MahaShivratri 2022 जानिए कब है महाशिवरात्रि, शुभ मुहूर्त, कैसे करें पूजा और क्या करें उपाय

MahaShivratri 2022 : महाशिवरात्रि (MahaShivratri 2022) का पर्व आने वाला है। भोलेनाथ की कृपा प्राप्त करने के लिए यह पर्व बेहद ही (MahaShivratri 2022) खास है। इस दिन भगवान शिव के साथ माता पार्वती की पूजा की जाती है। मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव का रूद्राभिषेक करने से हर मनोकामना पूरी होती है। महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए शिवलिंग पर दूध, चंदन, भस्म, भांग, धतूरा इत्यादि कई वस्तुएं चढ़ाई जाती हैं। महाशिवरात्रि 1 मार्च 2022 को मनाई जाएगी। ऐसे में जानते हैं कि महाशिवरात्रि के दिन कौन-कौन से उपाय करने से घर परिवार को खुशहाल बनाया जा सकता है।
MahaShivratri 2022
पौराणिक मान्यता के अनुसार माता पार्वती ने भगवान शिव से पूछा था कि आप किस वस्तु से सबसे ज्यादा प्रसन्न होते हैं तो भगवान शिव ने कहा था कि जो भक्त उनके लिए श्रद्धाभाव से व्रत करता है उनसे वो सबसे अधिक प्रसन्न होते हैं। इस दिन श्रद्धालु अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए शिवालयों में जलाभिषेक और पूजा अर्चना करते हैं और भगवान शिव को प्रसन्न करने का प्रयास करते हैं।
MahaShivratri 2022 : महाशिवरात्रि 2022 मुहूर्त
निशीथ काल पूजा मुहूर्त- रात्रि 24:08:27 से 24:58:08 तक होगा। जिसकी कुल अवधि 0 घंटे 49 मिनट है। इसके अलावा महाशिवरात्रि पारणा मुहूर्त 2 मार्च को प्रातः 06:46:55 के बाद से है।
पूजन सामग्री वैसे तो महाशिवरात्रि के दिन की तैयारी पहले से ही हो जाती है। लेकिन अगर आप कुछ भी भूल रहें हैं तो हम आपको बता दें कि महाशिवरात्रि पर शिव जी का अभिषेक करने के लिए दूध, दही, चीनी, चावल और गंगाजल, बेलपत्र, फल, फूल, कच्चे चावल, सफेद तिल, खड़ा मूंग, जौ, सतुआ, धूपबत्ती, चन्दन, शहद, घी, इत्र, केसर, धतूरा, रुद्राक्ष, गन्ना या उसका रस और भस्म को पूजा की थाली में शामिल करें।
क्या नहीं चढ़ाए शिवलिंग पर शास्त्रों में वर्णन है कि भगवान शिव को कभी भी तुलसी पत्र अर्पित नहीं करने चाहिए। भगवान शिव को तुलसी अर्पित करने से वे अप्रसन्न हो जाते हैं। आजकल कुछ लोग पैकेट वाला दूध चढ़ाते हैं, उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए भले ही वह दूध से अभिषेक न करें। साथ ही, इस बात का भी ध्यान रखें कि शिवलिंग पर ठंडा और गंगा जल मिला हुआ ही दूध ही चढ़ाएं। चंपा या केतली के फूल अर्पित न करें। इस दिन टूटे हुए चावल यानि खंडित अक्षत भी शिवलिंग पर नहीं चढ़ाएं। कटे-फटे बेल पत्र न चढ़ाएं। इसके साथ ही शिवलिंग पर कुमकुम का तिलक लगाना भी निषेध होता है। हालांकि माता पार्वती और भगवान गणेश की मूर्ति को कुमकुम का टीका लगाया जा सकता है। चतुर्दशी तिथि के स्वामी भगवान भोलेनाथ अर्थात स्वयं शिव ही हैं। इसलिए प्रत्येक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मासिक शिवरात्रि के तौर पर मनाया जाता है।
महाशिवरात्रि पर करें ये उपाय – महाशिवरात्रि के दिन शिव का अभिषेक करने के बाद जलढ़री का जल घर ले आएं। इसके बाद ‘ॐ नमः शम्भवाय च मयोभवाय च नमः शंकराय च’। इस मंत्र को बोलते हुए पूरे घर में इस पवित्र जल का छिड़काव करें। ऐसा करने से घर की नकारात्मक ऊर्जा नष्ट हो जाएगी और घर-परिवार में खुशहाली बनी रहेगी।
– अगर बराबर घर में आपसी कलह-क्लेश, रोग या अन्य समस्याएं हैं तो उसे दूर करने के लिए घर के उत्तर-पूर्व दिशा में रूद्राभिषेक करना शुभ होता है।
– अगर घर में किसी प्रकार का वास्तु दोष है, तो उसके निवारण के लिए घर के पूरब या उत्तर-पश्चिम दिशा में बेल का पेड़ लगाएं और उसमें जल दें। साथ ही महाशिवरात्रि के दिन शाम के वक्त इसके नीचे घी का दीया जलाएं। ऐसा करने से घर का वास्तु दोष खत्म होता है।
– गृह क्लेश को दूर करने के लिए महाशिवरात्रि के दिन घर के उत्तर-पूर्व दिशा में शिवजी के परिवार की तस्वीर लगाएं। भगवान शिव, मां पार्वती, कार्तिकेय और गणेशजी की तस्वीर लगाने से घर में शांति का माहौल कायम रहता है। साथ ही परिवार के सदस्यों का विचार शुद्ध होता है।
