ब्राजील में दिखा खेती का भविष्य, भारत में लाएंगे नई तकनीक

Untitled design 84
Agriculture Minister :
locationभारत
userचेतना मंच
calendar17 Apr 2025 07:16 PM
bookmark
Agriculture Minister : केंद्रीय कृषि मंत्री (Agriculture Minister) शिवराज सिंह चौहान इन दिनों ब्राजील दौरे पर हैं, जहां वे BRICS कृषि मंत्रियों की बैठक में हिस्सा ले रहे हैं। बैठक से इतर उन्होंने ब्राजील के टमाटर और मक्के के खेतों का दौरा किया और कम पानी में ज्यादा सिंचाई की तकनीक को बेहद प्रभावशाली बताया।

"कम पानी, ज्यादा उत्पादन – ब्राजील से सीखने को मिला":शिवराज (Agriculture Minister)

शिवराज सिंह चौहान (Agriculture Minister) ने अपने अनुभव साझा करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक वीडियो पोस्ट किया। उन्होंने कहा,

“ब्राजील प्रवास के दौरान कई नई तकनीकों से परिचित होने का अवसर मिल रहा है। मैं यहां की खेती देख भी रहा हूं और उससे जुड़ी चीजें सीख भी रहा हूं।”

उन्होंने बताया कि ब्राजील में सिंचाई प्रणाली पूरी तरह से कंट्रोल्ड और मैकेनाइज्ड है। पौधों को उनकी ज़रूरत के अनुसार ही पानी दिया जाता है, जिससे पानी की बचत के साथ-साथ उत्पादन में भी इज़ाफा होता है।

भारत में अपनाएंगे ब्राजील का मॉडल: शिवराज (Agriculture Minister)

शिवराज (Agriculture Minister) ने कहा कि भारत में भी कृषि उत्पादन बढ़ाने के लिए इस तरह की आधुनिक तकनीकों को आवश्यक रूप से अपनाया जाएगा। उन्होंने विशेष रूप से टमाटर की खेती में सिंचाई व्यवस्था की सराहना की और कहा कि यह मॉडल भारत के कई राज्यों में खेती की तस्वीर बदल सकता है।

भारत-ब्राजील कृषि व्यापार को लेकर बड़े संकेत

अपने दौरे के दौरान शिवराज सिंह चौहान (Agriculture Minister) ने साओ पाउलो में ब्राजील के स्थानीय कृषि उद्यमियों से भी मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने ब्राजील में सोयाबीन और कपास की कटाई में मशीनों के इस्तेमाल की तारीफ की और भारत में इस तरह की तकनीकी साझेदारी को आगे बढ़ाने की बात कही।

उन्होंने ब्राजील के कृषि समुदाय को भारत आने का निमंत्रण भी दिया, जिससे दोनों देशों के बीच अनुभव साझा करने और टेक्नोलॉजी ट्रांसफर को बढ़ावा मिल सके।

बढ़ सकता है भारत-ब्राजील कृषि व्यापार

ब्राजीलियन चैंबर ऑफ कॉमर्स के अनुसार, भारत-ब्राजील के बीच वर्तमान में कृषि व्यापार लगभग 2 से 3 अरब डॉलर का है, लेकिन आने वाले वर्षों में यह आंकड़ा 15 से 20 अरब डॉलर तक जा सकता है।

ब्राजील फिलहाल भारत को उर्वरक, सोयाबीन, चीनी, मांस और सब्जियां निर्यात करता है। दोनों देशों के बीच यह सहयोग वैश्विक खाद्य सुरक्षा को भी मजबूती दे सकता है। Agriculture Minister :

बटन दबाओ, सेवा पाओ : आंध्र प्रदेश की वॉट्सऐप गवर्नेंस मॉडल

ग्रेटर नोएडा– नोएडा की खबरों से अपडेट रहने के लिए चेतना मंच से जुड़े रहें। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।
अगली खबर पढ़ें

