Kanpur News : बेपरवाह बैंक, टूटते रहे लॉकर; मेंटिनेंस कर्मी से 3.5 किलो सोना, 8 किलो चांदी बरामद

Kanpur News :
बचने पर मारा बड़ा हाथ दरअसल, अक्तूबर 2021 में अजय गुप्ता के लॉकर से 20 लाख के गहने पार किए थे। 12 अक्तूबर को अजय ने लॉकर से गहने गायब देख बैंक अफसरों और पुलिस से शिकायत की थी। 13 अक्तूबर को एफआईआर भी दर्ज कराई थी, लेकिन बैंक के अफसर अजय गुप्ता को ही झूठा बताने में तुले रहे। पुलिस भी जांच के नाम पर खानापूरी करती रही। इसी का फायदा रोहित शुक्ला ने उठाया। उसे लगा कि मामला बैंक-ग्राहक और पुलिस में ही उलझ कर रह गया है इसलिए वह बच गया। फिर उसने बड़ा हाथ मारने की सोची और रमा अवस्थी के खाते से डेढ़ करोड़ के गहने पार कर दिए। दो साल तक उसके पीछे पुलिस नहीं आई, तो उसे भरोसा हो गया था कि पुलिस उस तक नहीं पहुंच सकेगी। इसके बाद उसने कई वारदात की। लॉकर रूम में मेंटिनेंस कर्मी छोड़ा था अकेला जांच में खुलासा हुआ कि लॉकर कंपनी के कर्मचारी के भरोसे पूरा लॉकर रूम छोड़ दिया गया था। आरोपी रोहित शुक्ला ने उसने बताया कि कई बार उसे लॉकर रूम में अकेला ही छोड़ दिया जाता था। लॉकर इंचार्ज भी उसका काम नहीं देखने आती थी। लॉकर रूम में कोई सीसीटीवी भी नहीं लगा है। ऐसे में उसने लॉकरों को तोड़ने का प्लान बनाया। आरोपी पहले लॉकरों में एक तार डालकर अंदर माल होने का पता लगाता था। रमा अवस्थी के लॉकर के अंदर माल होने की पुष्टि करने के बाद उसने लॉकर को नौ मिनट के अंदर कटर और हथौड़े की मदद से तोड़ा और माल पार कर दिया। हड़बड़ाहट में एक पर्स वहीं, छूट गया था, जो पुलिस को जांच में मौके से मिला था। पुलिस को बैंक प्रबंधन ने 18 महीने सीसीटीवी फुटेज दिए थे। उसे चेक करते वक्त 10 सितंबर के फुटेज में रोहित हाथ में एक झोला लेकर लॉकर रूम के अंदर अकेला जाते नजर आया। जब वह बाहर आया, तो उसकी गतिविधि अजीब सी लगी। उसने झोले को अजीब तरीके से पकड़ा हुआ था, जिससे वह कुछ छिपाता नजर आया। मकान बनवाया, छोड़ दिया काम पुलिस को उसके पास करीब दो करोड़ के गहने मिले हैं। पुलिस की जांच में पता चला कि रोहित ने लंबा हाथ मारने के बाद से काम धंधे में रुचि लेना कम कर दिया था। करीब सात महीने से वह काम पर भी नहीं जा रहा था। कुछ समय पहले ही उसने जीटी रोड पर स्थित अपना मकान बनवाया। इसके बाद महंगा मोबाइल खरीदा। 3.5 किलो सोना, 8 किलो चांदी के गहने मिले पुलिस को रोहित के पास से करीब 3.5 किलो सोना, 8 किलो चांदी के गहने मिले हैं। इनमें पीड़ित बैंक ग्राहकों के गहने निकलवाने के बाद भी करीब 30 लाख के गहने शेष हैं। इनमें भगवान के छत्र, मुकुट आदि भी शामिल हैं। ऐसे में पुलिस को आशंका है कि उसने किसी मंदिर या अन्य किसी बैंक के लॉकर में भी चोरी की है।
आरबीआई की गाइडलाइन का नहीं किया पालन
पुलिस की जांच में बैंक अफसरों की बड़ी लापरवाही सामने आई है। अनऑपरेट लॉकरों को तोड़ने और मरम्मत के लिए जारी की गई आरबीआई की गाइडलाइन का पालन नहीं किया गया था। पुलिस कमिश्नर बीपी जोगदंड के अनुसार लॉकरों को तोड़ने या मरम्मत की प्रक्रिया अपनाई जाती है, तो उसके लिए एक कमेटी का गठन किया जाता है। इस कमेटी में शाखा प्रबंधक, लॉकर इंचार्ज, प्रबुद्ध वर्ग के दो सामाजिक लोग और वरिष्ठ अधिवक्ता को शामिल किया जाना आवश्यक है। वहीं, प्रक्रिया के वक्त आरबीआई की नई गाइडलाइन के लिए वीडियोग्राफी भी करानी चाहिए। लेकिन, बैंक ऑफ बड़ौदा में इस पूरी प्रक्रिया का कहीं भी पालन नहीं किया गया। बैंक अफसरों की भूमिका की भी जांच की जा रही है।
बैंक अफसरों से पूछताछ के बाद पुलिस लेगी रिमांड
पुलिस लॉकर मरम्मत करने वाले रोहित को जेल भेजकर बैंक अफसरों की भूमिका की जांच में जुट गई है। दो सप्ताह बाद पुलिस कोर्ट से रोहित की कस्टडी रिमांड ले सकती है। इसके बाद अन्य माल की बरामदगी भी संभव है। पुलिस ने बैंक अफसरों को क्लीनचिट नहीं दी है।
