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दिल्ली से नोएडा होते हुए वाराणसी जाएगी बुलेट ट्रेन, विमान जैसा होगा अनुभव

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UP News : दिल्ली से वाराणसी के बीच प्रस्तावित बुलेट ट्रेन परियोजना उत्तर प्रदेश के लिए एक बड़ा परिवहन परिवर्तन साबित हो सकती है। इस हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर के माध्यम से लगभग 840 किलोमीटर की दूरी महज साढ़े तीन घंटे में तय की जा सकेगी, जिससे यात्रा का अनुभव विमान जैसा होगा। यह परियोजना न केवल दिल्ली और वाराणसी के बीच की दूरी को कम करेगी, बल्कि उत्तर प्रदेश के कई शहरों को भी तेजी से जोड़ने में मदद करेगी, जिससे राज्य के समग्र विकास में योगदान मिलेगा।

परियोजना की मुख्य विशेषताएं :

– रूट और स्टेशन : बुलेट ट्रेन दिल्ली के हजरत निजामुद्दीन स्टेशन से शुरू होकर नोएडा सेक्टर 146, जेवर एयरपोर्ट, मथुरा, आगरा, इटावा, कन्नौज, लखनऊ, रायबरेली, प्रतापगढ़, प्रयागराज, भदोही होते हुए वाराणसी के मंडुवाडीह स्टेशन तक जाएगी। कुल 12 स्टेशन प्रस्तावित हैं।

– यात्रा समय : वर्तमान में दिल्ली से वाराणसी की यात्रा में लगभग 12 घंटे लगते हैं, लेकिन बुलेट ट्रेन से यह समय घटकर साढ़े तीन घंटे रह जाएगा।

– गति : ट्रेन की अनुमानित गति 350 किलोमीटर प्रति घंटा होगी, जिससे तेज और सुगम यात्रा संभव होगी

– सेवा की आवृत्ति : परियोजना के पूर्ण होने के बाद, प्रतिदिन 18 बुलेट ट्रेनें चलाई जाएंगी, जो सुबह 6 बजे से रात 12 बजे तक हर 47 मिनट पर उपलब्ध होंगी।

– स्टेशन निर्माण : दिल्ली के सराय काले खां में नया अंडरग्राउंड स्टेशन बनाया जा रहा है, जिसके लिए 15 किलोमीटर लंबी सुरंग तैयार की जा रही है। लखनऊ में स्टेशन अवध क्रॉसिंग के पास अमौसी एयरपोर्ट और चारबाग रेलवे स्टेशन के बीच स्थित होगा।

परियोजना की प्रगति :

परियोजना की अनुमानित लागत 43,000 करोड़ है और इसे 2029 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। हालांकि, रेलवे बोर्ड ने पहले सुझाए गए रूट की व्यवहार्यता रिपोर्ट पर कुछ आपत्तियाँ जताई थीं, विशेष रूप से रूट में कई मोड़ों के कारण 350 किलोमीटर प्रति घंटा की गति से ट्रेन चलाने में तकनीकी चुनौतियाँ थी। इसके बावजूद, रेल मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) पर विचार जारी है और अंतिम निर्णय अभी लंबित है। UP News 

लाभ और प्रभाव :

– यात्रा में समय की बचत : तेज गति से यात्रा करने की सुविधा से यात्रियों का कीमती समय बचेगा।

– आर्थिक विकास : उत्तर प्रदेश के विभिन्न शहरों को जोड़ने से व्यापार, पर्यटन और रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे।

– पर्यावरणीय लाभ : उच्च गति की रेल परिवहन प्रणाली पारंपरिक वाहनों की तुलना में अधिक पर्यावरण अनुकूल होती है। UP News 

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