नवरात्रि के नौ दिन नौ भोग जानें कौन से दिन कौन सा भोग अर्पित करने से खुल सकती है किस्मत 

Navratri 2024
Chaitra Navratri Bhog
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Apr 2024 08:57 PM
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Chaitra Navratri Bhog : नवरात्रि का पर्व देवी दुर्गा की पूजा अराधना का समय होता है. ऎसे में माता को अर्पित किए जाने वाले भोग भी बहुत विशेष होते हैं. माता को हर दिन अलग अलग तरह की भोग सामग्री अर्पित की जाती है. माता को लगाया जाने वाला भोग भक्तों को भाग्य में वृद्धि देने वाला और मनोकामनाओं को पूर्ण करने वाला होता है. हिंदू धर्म में भगवान को अर्पित किए जाने वाला भोग बहुत महत्व रखता है. इसी तरह नवरात्रि के समय नौ दिन माता के लिए विशेष पकवान तैयार करना और उनका माता को भोग लगाना भक्त के लिए बहुत ही खास माना गया है. Navratri Bhog for 9 Days आइये जान लेते हैं कि इस बार चैत्र नवरात्रि पर माता को लगाए जाने वाले भोग कौन कौन से होंगे.

माता को नौ दिन लगाए जाने वाले भोग प्रसाद की सूची

माँ के पहले दिन का भोग  चैत्र माह में नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा करने का विधान रहा है. इस दिन माता को हलवे का भोग अर्पित किया जाता है. माँ के दूसरे दिन का भोग    चैत्र माह में नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करने का विधान रहा है. इस दिन माता को दूध से बने पदार्थ अर्पित किए जाते हैं. माँ के तीसरे दिन का भोग   चैत्र माह में नवरात्रि के तीसरे दिन देवी मां चंद्रघंटा की पूजा करने का विधान रहा है. इस दिन माता को बर्फी का भोग अर्पित किया जाता है. माँ के चौथे दिन का भोग   चैत्र माह में नवरात्रि के चौथे दिन देवी मां कुष्मांडा की पूजा करने का विधान रहा है. इस दिन माता को कुम्हड़ा अर्पित किया जाता है. मां के पांचवें दिन का भोग  चैत्र माह में नवरात्रि के पांचवें दिन देवी मां स्कंदमाता की पूजा की जाती है. इस दिन माता को मालपुए का भोग अर्पित किया जाता है. माँ का छठे दिन का भोग  चैत्र माह में नवरात्रि के छठे दिन देवी मां कात्यानी की पूजा करने का विधान रहा है. इस दिन माता को श्रीफल का भोग अर्पित किया जाता है. माँ के सातवें दिन का भोग   चैत्र माह में नवरात्रि के सातवें दिन देवी मां कालरात्रि की पूजा करने का विधान रहा है. इस दिन माता को लौंग और गुड़ का भोग अर्पित करते हैं. माँ के आठवें दिन का भोग  चैत्र माह में नवरात्रि के आठवें दिन देवी मां महागौरी की पूजा करने का विधान रहा है. इस दिन माता को खीर का भोग अर्पित किया जाता है. माँ के नवम दिन का भोग   चैत्र माह में नवरात्रि के नौवें दिन देवी मां सिद्धिदात्री की पूजा करने का विधान रहा है. इस दिन देवी माता को शहद का भोग अर्पित किया जाता है. एस्ट्रोलॉजर राजरानी

बसौड़ा की पूजा कब है?, जानें बसौड़ा शीतला अष्टमी पूजा शुभ मुहूर्त आरती मंत्र

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Chaitra Navratri Bhog : नवरात्रि का पर्व देवी दुर्गा की पूजा अराधना का समय होता है. ऎसे में माता को अर्पित किए जाने वाले भोग भी बहुत विशेष होते हैं. माता को हर दिन अलग अलग तरह की भोग सामग्री अर्पित की जाती है. माता को लगाया जाने वाला भोग भक्तों को भाग्य में वृद्धि देने वाला और मनोकामनाओं को पूर्ण करने वाला होता है. हिंदू धर्म में भगवान को अर्पित किए जाने वाला भोग बहुत महत्व रखता है. इसी तरह नवरात्रि के समय नौ दिन माता के लिए विशेष पकवान तैयार करना और उनका माता को भोग लगाना भक्त के लिए बहुत ही खास माना गया है. Navratri Bhog for 9 Days आइये जान लेते हैं कि इस बार चैत्र नवरात्रि पर माता को लगाए जाने वाले भोग कौन कौन से होंगे.