भारत में करोड़ों की कमाई करने वाले किसान, जिनके पास हेलीकॉप्‍टर भी

D r rajaram tripathi 1
Rechest Farmer's
locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 01:50 AM
bookmark
Rechest Farmer's : हम जब भी विदेशों में करोड़पति किसानों के बारे में जानते हैं तो जेहन में हमेशा आता है कि काश हमारे देश में भी ऐसे किसान होते तो कितना अच्छा होता। हम जब भी अमीर लोगों के बारे में सोचते हैं तो हमारे मन में किसी कारोबारी का ही नाम आता है। लेकिन आज आपको अपने देश में भी करोड़ों की कमाई करने वाले किसानों के बारे में बताएंगे जो किसानी से इतना पैदा करते हैं कि वो लग्जरी लाइफ जीते हैं। यहांं तक की अपने किसानी के इनकम से वे लग्जरी कारों के साथ उनके पास अपना हेलीकाप्टर भी है। तो आइए मिलते हैं देश के ऐसे करोड़पति किसानों से। उत्‍तर प्रदेश के रामशरण वर्मा देश के सबसे अमीर किसान देश के व्यक्तिगत रूप से सबसे अमीर किसानों में उत्‍तर प्रदेश के दौलतपुर के रहने वाले रामशरण वर्मा का नाम आता है। रामशरण वर्मा 1986 से खेती कर रहे हैं। उस समय उनके पास पुश्‍तैनी 6 एकड़ जमीन थी, जिसे अब बढ़ाकर उन्‍होंने 300 एकड़ कर लिया है। 2019 में मोदी सरकार की तरफ से उन्‍हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया था। रामशरण वर्मा ज्यादातर सब्‍िजयों की खेती करते हैं। जिससे उनका सालाना टर्नओवर करोड़ों में है। राजस्थान के रमेश चौधरी भी करोड़पति किसान रामशरण वर्मा के बाद राजस्थान के रमेश चौधरी का नंबर आता है। उनका सालाना टर्नओवर दो करोड़ रुपये से ज्‍यादा है। जयपुर के रहने वाले रमेश चौधरी तीन पाली हाउस और एक ग्रीनहाउस के मालिक हैं। पालीहाउस में उनके यहां पर टमाटर और खीरे की खेती की जाती है। इसके अलावा ग्रीन हाउस में उनके यहां फूलों की खेती की जाती है। रमेश चौधरी के खेतों में बड़ी मात्रा में मक्‍का भी पैदा होती है। इन सभी की खेती से ही उनका टर्नओवर करोड़ों में पहुंच जाता है। करोड़पति किसान प्रमोद गौतम प्रमोद गौतम आज खेती से सालाना एक करोड़ से ज्‍यादा कमा रहे हैं। वह खेती शुरू करने से पहले एक कंपनी में नौकरी करते थे। आॅटोमोबाइल इंजीनियरिंग से कर‍ियर शुरू करने वाले प्रमोद साल 2006 में नौकरी छोड़कर 26 एकड़ जमीन से खेती की शुरुआत की थी। शुरुआत में उन्‍होंने मूंगफली और हल्दी की खेती की लकिन इसमें उन्हें नुकसान हुआ। उन्‍होंने हि‍म्‍मत नहीं हारी, इसके बाद उन्‍होंने संतरा, अंगूर, केले और अमरूद आदि की बागवानी शुरू कर दी और इसी बिजनेस से उन्‍हें भारी मुनाफा हुआ। इससे उन्होंने करोड़ रुपये से ज्यादा का टर्नओवर बना लिया। सचिन काले कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग से बने करोड़पति किसान सचिन काले ने भी अपने करियर की शुरुआत नौकरी से की थी। साल 2014 में नौकरी से इस्‍तीफा देने के बाद अपनी कंपनी इनोवेटिव एग्रीलाइफ सलूशन प्राइवेट लिमिटेड बनाई। यह कंपनी किसानों से जमीन लेकर कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग करती है। आज उनका टर्नओवर सालाना ढाई करोड़ रुपये के करीब है। छत्तीसगढ़ के रहने वाले सचिन काले खेती के मामले में देशभर में चौथे नंबर पर हैं। कभी इंजीनियर थे हरीश धनदेव राजस्थान के रहने वाले हरीश धनदेव आज किसानी से करोड़ों कमा रहे हैं जबकि कभी वे इंजीनियर हुआ करते थे। उन्होंने अपनी नौकरी छोड़कर खेती में कदम रखा। एलोवेरा की खेती से शुरुआत करते हुए, उन्होंने इस पौधे को प्रोसैस्ड करना भी शुरू किया। आज, उनके पास करीब 100 एकड़ जमीन में एलोवेरा की खेती है। हरीश धनदेव का सालाना कारोबार करीब ढाई करोड़ रुपये का है। डॉ. राजाराम त्रिपाठी का टर्नओवर है 25 करोड़ सालाना बिहार के बस्तर जिले के डॉ. राजाराम त्रिपाठी सफेद मूसली और काली मिर्च के सबसे बड़े उत्‍पादक हैं। राजाराम त्रिपाठी को अब तक देश के सर्वश्रेष्ठ किसान का पुरस्कार भी मिल चुका है। वह 400 परिवारों के साथ 1000 एकड़ जमीन पर सामूहिक खेती कर रहे हैं। उनकी खेती का साम्राज्‍य इतना बड़ा है कि उन्‍होंने इसकी देखभाल के लिए हेलीकॉप्टर का आॅर्डर किया है। वह 25 करोड़ के सालाना टर्नओवर वाले मां दंतेश्‍वरी हर्बल ग्रुप के सीईओ हैं। उनका ग्रुप यूरोपीय और अमेरिकी देशों में काली मिर्च का निर्यात करता है। मुकेश अंबानी भी किसानों की लिस्ट में मुकेश अंबानी का आम का बगीचा इतना बड़ा है कि वहां होने वाले केवल आम के व्यापार से वे करोड़पति किसानों की लिस्ट में आ जाते हैं। उनका जाम नगर में 600 एकड़ जमीन में फैला आम का बाग है। इस बाग का नाम धीरूभाई अंबानी के नाम पर है। बाग में 200 से ज्यादा वैरायटी के करीब 1.3 लाख आम के पेड़ हैं। बाग से हर साल करीब 600 टन आम का उत्पादन करने वाली रिलायंस देश ही नहीं एशिया की सबसे बड़ी आम एक्‍सपोर्ट कंपनी है।

