शारदीय नवरात्रि पर्व-2025 में भक्तिमय हुआ माहौल

Shardiya Navratri 2025 : सनातन धर्म के सबसे बड़े त्यौहार शारदीय नवरात्रि वर्ष-2025 की बड़े ही हर्षोल्लास के साथ शुरूआत हो चुकी हैं। शारदीय नवरात्रि-2025 का आज पहला दिन हैं। श्रध्दालुओं ने अपने-अपने घरों में माता रानी की चौकी सजाई हैं। शारदीय नवरात्रि के अवसर पर भक्तजन अपने-अपने परिवारों के साथ पूजा-अर्चना करते हैं। हर साल मनाये जाने वाले इस पर्व की सनातन धर्म में खास मान्यता हैं। हर साल की तरह इस साल भी भक्तजन अपने-अपने परिजन संग इस त्यौहार को बड़े हर्षाल्लास के साथ मना रहें हैं। साथ ही मेले की तैयारियों ने शारदीय नवरात्रि पर्व की रौनक को और बढा दिया हैं। हर गली-चौराहे पर दुर्गा माँ के दरबार की सजावट भक्तों की आस्था को दर्शा रही हैं और जगह-जगह शारदीय नवरात्रि में भक्तों की भीड़ उमड़ रही है। मंदिरों औऱ पंडालों में माता के जयकारों से वातावरण गूंज उठा हैं। शारदीय नवरात्रि के इस शुभ अवसर पर भक्तिमय का माहौल हर जगह देखने को मिल रहा हैं।
नवरात्रि में नौ रूपों की पूजा
नवरात्रि में माँ दुर्गा के 9 अलग-अलग स्वरुपों की पूजा की जाती हैं। माँ दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए नवरात्रि के दिन सबसे अच्छे माने जाते हैं। बता दें कि इन दिनों जो भक्त सच्चे मन से माँ दुर्गा के सभी स्वरुपों की पूजा करता है उसकी सारी इच्छाएं माँ दुर्गा पूरी करती हैं। 9 दिनों तक माता रानी की पूजा-अर्चना के साथ ही साथ नवरात्रि व्रत कथा का पाठ भी जरुर करना चाहिए। श्री दुर्गा नवरात्रि व्रत कथा पढऩे से आपको सभी नौ देवियों की कृपा प्राप्त होगी।
नवरात्रि व्रत कथा कितनी बार पढऩा चाहिए
बता दें कि नवरात्रि में व्रत कथा कम से कम एक बार प्रतिदिन पढऩा अनिवार्य हैं, जबकी आस्थावान लोग इसे दिन में दो बार भी पढ़ते हैं। नवरात्रि के पावन दिनों में नवरात्रि व्रत कथा का विशेष महत्व हैं। परंपरागत मान्यता हैं कि इसे व्रती को रोजाना कम से कम एक बार नवरात्रि व्रत कथा का पाठ अवश्य करना चाहिए। यह कथा देवी शैलपुत्री से लेकर देवी सिद्धिदात्री तक सभी नौ देवियों की कृपा दिलाती है और भक्तों पर माँ दुर्गा का आशीर्वाद बरसाती हैं। यही व्रत की पूर्णत: का मुख्य नियम माना जाता हैं।
लाल रंग का होता है विशेष महत्व
नवरात्रि में देवी पूजा के दौरान लाल रंग का विशेष महत्व होता है। इसलिए लाल पुष्प, लाल चुनरी और कुमकुम का प्रयोग करें। सुबह-शाम माता रानी के मंत्र 'दुं दुर्गायै नम:' का जप करें और दुर्गा चालीसा का नित्य पाठ करें और सुबह की तरह शाम में माता रानी को भोग लगाएं और आरती करें।
नवरात्रि व्रत के दौरान पालन करने योग्य नियम
माँ दुर्गा के इस पावन व्रत में ध्यान योग्य रखने वाली बातें। सामान्य नमक, मांस, अंडे, प्याज और लहसुन का सेवन नही करना चाहिए, साथ ही व्रती खाने में सेंधा नमक का प्रयोग करें। पानी, दूध और ताज़े फलों के रस का सेवन करे हाइड्रेटेड रहें। सुबह जल्दी उठें, स्नान करें, साफ़ कपड़े पहनें और माँ दुर्गा की पूजा-अर्चना करें। श्रध्दा व आस्था से किया गया पूजन सुख-समृध्दि का आशीर्वाद दिलाता हैं। Shardiya Navratri 2025 :
