Share Market : शुरुआती कारोबार में 253 अंक चढ़ा सेंसेक्स, निफ्टी भी मजबूत

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Sensex rises 253 points in early trade, Nifty also strong
locationभारत
userचेतना मंच
calendar30 Nov 2025 07:31 PM
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मुंबई। देशी कोषों के सतत प्रवाह तथा रिलायंस इंडस्ट्रीज, एचडीएफसी बैंक और एचडीएफसी के शेयरों में लिवाली से सोमवार को शेयर बाजार मजबूती के रुख के साथ खुले। बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में 252.87 अंक की बढ़त के साथ 65,533.32 अंक पर पहुंच गया।

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इन शेयरों ने लगाई छलांग नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का सूचकांक निफ्टी 76.1 अंक की बढ़त के साथ 19,407.90 अंक पर कारोबार कर रहा था। सेंसेक्स के शेयरों में रिलायंस इंडस्ट्रीज तीन प्रतिशत की बढ़त में था। एचडीएफसी, टाटा मोटर्स, एसबीआई, एचडीएफसी बैंक, एक्सिस बैंक, अल्ट्राटेक सीमेंट और महिंद्रा एंड महिंद्रा के शेयर भी लाभ में थे।

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इन शेयरों में रहा गिरावट का रुख वहीं, एचसीएल टेक, टाइटन, पावर ग्रिड, बजाज फाइनेंस, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, टेक महिंद्रा और विप्रो के शेयर नुकसान में कारोबार कर रहे थे। अन्य एशियाई बाजारों में चीन का शंघाई कम्पोजिट और हांगकांग का हैंगसेंग लाभ में तथा दक्षिण कोरिया का कॉस्पी और जापान का निक्की नुकसान में थे। अमेरिकी बाजार शुक्रवार को नुकसान के साथ बंद हुए थे। देश विदेशकी खबरों से अपडेट रहने लिएचेतना मंचके साथ जुड़े रहें। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें। #sharemarket #mumbaistockexchange #sensex #nifty
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Share Market : शीर्ष 10 में छह कंपनियों का 1.19 लाख करोड़ रुपये बढ़ा बाजार पूंजीकरण

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Market capitalization of six companies in top 10 increased by Rs 1.19 lakh crore
locationभारत
userचेतना मंच
calendar29 Nov 2025 06:29 AM
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नयी दिल्ली। सेंसेक्स की शीर्ष 10 में से छह कंपनियों के बाजार पूंजीकरण (मार्केट कैप) में बीते सप्ताह 1,19,763.25 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हुई। सबसे अधिक लाभ में रिलायंस इंडस्ट्रीज और आईटीसी रहीं।

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सेंसेक्स ने छुआ आसमान बीते सप्ताह बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 561.89 अंक या 0.86 प्रतिशत की बढ़त में रहा। सात जुलाई को सेंसेक्स ने 65,898.98 अंक के अपने सर्वकालिक उच्चस्तर को छुआ। समीक्षाधीन सप्ताह में रिलायंस इंडस्ट्रीज का बाजार पूंजीकरण 57,338.56 करोड़ रुपये बढ़कर 17,83,043.16 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। सबसे अधिक लाभ में रिलायंस इंडस्ट्रीज ही रही।

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जानिये इन कंपनियों की हैसियत आईटीसी का बाजार मूल्यांकन 21,291.04 करोड़ रुपये के उछाल के साथ 5,82,602.46 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की बाजार हैसियत 18,697.06 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी के साथ 5,29,898.83 करोड़ रुपये और टाटा कंसल्टेंसी सर्विसज (टीसीएस) की 9,220.81 करोड़ रुपये के उछाल के साथ 12,16,890.72 करोड़ रुपये रही। आईसीआईसीआई बैंक की बाजार हैसियत 8,998.26 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी के साथ 6,62,702.30 करोड़ रुपये पर पहुंच गई। हिंदुस्तान यूनिलीवर ने सप्ताह के दौरान 4,217.52 करोड़ रुपये जोड़े और उसकी बाजार हैसियत बढ़कर 6,33,532.04 करोड़ रुपये पर पहुंच गई।

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इन्हें हुआ नुकसान इस रुख के उलट एचडीएफसी बैंक का बाजार पूंजीकरण 22,926.37 करोड़ रुपये घटकर 9,28,657.99 करोड़ रुपये रह गया। एचडीएफसी के मूल्यांकन में 9,782.7 करोड़ रुपये की गिरावट आई और यह 5,12,585.94 करोड़ रुपये पर आ गया। भारती एयरटेल की बाजार हैसियत 5,219.66 करोड़ रुपये घटकर 4,84,844.10 करोड़ रुपये रह गई। इन्फोसिस का मूल्यांकन 1,638.41 करोड़ रुपये के नुकसान से 5,52,452.86 करोड़ रुपये पर आ गया।

Business News : रूसी कच्चे तेल पर भारत को छूट अब सिर्फ चार डॉलर प्रति बैरल

ये हैं शीर्ष कंपनियां शीर्ष 10 कंपनियों की सूची में रिलायंस इंडस्ट्रीज पहले स्थान पर कायम रही। उसके बाद क्रमश: टीसीएस, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, हिंदुस्तान यूनिलीवर, आईटीसी, इन्फोसिस, एसबीआई, एचडीएफसी और भारती एयरटेल का स्थान रहा। देश विदेशकी खबरों से अपडेट रहने लिएचेतना मंचके साथ जुड़े रहें। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें। #sharemarket #reliance #itclimited #top10companies
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Business News : रूसी कच्चे तेल पर भारत को छूट अब सिर्फ चार डॉलर प्रति बैरल