46 साल बाद शिव मंदिर के कपाट खुलने पर योगी आदित्यनाथ का बड़ा बयान

ग्रेटर नोएडा– नोएडा की खबरों से अपडेट रहने के लिए चेतना मंच से जुड़े रहें। 

देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।

अगली खबर पढ़ें

मशरूम की खेती से किसान कमा रहे लाखों रूपये, लोगों को भी दे रहे रोजगार

29 1
Mashroom ki kheti
locationभारत
userचेतना मंच
calendar29 Nov 2025 04:24 PM
bookmark

Mashroom ki kheti : देश के लाखों लोग एक ओर जहां रोजगार की तलाश में रहते हैं, वहीं कई ऐसे लोग भी हैं जो खेती-किसानी से जुड़कर न सिर्फ अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं, बल्कि आसपास के लोगों को रोजगार भी दे रहे हैं। आज हम आपको एक ऐसे किसान के बारे में बताने वाले है, जिसने नौकरी छोड़कर मशरूम की खेती करके अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं।

Mashroom ki kheti

हरियाणा के सोनीपत जिले के रोहट गांव के रहने वाले रणवीर सिंह मशरूम की खेती से अपनी एक नई पहचान बना रहे हैं। रणवीर पहले प्राइवेट नौकरी करते थे। इस नौकरी से उनके परिवार का गुजारा बड़ी मुश्किल से होता था। इसके बाद उन्होंने मशरूम की खेती की शुरुआत की थी। इसके जरिए आज वह 6 से 7 लाख रुपये मुनाफा हासिल कर रहे हैं। इतना ही नहीं किसान रणवीर ने 6-7 लोगों को काम पर रखा हुआ है। इसके अलावा अन्य लोगों को भी मशरूम की खेती के लिए लगातार प्रोत्साहित कर स्वरोजगार अपनाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।

तेजी से बढ़ रहा है मशरूम का उत्पादन

कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि पिछले कुछ वर्षों में किसानों का रुझान मशरूम की खेती की तरफ तेजी से बढ़ रहा है। बाजार में मशरूम की फसल का अच्छा दाम मिल जाता है। कम जगह और कम समय के साथ ही मशरूम की खेती में लागत भी बहुत कम लगती है, जबकि मुनाफा लागत से कई गुना ज्यादा मिल जाता है। मशरूम की खेती के लिए किसान किसी भी कृषि विज्ञान केंद्र या फिर कृषि विश्वविद्यालय में प्रशिक्षण ले सकते हैं।

मशरूम से बनाए जाते है कई व्यंजन

भारत देश में मशरूम का उपयोग भोजन और औषधि के रूप में किया जाता है। मशरूम में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, खनिज लवण और विटामिन है। जिससे मशरूम उच्च स्तरीय खाद्य मूल्यों के कारण सम्पूर्ण विश्व में अपना एक विशेष महत्व रखता है। भारत में मशरूम को खुम्भ, भमोड़ी और गुच्छी आदि नाम से जाना जाता है। देश में बेहतरीन पौष्टिक खाद्य के रूप में मशरूम का उपयोग किया जाता है। इसके अलावा मशरूम के पापड़, जिम का सप्लीमेन्ट्री पाउडर, अचार, बिस्किट, टोस्ट, कूकीज, जैम (अंजीर मशरूम), सॉस, सूप, खीर, ब्रेड, चिप्स आदि बनाए जाते हैं।

Noida Stadium : अगले वर्ष से नोएडा के क्रिकेट स्टेडियम में होंगे अंतर्राष्ट्रीय मैच !

देश विदेश की खबरों से अपडेट रहने लिए चेतना मंच के साथ जुड़े रहें। देश-दुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमें  फेसबुकपर लाइक करें या  ट्विटरपर फॉलो करें।