MahaShivratri 2022 : महाशिवरात्रि (MahaShivratri 2022) का पर्व आने वाला है। भोलेनाथ की कृपा प्राप्त करने के लिए यह पर्व बेहद ही (MahaShivratri 2022) खास है। इस दिन भगवान शिव के साथ माता पार्वती की पूजा की जाती है। मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव का रूद्राभिषेक करने से हर मनोकामना पूरी होती है। महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए शिवलिंग पर दूध, चंदन, भस्म, भांग, धतूरा इत्यादि कई वस्तुएं चढ़ाई जाती हैं। महाशिवरात्रि 1 मार्च 2022 को मनाई जाएगी। ऐसे में जानते हैं कि महाशिवरात्रि के दिन कौन-कौन से उपाय करने से घर परिवार को खुशहाल बनाया जा सकता है।
MahaShivratri 2022
पौराणिक मान्यता के अनुसार माता पार्वती ने भगवान शिव से पूछा था कि आप किस वस्तु से सबसे ज्यादा प्रसन्न होते हैं तो भगवान शिव ने कहा था कि जो भक्त उनके लिए श्रद्धाभाव से व्रत करता है उनसे वो सबसे अधिक प्रसन्न होते हैं। इस दिन श्रद्धालु अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए शिवालयों में जलाभिषेक और पूजा अर्चना करते हैं और भगवान शिव को प्रसन्न करने का प्रयास करते हैं।
MahaShivratri 2022 : महाशिवरात्रि 2022 मुहूर्त
निशीथ काल पूजा मुहूर्त- रात्रि 24:08:27 से 24:58:08 तक होगा। जिसकी कुल अवधि 0 घंटे 49 मिनट है। इसके अलावा महाशिवरात्रि पारणा मुहूर्त 2 मार्च को प्रातः 06:46:55 के बाद से है।
पूजन सामग्री वैसे तो महाशिवरात्रि के दिन की तैयारी पहले से ही हो जाती है। लेकिन अगर आप कुछ भी भूल रहें हैं तो हम आपको बता दें कि महाशिवरात्रि पर शिव जी का अभिषेक करने के लिए दूध, दही, चीनी, चावल और गंगाजल, बेलपत्र, फल, फूल, कच्चे चावल, सफेद तिल, खड़ा मूंग, जौ, सतुआ, धूपबत्ती, चन्दन, शहद, घी, इत्र, केसर, धतूरा, रुद्राक्ष, गन्ना या उसका रस और भस्म को पूजा की थाली में शामिल करें।
क्या नहीं चढ़ाए शिवलिंग पर शास्त्रों में वर्णन है कि भगवान शिव को कभी भी तुलसी पत्र अर्पित नहीं करने चाहिए। भगवान शिव को तुलसी अर्पित करने से वे अप्रसन्न हो जाते हैं। आजकल कुछ लोग पैकेट वाला दूध चढ़ाते हैं, उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए भले ही वह दूध से अभिषेक न करें। साथ ही, इस बात का भी ध्यान रखें कि शिवलिंग पर ठंडा और गंगा जल मिला हुआ ही दूध ही चढ़ाएं। चंपा या केतली के फूल अर्पित न करें। इस दिन टूटे हुए चावल यानि खंडित अक्षत भी शिवलिंग पर नहीं चढ़ाएं। कटे-फटे बेल पत्र न चढ़ाएं। इसके साथ ही शिवलिंग पर कुमकुम का तिलक लगाना भी निषेध होता है। हालांकि माता पार्वती और भगवान गणेश की मूर्ति को कुमकुम का टीका लगाया जा सकता है। चतुर्दशी तिथि के स्वामी भगवान भोलेनाथ अर्थात स्वयं शिव ही हैं। इसलिए प्रत्येक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मासिक शिवरात्रि के तौर पर मनाया जाता है।
महाशिवरात्रि पर करें ये उपाय – महाशिवरात्रि के दिन शिव का अभिषेक करने के बाद जलढ़री का जल घर ले आएं। इसके बाद ‘ॐ नमः शम्भवाय च मयोभवाय च नमः शंकराय च’। इस मंत्र को बोलते हुए पूरे घर में इस पवित्र जल का छिड़काव करें। ऐसा करने से घर की नकारात्मक ऊर्जा नष्ट हो जाएगी और घर-परिवार में खुशहाली बनी रहेगी।
– अगर बराबर घर में आपसी कलह-क्लेश, रोग या अन्य समस्याएं हैं तो उसे दूर करने के लिए घर के उत्तर-पूर्व दिशा में रूद्राभिषेक करना शुभ होता है।
– अगर घर में किसी प्रकार का वास्तु दोष है, तो उसके निवारण के लिए घर के पूरब या उत्तर-पश्चिम दिशा में बेल का पेड़ लगाएं और उसमें जल दें। साथ ही महाशिवरात्रि के दिन शाम के वक्त इसके नीचे घी का दीया जलाएं। ऐसा करने से घर का वास्तु दोष खत्म होता है।
– गृह क्लेश को दूर करने के लिए महाशिवरात्रि के दिन घर के उत्तर-पूर्व दिशा में शिवजी के परिवार की तस्वीर लगाएं। भगवान शिव, मां पार्वती, कार्तिकेय और गणेशजी की तस्वीर लगाने से घर में शांति का माहौल कायम रहता है। साथ ही परिवार के सदस्यों का विचार शुद्ध होता है।


