Kanwar Yatra 2022: महंगी हो गई कांवड यात्रा, कांवड़ियों की जेब पर पड़ेगी भारी

Kanwar yatra 1
Kanwar Yatra 2022
locationभारत
userचेतना मंच
calendar30 Nov 2025 11:01 AM
bookmark

Kanwar Yatra 2022: आगामी 14 जुलाई से सावन मास (Kanwar Yatra 2022) शुरु होने जा रहा है और इसी के साथ कांवड़ यात्रा (Kanwar Yatra 2022) भी शुरु हो जाएगी। कोविड के प्रकोप के चलते पिछले दो सालों से यह पवित्र यात्रा (Kanwar Yatra 2022) नहीं हो सकी थी। लेकिन इस बार शिव भक्तों को इस बार कांवड़ यात्रा महंगी पड़ने जा रही है। इस पवित्र यात्रा में भले ही कांवड़ियां पैदल चले, रास्ते में लगने वाले शिविरों में भोजन करे और आराम करें, लेकिन कांवड़ में लगने वाला सामान 20 से 30 प्रतिशत तक महंगा हो गया है।

Kanwar Yatra 2022

आपको बता दें कि आगामी 14 जुलाई 2022 से सावन का महीना शुरू होते ही कांवड़ यात्रा शुरू हो जाएगी, जो 12 अगस्त तक चलेगी। ऐसे में कांवड़ यात्रा को लेकर तैयारियां शुरू हो गई है। कोविड़ के कारण 2 साल बाद इस बार यात्रा शुरू हो रही है। ऐसे में इस बार 4 करोड़ तक कांवड़िये आने की पुलिस​ को उम्मीद है। जिसके लिए एक तरफ पुलिस प्रशासन ने तैयारियां शुरू कर दी है। दूसरी तरफ व्यापारी भी दुकानों में कांवड़ का सामान रखने के लिए तैयारियां शुरू कर चुके हैं। कांवड़ का सामान मुख्य रुप से हरिद्वार में बिकता है। जहां से गंगोत्री के व्यापारी भी सामान खरीदते हैं।

हरिद्वार के अलावा छोटा मोटा सामान ऋषिकेश और गंगोत्री से भी खरीदे जा सकते हैं। गंगोत्री धाम में कांवड़ का सामान बेचने वाले एक व्यापारी अनुज ने बताया कि वे हर बार कांवड़ यात्रा में कांवड़ का सामान बेचते हैं। इस बार भी कांवड़ को लेकर तैयारियां शुरू हो गई है। लेकिन इस बार कांवड़ का सामान महंगा हो गया है। जिससे कांवड़ यात्रा पर महंगाई का असर दिखना तय है। कांवड़ यात्रा के लिए कांवड़िये को झोली, पिट्ठु, डंडे, नाड़ा, डोरी, गंगाजली, गमछे और भोले की टी शर्ट की आवश्यकता होती है। जिनके दाम इस बार 20 से 30 रुपए तक बढ़ गए हैं।

कांवड़ यात्रा में सबसे आकर्षक रहती है रंग बिरंगी और सजावटी कांवड़ जो कि कांवड़िये हरिद्वार के ज्वालापुर से ही खरीदते हैं। हर साल इन कांवड़ पर ही सबकी नजर रहती है। हर कांवड़िये अपनी कांवड़ को सबसे आकर्षक बनाने की कोशिश करता है। जिससे वह अलग दिखे। लेकिन इस बार ये कांवड़ भी दो गुनी रेट पर बिक रही हैं। कांवड़ बनाने की सामग्री महंगी होने के कारण कांवड़ के दाम दो गुने तक हो गए हैं। कांवड़ बनाने में बांस, कपड़ा, सजावट का सामान, डंडा, टोकरी, छींका आदि सभी सामग्री की जरुरत पड़ती है। जिस वजह से कारीगर भी इसके मजबूरन ज्यादा दाम वसूल रहे हैं।

