UP Politics : बहुजन समाज पार्टी (BSP) की सुप्रीमो मायावती ने गुरुवार 28 अप्रैल को पीएम बनने की इच्छा जाहिर की थी। मायावती के पीएम बनने की इच्छा जाहिर करने के कुछ घंटों बाद समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि वे भी यही चाहते थे कि मायावती पीएम बनें। इसलिए 2019 लोकसभा चुनाव में उनकी पार्टी ने बीएसपी के साथ गठबंधन किया था।
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दरअसल, मायावती के पीएम बनने की इच्छा जाहिर करने के बाद लखनऊ में आयोजित एक इफ्तार पार्टी में पत्रकारों द्वारा अखिलेश यादव से सवाल पूछा गया था। जिसके जवाब में अखिलेश ने कहा, 'मैं इससे (बयान) से खुश हूं। मैं भी यही चाहता था। अखिलेश ने कहा कि अगर उनका गठबंधन जारी रहता, तो बसपा और डॉ भीम राव अंबेडकर के अनुयायियों ने देखा होता कि कौन प्रधानमंत्री बनता।
पत्रकारों से बातचीत के दौरान अखिलेश ने यूपी सरकार पर निशाना भी साधा। अखिलेश ने कहा कि आरोप लगाया कि बुलडोजर 'जाति और धर्म' देखकर चलाया जा रहा है। सपा अध्यक्ष ने कहा, 'यदि वे भाजपा के लोगों के घर और मकान को गिराते हैं, तो वे मुआवजा देंगे। गोरखपुर में 700 मीटर में दुकानों को तोड़ा गया और उसके बाद मुआवजा दिया गया। सुनने में आ रहा हैं कि 100-150 करोड़ रुपये नहीं बल्कि 200 करोड़ मुआवजा उठाया गया।'
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अखिलेश ने कहा कि सरकार यदि मुख्यमंत्री जी को मुआवजा दे सकती हैं तो जो गरीबों को मुआवजा क्यों नहीं मिल सकता? धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर हटाये जाने के बारे में सपा अध्यक्ष ने कहा, 'सरकार को नौकरी देने वालों की सूची भी जारी करनी चाहिए।'
सपा प्रमुख अखिलेश यादव पर बड़ा आरोप लगाते हुए बसपा प्रमुख ने कहा कि समाजवादी पार्टी कभी सत्ता में आने वाली नहीं है और अखिलेश यादव खुद विदेश भागने की फिराक में है। उन्होंने कहा कि उनका सपना राष्ट्रपति बनना नहीं है। वह पीएम और सीएम बनने का सपना देख सकती है। वह उत्तर प्रदेश की राजनीति में है और रहेगी। मायावती ने कहा कि समाजवादी पार्टी उनके बारे में अफवाह फैला रही है।