Shardiya Navratri 2025 : सनातन धर्म के सबसे बड़े त्यौहार शारदीय नवरात्रि वर्ष-2025 की बड़े ही हर्षोल्लास के साथ शुरूआत हो चुकी हैं। शारदीय नवरात्रि-2025 का आज पहला दिन हैं। श्रध्दालुओं ने अपने-अपने घरों में माता रानी की चौकी सजाई हैं। शारदीय नवरात्रि के अवसर पर भक्तजन अपने-अपने परिवारों के साथ पूजा-अर्चना करते हैं। हर साल मनाये जाने वाले इस पर्व की सनातन धर्म में खास मान्यता हैं। हर साल की तरह इस साल भी भक्तजन अपने-अपने परिजन संग इस त्यौहार को बड़े हर्षाल्लास के साथ मना रहें हैं। साथ ही मेले की तैयारियों ने शारदीय नवरात्रि पर्व की रौनक को और बढा दिया हैं। हर गली-चौराहे पर दुर्गा माँ के दरबार की सजावट भक्तों की आस्था को दर्शा रही हैं और जगह-जगह शारदीय नवरात्रि में भक्तों की भीड़ उमड़ रही है। मंदिरों औऱ पंडालों में माता के जयकारों से वातावरण गूंज उठा हैं। शारदीय नवरात्रि के इस शुभ अवसर पर भक्तिमय का माहौल हर जगह देखने को मिल रहा हैं।
नवरात्रि में नौ रूपों की पूजा
नवरात्रि में माँ दुर्गा के 9 अलग-अलग स्वरुपों की पूजा की जाती हैं। माँ दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए नवरात्रि के दिन सबसे अच्छे माने जाते हैं। बता दें कि इन दिनों जो भक्त सच्चे मन से माँ दुर्गा के सभी स्वरुपों की पूजा करता है उसकी सारी इच्छाएं माँ दुर्गा पूरी करती हैं। 9 दिनों तक माता रानी की पूजा-अर्चना के साथ ही साथ नवरात्रि व्रत कथा का पाठ भी जरुर करना चाहिए। श्री दुर्गा नवरात्रि व्रत कथा पढऩे से आपको सभी नौ देवियों की कृपा प्राप्त होगी।
नवरात्रि व्रत कथा कितनी बार पढऩा चाहिए
बता दें कि नवरात्रि में व्रत कथा कम से कम एक बार प्रतिदिन पढऩा अनिवार्य हैं, जबकी आस्थावान लोग इसे दिन में दो बार भी पढ़ते हैं। नवरात्रि के पावन दिनों में नवरात्रि व्रत कथा का विशेष महत्व हैं। परंपरागत मान्यता हैं कि इसे व्रती को रोजाना कम से कम एक बार नवरात्रि व्रत कथा का पाठ अवश्य करना चाहिए। यह कथा देवी शैलपुत्री से लेकर देवी सिद्धिदात्री तक सभी नौ देवियों की कृपा दिलाती है और भक्तों पर माँ दुर्गा का आशीर्वाद बरसाती हैं। यही व्रत की पूर्णत: का मुख्य नियम माना जाता हैं।
लाल रंग का होता है विशेष महत्व
नवरात्रि में देवी पूजा के दौरान लाल रंग का विशेष महत्व होता है। इसलिए लाल पुष्प, लाल चुनरी और कुमकुम का प्रयोग करें। सुबह-शाम माता रानी के मंत्र 'दुं दुर्गायै नम:' का जप करें और दुर्गा चालीसा का नित्य पाठ करें और सुबह की तरह शाम में माता रानी को भोग लगाएं और आरती करें।
नवरात्रि व्रत के दौरान पालन करने योग्य नियम
माँ दुर्गा के इस पावन व्रत में ध्यान योग्य रखने वाली बातें। सामान्य नमक, मांस, अंडे, प्याज और लहसुन का सेवन नही करना चाहिए, साथ ही व्रती खाने में सेंधा नमक का प्रयोग करें। पानी, दूध और ताज़े फलों के रस का सेवन करे हाइड्रेटेड रहें। सुबह जल्दी उठें, स्नान करें, साफ़ कपड़े पहनें और माँ दुर्गा की पूजा-अर्चना करें। श्रध्दा व आस्था से किया गया पूजन सुख-समृध्दि का आशीर्वाद दिलाता हैं। Shardiya Navratri 2025 :




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