। Step 6: भविष्य के संदर्भ के लिए एक प्रति डाउनलोड कर अपने पास रख लें।

अब खुद से भरेंगे सड़कों के गड्ढे, जल्द भारत में भी शुरू होगी पहल

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अब खुद से भरेंगे सड़कों के गड्ढे, जल्द भारत में भी शुरू होगी पहल

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Self Healing Road Technology
locationभारत
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calendar28 Nov 2025 01:33 AM
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Self Healing Road Technology : क्या आपने कभी सोचा है कि टूटी हुई सड़कें और गड्ढों अगर खुद बा खुद रिपेयरिंग हो जाती तो क्या होता? नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) अब लोगों की इस सोच को पूरा करने की योजना बना रहा है। आपको बता दें NHAI अपनी पहल के जरिए सड़कों को बनाने के लिए ऐसा मैटेरियल का इस्तेमाल करने की सोच रहा है, जिससे सड़कों के गड्ढे की मरम्मत यानी रिपेयरिंग अपने आप हो सकें। इससे सड़क दुर्घनाओं में होने वाली मौतों और हादसों को कम किया जा सकेगा। हाल ही में जारी हुई सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की रिपोर्ट कहती है, साल 2022 में 1 लाख 70 हजार मौतें सड़क हादसों में हुई थी।

Self Healing Road Technology

भारत में गड्ढों से होते हैं कई हादसे

आपको बता दें भारत में सड़कों पर बने इन गड्ढों से 4,446 हादसे हुए थे। इन हादसों में 1856 मौते हुई थीं। भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा रोड नेटवर्क है। अब भारत की सड़कों पर अलग तरह के मैटेरियल की मदद से इस नेटवर्क को और मजबूत बनाया जा सकता है। आइए जानते हैं कि आखिर NHAI का वो मैटेरियल है क्या और वह कैसे काम करेगा।

इस मैटेरियल का इस्तेमाल करेगा NHAI

मिली जानकारी के अनुसार सड़कों को अपने आप भरने के लिए एसफॉल्ट ब्लेंड नाम के मैटेरियल का इस्तेमाल किया जाएगा। यह स्टील फायबर्स और बिटुमिन का मिश्रण होता है। यह दोनों तत्व मिलकर सड़कों पर गड्ढों को भरने का काम करते हैं। जब भी सड़क पर गड्ढा बनेगा तो बिटुमिन उसे भरने के लिए अपना दायरा बढ़ाएगा और स्टील फायबर उसे भरने में मदद करेंगे। यह दोनों मिलकर इसे मजबूती देंगे। यह तकनीक गड्ढों को भरने का काम करेगी। जिससे उम्मीद लगाई जा रही है कि आने वाले समय में सड़क हादसों पर रोक लग सकेगी। इसके साथ ही बारिश के मौसम में जाम से भी लोगों को निजात दिलाएगी। इसका फायदा उन जगहों पर खासतौर पर मिलेगा, जहां पर गड्ढों के बाद सालों-साल तक मरम्मत नहीं हो पाती।

मरम्मत के पैसों में होगी बचत

उम्मीद लगाई जा रही है कि इस तकनीक से सड़कों को लम्बे समय के लिए मजबूती मिलेगी। बार-बार होने वाले मेंटिनेस के चलते लगने वाले पैसों की बचत होगी। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने साल 2023-24 के बजट में सड़कों की मरम्मत के लिए 2600 करोड़ रुपए आवंटित किए हैं। मंत्रालय इस बजट से सड़कों की मरम्मत करने वाली आधुनिक तकनीकों को खरीदने और विकसित करने पर जोर दे रहा है। सड़कों की अपने आप मरम्मत करने वाले इस एस्फॉल्ट ब्लेंड के जरिए देश की सड़कों के गढ्ढे और दरारें भरने में काफी मदद मिलेगी। आपको बता दें दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा रोड नेटवर्क होने के चलते भारत में सड़कों के मेंटिनेंस कई संसाधनों का इस्तेमाल ज्यादा होता है। अब नए तरीकों से सड़कें लंबे समय तक चल सकेंगी। इस वजह से बार-बार मरम्मत में खर्च नहीं होगा। टूटी और गड्ढाें वाली सड़कों के चलते होने वाली सड़क हादसों में भी गिरावट होगी।

किन देशों में हो रहा इसका इस्तेमाल

आपको जान के हैरानी होगी कि नीदरलैंड में एसफॉल्ट का इस्तेमाल किया जा रहा है। इस तकनीक से बनने वाली 12 सड़कें टेस्टिंग फेज में हैं। इसमें से एक सड़क साल 2010 में बनाई गई थी, जिसका इस्तेमाल किया जा रहा है। यहां तक कि यूनाइटेड किंगडम भी इस तरह की सड़कों को अपने यहां बनाने पर जोर दे रहा है। इसके लिए कैंब्रिज जैसी तमाम यूनिवर्सिटी में खुद से मरम्मत कर लेने वाली कंक्रीट को डेवलप करने के लिए रिसर्च भी कर रही हैं। आने वाले समय में भारत में भी इस मैटेरियल से बनने वाली सड़कें देखने को मिलेगी। जिससे सड़क हादसों पर रोक लग सकें।

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