अगर आपके पास भी आता है E-Challan का मैसेज, तो हो जाए सावधान

E-Challan Scam
आपको बता दें कि साइबर सिक्योरिटी फर्म CloudSEK ने हाल ही में एक रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट में खुलासा किया है कि वियतनाम में बैठा साइबर क्रिमिनल्स का ग्रुप भारतीय यूजर्स को निशाना बना रहे है। भारतीयों को लूटने के इरादे से वह ई- चालान के फेक मैसेज भेज रहे हैं। इस तरह के मैसेज में एक लिंक आता है और विक्टिम के मोबाइल में Malicious App इंस्टॉल हो जाता है। इसके इसी से सारा खेल चल रहा है।ऐसे काम करता है ये गिरोह और लोगों को लूटते हैं
दरअसल यह साइबर क्रिमिनल्स का गिरोह पहले यूजर्स के मोबाइल पर एक मैसेज भेजते हैं। यह मैसेज परिवहन सेवा या कर्नाटक पुलिस के नाम का यूज करके भेजा जाता है। इसमें फेक ट्रैफिक नियमों को तोड़ने की जानकारी होती है और उस पर फाइन के बारे में बताते हैं। इस मैसेज में एक लिंक भी होता है।फोन में इंस्टॉल हो जाता है ऐप
इसके बाद जैसे ही कोई यूजर्स इस लिंक पर क्लिक करता है, तो फिर विक्टिम के मोबाइल फोन में एक Malicious App इंस्टॉल होता है ।इसके बाद यह ऐप काम करना शुरू कर देता है और सबसे पहले परमिशन गेन करता है। इसके बाद फोन कॉल, मैसेज आदि का एक्सेस लेता है। कई बार तो यह ऐप डिफॉल्ट मैसेजिंग ऐप का एक्सेस ले लेता है।ऐसे चोरी करते हैं फोन पर आने वाला OTP
इसके बाद यह मैलवेयर, Wromba फैमिली का हिस्सा है। यह 4400 डिवाइस से अधिक को इनफेक्टेड कर चुका है। इसके बाद वह चोरी छिपे OTP का एक्सेस ले लेता है और मैसेज से अन्य जरूरी डिटेल्स भी चोरी कर लेते हैं। इतना ही नहीं इस ऐप के जारिए ई-कॉमर्स अकाउंट का भी एक्सेस आ जाता है। इसके बाद वे उन रुपयों से गिफ्ट कार्ड खरीदते हैं, फिर वे उन्हें आगे इस्तेमाल करते हैं। ऐसे में मनी ट्रैकिंग में मुश्किलें सामने मिली जानकारी के अनुसार यह साइबर क्रिमिनल्स का ग्रुप करीब 16 लाख रुपये की ठगी को अंजाम दे चुका है।मानसून सत्र में NEET पेपर लीक पर हंगामा, शिक्षा मंत्री बोले पेपर लीक के सबूत नहीं
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E-Challan Scam
आपको बता दें कि साइबर सिक्योरिटी फर्म CloudSEK ने हाल ही में एक रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट में खुलासा किया है कि वियतनाम में बैठा साइबर क्रिमिनल्स का ग्रुप भारतीय यूजर्स को निशाना बना रहे है। भारतीयों को लूटने के इरादे से वह ई- चालान के फेक मैसेज भेज रहे हैं। इस तरह के मैसेज में एक लिंक आता है और विक्टिम के मोबाइल में Malicious App इंस्टॉल हो जाता है। इसके इसी से सारा खेल चल रहा है।ऐसे काम करता है ये गिरोह और लोगों को लूटते हैं
दरअसल यह साइबर क्रिमिनल्स का गिरोह पहले यूजर्स के मोबाइल पर एक मैसेज भेजते हैं। यह मैसेज परिवहन सेवा या कर्नाटक पुलिस के नाम का यूज करके भेजा जाता है। इसमें फेक ट्रैफिक नियमों को तोड़ने की जानकारी होती है और उस पर फाइन के बारे में बताते हैं। इस मैसेज में एक लिंक भी होता है।फोन में इंस्टॉल हो जाता है ऐप
इसके बाद जैसे ही कोई यूजर्स इस लिंक पर क्लिक करता है, तो फिर विक्टिम के मोबाइल फोन में एक Malicious App इंस्टॉल होता है ।इसके बाद यह ऐप काम करना शुरू कर देता है और सबसे पहले परमिशन गेन करता है। इसके बाद फोन कॉल, मैसेज आदि का एक्सेस लेता है। कई बार तो यह ऐप डिफॉल्ट मैसेजिंग ऐप का एक्सेस ले लेता है।ऐसे चोरी करते हैं फोन पर आने वाला OTP
इसके बाद यह मैलवेयर, Wromba फैमिली का हिस्सा है। यह 4400 डिवाइस से अधिक को इनफेक्टेड कर चुका है। इसके बाद वह चोरी छिपे OTP का एक्सेस ले लेता है और मैसेज से अन्य जरूरी डिटेल्स भी चोरी कर लेते हैं। इतना ही नहीं इस ऐप के जारिए ई-कॉमर्स अकाउंट का भी एक्सेस आ जाता है। इसके बाद वे उन रुपयों से गिफ्ट कार्ड खरीदते हैं, फिर वे उन्हें आगे इस्तेमाल करते हैं। ऐसे में मनी ट्रैकिंग में मुश्किलें सामने मिली जानकारी के अनुसार यह साइबर क्रिमिनल्स का ग्रुप करीब 16 लाख रुपये की ठगी को अंजाम दे चुका है।मानसून सत्र में NEET पेपर लीक पर हंगामा, शिक्षा मंत्री बोले पेपर लीक के सबूत नहीं
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