हरिद्वार के ज्वालापुर में कई दशकों से कांवड़ बनाने का काम होता है। कांवड़ बनाने वाले कारीगर अपनी कई पीढ़ियों से शिवभक्तों के लिए कांवड़ बनाते आ रहे हैं। 90 प्रतिशत कारीगर मुस्लिम समाज से संबंध रखते है। 5 से 4 माह पहले कांवड़ का निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाता है। कांवड़ 200 रुपए से लेकर 5 हजार तक की बाजार में उपलब्ध रहती थी। जो कि अब 300 से 9 हजार तक बिक रही है। इसकी वजह कांवड़ के लिए इस्तेमाल होने वाला कच्चा माल महंगा मिलना है।

अगली खबर पढ़ें

Kanwar Yatra 2022: महंगी हो गई कांवड यात्रा, कांवड़ियों की जेब पर पड़ेगी भारी

Kanwar yatra 1
Kanwar Yatra 2022
locationभारत
userचेतना मंच
calendar30 Nov 2025 11:01 AM
bookmark

Kanwar Yatra 2022: आगामी 14 जुलाई से सावन मास (Kanwar Yatra 2022) शुरु होने जा रहा है और इसी के साथ कांवड़ यात्रा (Kanwar Yatra 2022) भी शुरु हो जाएगी। कोविड के प्रकोप के चलते पिछले दो सालों से यह पवित्र यात्रा (Kanwar Yatra 2022) नहीं हो सकी थी। लेकिन इस बार शिव भक्तों को इस बार कांवड़ यात्रा महंगी पड़ने जा रही है। इस पवित्र यात्रा में भले ही कांवड़ियां पैदल चले, रास्ते में लगने वाले शिविरों में भोजन करे और आराम करें, लेकिन कांवड़ में लगने वाला सामान 20 से 30 प्रतिशत तक महंगा हो गया है।

Kanwar Yatra 2022

आपको बता दें कि आगामी 14 जुलाई 2022 से सावन का महीना शुरू होते ही कांवड़ यात्रा शुरू हो जाएगी, जो 12 अगस्त तक चलेगी। ऐसे में कांवड़ यात्रा को लेकर तैयारियां शुरू हो गई है। कोविड़ के कारण 2 साल बाद इस बार यात्रा शुरू हो रही है। ऐसे में इस बार 4 करोड़ तक कांवड़िये आने की पुलिस​ को उम्मीद है। जिसके लिए एक तरफ पुलिस प्रशासन ने तैयारियां शुरू कर दी है। दूसरी तरफ व्यापारी भी दुकानों में कांवड़ का सामान रखने के लिए तैयारियां शुरू कर चुके हैं। कांवड़ का सामान मुख्य रुप से हरिद्वार में बिकता है। जहां से गंगोत्री के व्यापारी भी सामान खरीदते हैं।

हरिद्वार के अलावा छोटा मोटा सामान ऋषिकेश और गंगोत्री से भी खरीदे जा सकते हैं। गंगोत्री धाम में कांवड़ का सामान बेचने वाले एक व्यापारी अनुज ने बताया कि वे हर बार कांवड़ यात्रा में कांवड़ का सामान बेचते हैं। इस बार भी कांवड़ को लेकर तैयारियां शुरू हो गई है। लेकिन इस बार कांवड़ का सामान महंगा हो गया है। जिससे कांवड़ यात्रा पर महंगाई का असर दिखना तय है। कांवड़ यात्रा के लिए कांवड़िये को झोली, पिट्ठु, डंडे, नाड़ा, डोरी, गंगाजली, गमछे और भोले की टी शर्ट की आवश्यकता होती है। जिनके दाम इस बार 20 से 30 रुपए तक बढ़ गए हैं।

कांवड़ यात्रा में सबसे आकर्षक रहती है रंग बिरंगी और सजावटी कांवड़ जो कि कांवड़िये हरिद्वार के ज्वालापुर से ही खरीदते हैं। हर साल इन कांवड़ पर ही सबकी नजर रहती है। हर कांवड़िये अपनी कांवड़ को सबसे आकर्षक बनाने की कोशिश करता है। जिससे वह अलग दिखे। लेकिन इस बार ये कांवड़ भी दो गुनी रेट पर बिक रही हैं। कांवड़ बनाने की सामग्री महंगी होने के कारण कांवड़ के दाम दो गुने तक हो गए हैं। कांवड़ बनाने में बांस, कपड़ा, सजावट का सामान, डंडा, टोकरी, छींका आदि सभी सामग्री की जरुरत पड़ती है। जिस वजह से कारीगर भी इसके मजबूरन ज्यादा दाम वसूल रहे हैं।

