Political News : बसपा की बैठक में थी "गड़बड़ी" की आशंका , बदल दिया स्थान

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चार बार उत्तर प्रदेश की सत्ता पर आसीन रही बहुजन समाज पार्टी अपने खोए वजूद को तलाश रही है। इसी कड़ी में बसपा सुप्रीमो मायावती के गृह जनपद गौतमबुद्धनगर में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के संगठन की समीक्षा आज हो रही है। विदित हो कि बसपा इन दिनों अपनी राजनीति के संक्रमण दौर से गुजर रही है। सात महीने पहले हुए यूपी विधानसभा चुनाव में 403 विधानसभा सीटों में मात्र एक सीट पर पार्टी अपनी जीत दर्ज करा सकी है। अब प्रदेश भर में नगर पंचायत और नगर पालिका के चुनाव सम्पन्न होने हैं। इन चुनावों में केसरिया झंडा बुलंद करने के लिए भाजपा कमर कस चुकी है। अन्य दलों की तरह बहुजन समाज पार्टी भी स्थानीय निकाय चुनाव में अपना अस्तित्व बचाना चाहती है। यह तभी संभव है जब रूट पर पार्टी का कार्यकर्ता नीले झंडे को वोट के साथ बुलंद करने का काम करे। इसी मंशा को ध्यान में रखते हुए पार्टी ने बड़े पदाधिकारियों को कार्यकर्ताओं के बीच जाने के निर्देश दिये हैं।Political News :
गौतमबुद्धनगर की बात करें तो यहां एक समय ऐसा था जब दादरी विधानसभा सीट से सत्यवीर गुर्जर, जेवर से वेदराम भाटी सरीखे नेता लगातार विधायक हुआ करते थे। गौतमबुद्धनगर संसदीय सीट से मौजूदा राज्यसभा सांसद सुरेन्द्र नागर हाथी पर सवार होकर संसद पहुंचे थे। स्थानीय निकाय चुनावों में पार्टी कहां से किसे मैदान में उतारे यह तय करने से पहले समीक्षा बैठक बेहद जरूरी हो गयी है।Political News :
सूत्र बताते हैं कि विधानसभा चुनाव में जो उम्मीदवार चुनाव लड़े हैं वे भी कार्यकर्ताओं से सीधा संवाद करेंगे। अगर आंकड़ों पर नजर डालें तो पता चलता है कि दादरी विधानसभा सीट पर 2022 में हुए चुनाव में बसपा उम्मीदवार मनवीर भाटी को मात्र 40 हजार 456 वोट मिले हैं। जबकि पार्टी कार्यकर्ताओं के दम पर सत्यबीर गुर्जर की लीड इसके आसपास हुआ करती थी। वहीं जेवर पर यह आंकड़ा नरेन्द्र डाढा के हिस्से में थोड़ा सा बढ़कर 45 हजार 256 वोट में तब्दील हो गया। यहां से वेदराम भाटी ठीकठाक वोट लेकर जीता करते थे। नोएडा में बसपा को 16 हजार 246 वोट मिले हैं। खास बात यह है कि यह समीक्षा बैठक क्या गुल खिलाती है। यह देखना दिलचस्प होगा। लेकिन एक बात साफ है कि विधानसभा चुनाव के दौरान बसपा सुप्रीमो मायावती का वह बयान जिसमें उन्होने समाजवादी पार्टी को हराने के लिए भाजपा को वोट करने की अपील की थी। उस पर भी चर्चा होने की भरसक संभावना है।अगली खबर पढ़ें
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चार बार उत्तर प्रदेश की सत्ता पर आसीन रही बहुजन समाज पार्टी अपने खोए वजूद को तलाश रही है। इसी कड़ी में बसपा सुप्रीमो मायावती के गृह जनपद गौतमबुद्धनगर में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के संगठन की समीक्षा आज हो रही है। विदित हो कि बसपा इन दिनों अपनी राजनीति के संक्रमण दौर से गुजर रही है। सात महीने पहले हुए यूपी विधानसभा चुनाव में 403 विधानसभा सीटों में मात्र एक सीट पर पार्टी अपनी जीत दर्ज करा सकी है। अब प्रदेश भर में नगर पंचायत और नगर पालिका के चुनाव सम्पन्न होने हैं। इन चुनावों में केसरिया झंडा बुलंद करने के लिए भाजपा कमर कस चुकी है। अन्य दलों की तरह बहुजन समाज पार्टी भी स्थानीय निकाय चुनाव में अपना अस्तित्व बचाना चाहती है। यह तभी संभव है जब रूट पर पार्टी का कार्यकर्ता नीले झंडे को वोट के साथ बुलंद करने का काम करे। इसी मंशा को ध्यान में रखते हुए पार्टी ने बड़े पदाधिकारियों को कार्यकर्ताओं के बीच जाने के निर्देश दिये हैं।Political News :
गौतमबुद्धनगर की बात करें तो यहां एक समय ऐसा था जब दादरी विधानसभा सीट से सत्यवीर गुर्जर, जेवर से वेदराम भाटी सरीखे नेता लगातार विधायक हुआ करते थे। गौतमबुद्धनगर संसदीय सीट से मौजूदा राज्यसभा सांसद सुरेन्द्र नागर हाथी पर सवार होकर संसद पहुंचे थे। स्थानीय निकाय चुनावों में पार्टी कहां से किसे मैदान में उतारे यह तय करने से पहले समीक्षा बैठक बेहद जरूरी हो गयी है।Political News :
सूत्र बताते हैं कि विधानसभा चुनाव में जो उम्मीदवार चुनाव लड़े हैं वे भी कार्यकर्ताओं से सीधा संवाद करेंगे। अगर आंकड़ों पर नजर डालें तो पता चलता है कि दादरी विधानसभा सीट पर 2022 में हुए चुनाव में बसपा उम्मीदवार मनवीर भाटी को मात्र 40 हजार 456 वोट मिले हैं। जबकि पार्टी कार्यकर्ताओं के दम पर सत्यबीर गुर्जर की लीड इसके आसपास हुआ करती थी। वहीं जेवर पर यह आंकड़ा नरेन्द्र डाढा के हिस्से में थोड़ा सा बढ़कर 45 हजार 256 वोट में तब्दील हो गया। यहां से वेदराम भाटी ठीकठाक वोट लेकर जीता करते थे। नोएडा में बसपा को 16 हजार 246 वोट मिले हैं। खास बात यह है कि यह समीक्षा बैठक क्या गुल खिलाती है। यह देखना दिलचस्प होगा। लेकिन एक बात साफ है कि विधानसभा चुनाव के दौरान बसपा सुप्रीमो मायावती का वह बयान जिसमें उन्होने समाजवादी पार्टी को हराने के लिए भाजपा को वोट करने की अपील की थी। उस पर भी चर्चा होने की भरसक संभावना है।संबंधित खबरें
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