Noida News : नोएडा (चेतना मंच)। सेक्टर-96 में निर्माणाधीन नोएडा प्राधिकरण के नये भवन के निर्माण में गुणवत्ता के साथ समझौता कर इमारत को कमजोर करने के आरोपियों पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
नोएडा के सेक्टर-96 में नोएडा प्राधिकरण की नई बिल्डिंग तैयार हो रही है। आरोप है कि नोएडा प्राधिकरण में तैनात इंजीनियर ने रिश्वत के चलते अपनी बिल्डिंग को ही कमजोर करवा दिया। आईआईटी दिल्ली की जांच रिपोर्ट में सामने आया कि बिल्डिंग के पिलर कमजोर है। नोएडा प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी लोकेश एम ने अब विभागीय जांच के आदेश दिए हैं।
भ्रष्टाचार के मामले में विभागीय जांच के आदेश
22 इंजीनियरों की देखरेख में नोएडा प्राधिकरण के नई बिल्डिंग सेक्टर-96 में बनाई जा रही है। बिल्डिंग के बनाने में करीब 231 करोड़ का करोड़ खर्च आ रहा है। लेकिन यह दफ्तर भी भ्रष्टाचार की चपेट में आ गया।
नई इमारत का करीब 70 प्रतिशत से ज्यादा काम पूरा किया जा चुका है। इसकी पहली निर्माण कंपनी को ब्लैक लिस्ट किया जा चुका है। नए अनुबंध के तहत एमएस एसटी कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी इसका निर्माण कर रही है। पहले प्राधिकरण की नई बिल्डिंग को बनाने के लिए प्रतिभा इंडस्ट्री लिमिटेड को चुना गया था। उसे 2019 तक निर्माण पूरा करना था। तीन बार एक्सटेंशन देने के बाद निर्माण कार्य की गति काफी धीमी रही। इसलिए कंपनी को ब्लैक लिस्ट कर दिया गया।
जिस समय कंपनी ने काम करना बंद किया उस समय तक वो टावर-1 में ग्राउंड प्लस तीन फ्लोर और टावर-2 में ग्राउंड प्लस सात फ्लोर और ऑडिटोरियम का स्ट्रक्चर कार्य पूरा कर चुकी थी। यही नहीं टावर-1 में तीसरे फ्लोर तक प्लास्टर कार्य व स्टोन फ्लोरिंग दूसरे फ्लोर तक कर चुका था।कुल लागत बजट 231.91 करोड़ के सापेक्ष फर्म की ओर से 116.05 करोड़ रुपए खर्च किया जा चुका था।
दो साल तक काम बंद रहने के बाद प्राधिकरण ने अक्टूबर में दोबारा से कार्य के लिए निविदा जारी की। इस बार 11 अक्टूबर 2022 को एसटी कंस्ट्रक्शन के साथ प्राधिकरण ने एग्रीमेंट साइन किया। कंपनी ने बचे हुए काम को 92 करो? 37 लाख रुपए में पूरा करेगी। ये काम 2024 जनवरी तक पूरा करना था। लेकिन आईआईटी की रिपोर्ट ने सभी को चौका दिया। यहां कई स्थानों का मजबूती का आकलन किया गया। जो कमजोर पाए गए। ऐसे में उनकी मरम्मत का काम किया जा रहा है। पहले इसकी डेड लाइन जून 2024 थी। अब अक्टूबर में यहां प्रशासनिक कार्यालय शिफ्ट होगा।
परियोजना का निर्माण 24 हजार वर्गमीटर किया जा रहा है। इसमें दो टावर बनाए जा रहे है। पहला टावर ग्राउंड प्लस 3 यानी चार मंजिल पहले ये 18 मंजिल का बनना था। इसका एरिया 11 हजार 340 वर्गमीटर दूसरा टावर ग्राउंड प्लस सात फ्लोर कुल आठ फ्लोर का। कुल कवर्ड एरिया 14 हजार 840 वर्गमीटर, आडिटोरियम 1780 वर्गमीटर क्षमता 488 नग, प्रथम बेसमेंट पार्किंग 19678 वर्गमीटर, सेकंड बेसमेंट पार्किंग 19678 वर्गमीटर, परियोजना का कुल बजट 303.92 करोड़, सिविल कार्य के लिए 231.11 करोड़ तथा विद्युत के लिए 72.81 करोड़ रूपये का है।
क्या कहते हैं सीईओ
अपनी ही बिल्डिंग के निर्माण में घटिया गुणवत्ता के मैटेरियल का प्रयोग करने पर प्राधिकरण की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं। प्राधिकरण के सीईओ डा. लोकेश एम का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है। जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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