हरिद्वार के ज्वालापुर में कई दशकों से कांवड़ बनाने का काम होता है। कांवड़ बनाने वाले कारीगर अपनी कई पीढ़ियों से शिवभक्तों के लिए कांवड़ बनाते आ रहे हैं। 90 प्रतिशत कारीगर मुस्लिम समाज से संबंध रखते है। 5 से 4 माह पहले कांवड़ का निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाता है। कांवड़ 200 रुपए से लेकर 5 हजार तक की बाजार में उपलब्ध रहती थी। जो कि अब 300 से 9 हजार तक बिक रही है। इसकी वजह कांवड़ के लिए इस्तेमाल होने वाला कच्चा माल महंगा मिलना है।

अगली खबर पढ़ें

Guru Purnima 2022 कब है गुरु पूर्णिमा! शुभ मुहूर्त में करें गुरु की पूजा

Guru purnima
Guru Purnima 2022
locationभारत
userचेतना मंच
calendar03 Jul 2022 07:35 PM
bookmark

Guru Purnima 2022: इस साल गुरु पूर्णिमा (Guru Purnima 2022) 13 जुलाई 2022 दिन बुधवार को मनाई जाएगी। यह आषाढ़ महीने की पूर्णिमा को मनाई जाती है। इस दिन वेदों के रचयिता वेद व्‍यास जी की जयंती (Guru Purnima 2022) मनाई जाती है और उनकी विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। वेद व्‍यास जी को प्रथम गुरु माना गया है। उन्‍होंने मानव जाति को वेदों का ज्ञान दिया।

Guru Purnima 2022

इसके अलावा वेद व्यास जी को भगवान विष्णु का अंशावतार भी माना जाता है इसलिए गुरु पूर्णिमा (Guru Purnima 2022) के दिन भगवान विष्‍णु की पूजा भी की जाती है। इसके अलावा इस दिन लोग अपने-अपने गुरुओं की पूजा और सम्‍मान भी करते हैं। गुरु पूर्णिमा 2022 के दिन मंगल, बुध, गुरु और शनि बेहद शुभ स्थिति में रहेंगे। जिससे गुरु पूर्णिमा पर रुचक, भद्र, हंस और शश नाम के 4 राजयोग बन रहे हैं। इसके अलावा सूर्य और बुध के एक ही राशि में रहने से बुधादित्‍य योग भी रहेगा। कुल मिलाकर गुरु पूर्णिमा के दिन किए गए पूजा-उपाय बेहद शुभ फल देंगे।

गुरु पूर्णिमा शुभ मुहूर्त, पूजा विधि हिंदू पंचांग के अनुसार आषाढ़ मास की पूर्णिमा तिथि 13 जुलाई की सुबह 04:00 बजे से शुरू होगी और 13 जुलाई की देर रात 12:06 बजे तक रहेगी। इस तरह पूरे दिन गुरु की पूजा करने, ज्‍योतिषीय उपाय करने के लिए शुभ मुहूर्त रहेगा।

गुरु पूर्णिमा के दिन सुबह जल्‍दी स्‍नान करके साफ कपड़े पहनें। घर के मंदिर में ही देवी-देवताओं की पूजा करें। भगवान विष्‍णु और वेद व्‍यास जी की पूजा जरूर करें। फिर अपने गुरु का तिलक करें, माला पहनाएं। यदि गुरु से मिलना संभव हो तो जाकर उनका आशीर्वाद लें। अपनी सामर्थ्‍य के अनुसार भेंट देकर उनका सम्‍मान करें।

गुरु पूर्णिमा 2022 के दिन मंगल, बुध, गुरु और शनि बेहद शुभ स्थिति में रहेंगे। जिससे गुरु पूर्णिमा पर रुचक, भद्र, हंस और शश नाम के 4 राजयोग बन रहे हैं। इसके अलावा सूर्य और बुध के एक ही राशि में रहने से बुधादित्‍य योग भी रहेगा। कुल मिलाकर गुरु पूर्णिमा के दिन किए गए पूजा-उपाय बेहद शुभ फल देंगे।