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बचने पर मारा बड़ा हाथ दरअसल, अक्तूबर 2021 में अजय गुप्ता के लॉकर से 20 लाख के गहने पार किए थे। 12 अक्तूबर को अजय ने लॉकर से गहने गायब देख बैंक अफसरों और पुलिस से शिकायत की थी। 13 अक्तूबर को एफआईआर भी दर्ज कराई थी, लेकिन बैंक के अफसर अजय गुप्ता को ही झूठा बताने में तुले रहे। पुलिस भी जांच के नाम पर खानापूरी करती रही। इसी का फायदा रोहित शुक्ला ने उठाया। उसे लगा कि मामला बैंक-ग्राहक और पुलिस में ही उलझ कर रह गया है इसलिए वह बच गया। फिर उसने बड़ा हाथ मारने की सोची और रमा अवस्थी के खाते से डेढ़ करोड़ के गहने पार कर दिए। दो साल तक उसके पीछे पुलिस नहीं आई, तो उसे भरोसा हो गया था कि पुलिस उस तक नहीं पहुंच सकेगी। इसके बाद उसने कई वारदात की। लॉकर रूम में मेंटिनेंस कर्मी छोड़ा था अकेला जांच में खुलासा हुआ कि लॉकर कंपनी के कर्मचारी के भरोसे पूरा लॉकर रूम छोड़ दिया गया था। आरोपी रोहित शुक्ला ने उसने बताया कि कई बार उसे लॉकर रूम में अकेला ही छोड़ दिया जाता था। लॉकर इंचार्ज भी उसका काम नहीं देखने आती थी। लॉकर रूम में कोई सीसीटीवी भी नहीं लगा है। ऐसे में उसने लॉकरों को तोड़ने का प्लान बनाया। आरोपी पहले लॉकरों में एक तार डालकर अंदर माल होने का पता लगाता था। रमा अवस्थी के लॉकर के अंदर माल होने की पुष्टि करने के बाद उसने लॉकर को नौ मिनट के अंदर कटर और हथौड़े की मदद से तोड़ा और माल पार कर दिया। हड़बड़ाहट में एक पर्स वहीं, छूट गया था, जो पुलिस को जांच में मौके से मिला था। पुलिस को बैंक प्रबंधन ने 18 महीने सीसीटीवी फुटेज दिए थे। उसे चेक करते वक्त 10 सितंबर के फुटेज में रोहित हाथ में एक झोला लेकर लॉकर रूम के अंदर अकेला जाते नजर आया। जब वह बाहर आया, तो उसकी गतिविधि अजीब सी लगी। उसने झोले को अजीब तरीके से पकड़ा हुआ था, जिससे वह कुछ छिपाता नजर आया। मकान बनवाया, छोड़ दिया काम पुलिस को उसके पास करीब दो करोड़ के गहने मिले हैं। पुलिस की जांच में पता चला कि रोहित ने लंबा हाथ मारने के बाद से काम धंधे में रुचि लेना कम कर दिया था। करीब सात महीने से वह काम पर भी नहीं जा रहा था। कुछ समय पहले ही उसने जीटी रोड पर स्थित अपना मकान बनवाया। इसके बाद महंगा मोबाइल खरीदा। 3.5 किलो सोना, 8 किलो चांदी के गहने मिले पुलिस को रोहित के पास से करीब 3.5 किलो सोना, 8 किलो चांदी के गहने मिले हैं। इनमें पीड़ित बैंक ग्राहकों के गहने निकलवाने के बाद भी करीब 30 लाख के गहने शेष हैं। इनमें भगवान के छत्र, मुकुट आदि भी शामिल हैं। ऐसे में पुलिस को आशंका है कि उसने किसी मंदिर या अन्य किसी बैंक के लॉकर में भी चोरी की है।
आरबीआई की गाइडलाइन का नहीं किया पालन
पुलिस की जांच में बैंक अफसरों की बड़ी लापरवाही सामने आई है। अनऑपरेट लॉकरों को तोड़ने और मरम्मत के लिए जारी की गई आरबीआई की गाइडलाइन का पालन नहीं किया गया था। पुलिस कमिश्नर बीपी जोगदंड के अनुसार लॉकरों को तोड़ने या मरम्मत की प्रक्रिया अपनाई जाती है, तो उसके लिए एक कमेटी का गठन किया जाता है। इस कमेटी में शाखा प्रबंधक, लॉकर इंचार्ज, प्रबुद्ध वर्ग के दो सामाजिक लोग और वरिष्ठ अधिवक्ता को शामिल किया जाना आवश्यक है। वहीं, प्रक्रिया के वक्त आरबीआई की नई गाइडलाइन के लिए वीडियोग्राफी भी करानी चाहिए। लेकिन, बैंक ऑफ बड़ौदा में इस पूरी प्रक्रिया का कहीं भी पालन नहीं किया गया। बैंक अफसरों की भूमिका की भी जांच की जा रही है।
बैंक अफसरों से पूछताछ के बाद पुलिस लेगी रिमांड
पुलिस लॉकर मरम्मत करने वाले रोहित को जेल भेजकर बैंक अफसरों की भूमिका की जांच में जुट गई है। दो सप्ताह बाद पुलिस कोर्ट से रोहित की कस्टडी रिमांड ले सकती है। इसके बाद अन्य माल की बरामदगी भी संभव है। पुलिस ने बैंक अफसरों को क्लीनचिट नहीं दी है।
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