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Discount on Russian crude oil to India is now just $4 per barrel
locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 05:10 AM
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नयी दिल्ली। यूक्रेन युद्ध के बाद से भारत को रूस से कच्चे तेल की खरीद पर जो छूट या रियायत मिल रही थी, अब वह काफी घट गई है। दूसरी ओर, रूस द्वारा इस तेल के परिवहन के लिए जिन इकाइयों की व्यवस्था की गई है, वे भारत से सामान्य से काफी ऊंची दर वसूल रही हैं। सूत्रों ने यह जानकारी दी।

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कच्चे तेल के परिवहन पर आ रहा दोगुना खर्च भारतीय रिफाइनरी कंपनियों से रूस पश्चिम द्वारा लगाए गए 60 डॉलर प्रति बैरल की मूल्य सीमा से कम की कीमत वसूल रहा है। लेकिन, वह कच्चे तेल के परिवहन के लिए 11 से 19 डॉलर प्रति बैरल की कीमत वसूल रहा है। यह बाल्टिक और काला सागर से पश्चिमी तट तक डिलिवरी के लिए सामान्य शुल्क का दोगुना है। मामले की जानकारी रखने वाले तीन सूत्रों ने कहा कि रूसी बंदरगाहों से भारत तक परिवहन की लागत 11-19 डॉलर प्रति बैरल बैठ रही है। यह तुलनात्मक रूप से फारस की खाड़ी से रॉटरडम तक के परिवहन शुल्क से कहीं ऊंची है।

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पहले भारत को मिल रही थी 30 डॉलर प्रति बैरल की छूट पिछले साल फरवरी में यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद रूसी तेल पर यूरोपीय खरीदारों और जापान जैसे एशिया के कुछ देशों ने प्रतिबंध लगा दिया था। इसके चलते रूसी यूराल्स कच्चे तेल का कारोबार ब्रेंट कच्चे तेल यानी वैश्विक बेंचमार्क कीमत से काफी कम दाम पर होने लगा। हालांकि, रूसी कच्चे तेल पर जो छूट पिछले साल के मध्य में 30 डॉलर प्रति बैरल थी, वह अब घटकर चार डॉलर प्रति बैरल पर आ गई है।

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भारत ने चीन को पीछे छोड़ा भारतीय रिफाइनरी कंपनियां कच्चे तेल को पेट्रोल और डीजल जैसे ईंधन में बदलती हैं। अभी ये कंपनियां रूसी तेल की सबसे बड़ी खरीदार हैं। इस मामले में भारत ने चीन को पीछे छोड़ दिया है। अर्थव्यवस्था में सुस्ती और वाहनों के बड़े पैमाने पर विद्युतीकरण के चलते चीन का रूस से कच्चे तेल का आयात काफी घट गया है। रूस के सस्ते कच्चे तेल पर अपनी पैठ जमाने के लिए भारतीय रिफाइनरी कंपनियों ने काफी तेजी से अपनी खरीद बढ़ाई है। यूक्रेन युद्ध से पहले रूस की भारत की कुल कच्चे तेल की खरीद में सिर्फ दो प्रतिशत हिस्सेदारी थी, जो आज बढ़कर 44 प्रतिशत पर पहुंच गई है। लेकिन, अब रूसी कच्चे तेल पर छूट या रियायत काफी घट गई है। रूस से हर दिन आ रहा है 20 लाख बैरल कच्चा तेल इसकी वजह यह है कि सार्वजनिक क्षेत्र की इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी), हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड, भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल), मेंगलूर रिफाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड और एचपीसीएल-मित्तल एनर्जी लिमिटेड के साथ निजी रिफाइनरी कंपनियां मसलन रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड और नायरा एनर्जी लिमिटेड रूस के साथ कच्चे तेल के सौदों के लिए अलग-अलग बातचीत कर रही हैं। सूत्रों ने कहा कि यह छूट ऊंची रह सकती थी, यदि सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयां इस बारे में सबसे साथ मिलकर बातचीत करतीं। फिलहाल रूस से प्रतिदिन 20 लाख बैरल कच्चा तेल आ रहा है। इसमें सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों का हिस्सा करीब 60 प्रतिशत है।

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अभी 60 डॉलर से कम पर भारत को मिल रहा कच्चा तेज यूक्रेन पर रूस के हमले से पहले फरवरी, 2022 तक समाप्त 12 माह की अवधि में भारत रूस से प्रतिदिन 44,500 बैरल कच्चा तेल खरीदता था। पिछले कुछ माह के दौरान समुद्र के रास्ते भारत की रूसी कच्चे तेल की खरीद चीन को पार कर गई है। सूत्रों ने बताया कि भारतीय रिफाइनरी कंपनियां रूस से कच्चे तेल की खरीद उसकी आपूर्ति किए जाने के आधार पर खरीदती हैं। इसके चलते रूस को तेल के परिवहन और बीमा की व्यवस्था करनी पड़ती है। हालांकि, रूस से कच्चा तेल 60 डॉलर प्रति बैरल से कम के भाव पर मिल रहा है, लेकिन कुल मिलाकर यह राशि 70 से 75 डॉलर प्रति बैरल बैठ रही है। देश विदेशकी खबरों से अपडेट रहने लिएचेतना मंचके साथ जुड़े रहें। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें। #businessnews #Russia #crudeoil