माता को नौ दिन लगाए जाने वाले भोग प्रसाद की सूची

माँ के पहले दिन का भोग  चैत्र माह में नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा करने का विधान रहा है. इस दिन माता को हलवे का भोग अर्पित किया जाता है. माँ के दूसरे दिन का भोग    चैत्र माह में नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करने का विधान रहा है. इस दिन माता को दूध से बने पदार्थ अर्पित किए जाते हैं. माँ के तीसरे दिन का भोग   चैत्र माह में नवरात्रि के तीसरे दिन देवी मां चंद्रघंटा की पूजा करने का विधान रहा है. इस दिन माता को बर्फी का भोग अर्पित किया जाता है. माँ के चौथे दिन का भोग   चैत्र माह में नवरात्रि के चौथे दिन देवी मां कुष्मांडा की पूजा करने का विधान रहा है. इस दिन माता को कुम्हड़ा अर्पित किया जाता है. मां के पांचवें दिन का भोग  चैत्र माह में नवरात्रि के पांचवें दिन देवी मां स्कंदमाता की पूजा की जाती है. इस दिन माता को मालपुए का भोग अर्पित किया जाता है. माँ का छठे दिन का भोग  चैत्र माह में नवरात्रि के छठे दिन देवी मां कात्यानी की पूजा करने का विधान रहा है. इस दिन माता को श्रीफल का भोग अर्पित किया जाता है. माँ के सातवें दिन का भोग   चैत्र माह में नवरात्रि के सातवें दिन देवी मां कालरात्रि की पूजा करने का विधान रहा है. इस दिन माता को लौंग और गुड़ का भोग अर्पित करते हैं. माँ के आठवें दिन का भोग  चैत्र माह में नवरात्रि के आठवें दिन देवी मां महागौरी की पूजा करने का विधान रहा है. इस दिन माता को खीर का भोग अर्पित किया जाता है. माँ के नवम दिन का भोग   चैत्र माह में नवरात्रि के नौवें दिन देवी मां सिद्धिदात्री की पूजा करने का विधान रहा है. इस दिन देवी माता को शहद का भोग अर्पित किया जाता है. एस्ट्रोलॉजर राजरानी

बसौड़ा की पूजा कब है?, जानें बसौड़ा शीतला अष्टमी पूजा शुभ मुहूर्त आरती मंत्र

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बसौड़ा की पूजा कब है?, जानें बसौड़ा शीतला अष्टमी पूजा शुभ मुहूर्त आरती मंत्र

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Sheetala Ashtami 2024
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calendar30 Nov 2025 03:32 AM
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Sheetala Ashtami 2024 : शीतला अष्टमी पूजन जिसे बसौड़ा पूजन के नाम से भी जाना जाता है। वैसे शीतला सप्तमी ओर शीतला अष्टमी दोनों ही समय बसौड़ा को दर्शाते हैं। शीतला माता पूजन लोक जन जीवन के भीतर बेहद विशेश समय माना गया है।

Sheetala Ashtami 2024

इस दिन पर आज भी गांव देहातों में शीतला माता के पूजन की विशेष प्रथा देखी जा सकती है। इस समय पर माता के पूजन जागरण एवं मंत्र जप अनुष्ठान इत्यादि को शुद्ध पवित्र मन के साथ किया जाता है। बसौड़ा एक बेहद ही कठिन और ध्यान पूर्वक किया जाने वाला व्रत पूजन है।

बसौड़ा 2024 पूजा मुहूर्त : शीतला अष्टमी पूजा मुहूर्त

बसौड़ा शीतला अष्टमी 02 अप्रैल 2024 को मंगलवार के दिन मनाई जाएगी। शीतला अष्टमी पूजा का शुभ मुहूर्त समय सुबह 06:10 से आरंभ होकर शाम 06:40 तक रहेगा। चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि का प्रारम्भ 01 अप्रैल, 2024 को रात्रि 09:09 बजे से होगा। चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि का समापन 02 अप्रैल, 2024 को रात्रि 08:08 बजे पर होगा

बसौड़ा पूजन : रोगों से करती हैं शीतला माता रक्षा

शीतला माता को चेचक चेचक, खसरा जैसे बीमारियों को नियंत्रित करने वाली देवी के रुप में पूजा जाता है। बच्चों में होने वाले इन रोगों से बचाव के लिए देवी पूजन विशेष होता है। शीतला माता की पूजा द्वारा बच्चे अच्छे स्वास्थ्य को पाते हैं।

शीतला अष्टमी माता पूजा एवं आरती

शीतला अष्टमी के दिन माता के पूजन व्रत एवं उनके मंत्र आरती जाप द्वारा पूजा संपन्न की जाती है। माता शीतला की पूजा में शीतला माता की आरती अवश्य करनी चाहिए। माता की आरती दूर करती है सभी प्रकार के संकट और पूर्ण होती है मनोकामनाएं।

Sheetala Ashtami 2024

शीतला माता की आरती

जय शीतला माता, मैया जय शीतला माता, आदि ज्योति महारानी सब फल की दाता। जय शीतला माता रतन सिंहासन शोभित, श्वेत छत्र भ्राता, ऋद्धि-सिद्धि चंवर ढुलावें, जगमग छवि छाता। जय शीतला माता विष्णु सेवत ठाढ़े, सेवें शिव धाता, वेद पुराण बरणत पार नहीं पाता । जय शीतला माता इन्द्र मृदंग बजावत चन्द्र वीणा हाथा, सूरज ताल बजाते नारद मुनि गाता। जय शीतला माता घंटा शंख शहनाई बाजै मन भाता, करै भक्त जन आरति लखि लखि हरहाता। जय शीतला माता ब्रह्म रूप वरदानी तुही तीन काल ज्ञाता, भक्तन को सुख देनौ मातु पिता भ्राता। जय शीतला माता जो भी ध्यान लगावें प्रेम भक्ति लाता, सकल मनोरथ पावे भवनिधि तर जाता। जय शीतला माता रोगन से जो पीड़ित कोई शरण तेरी आता, कोढ़ी पावे निर्मल काया अन्ध नेत्र पाता। जय शीतला माता बांझ पुत्र को पावे दारिद्र कट जाता, ताको भजै जो नाहीं सिर धुनि पछिताता। जय शीतला माता शीतल करती जननी तू ही है जग त्राता, उत्पत्ति व्याधि विनाशत तू सब की घाता। जय शीतला माता दास विचित्र कर जोड़े सुन मेरी माता, भक्ति आपनी दीजे और न कुछ भाता। जय शीतला माता   (आचार्या राजरानी)

चैत्र नवरात्रि में करें दुर्गासप्तशती के सिद्ध मंत्र का जाप,हर बात होगी पूर्ण

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