Action: सुरक्षा में चूक, तीन अफसरों समेत 10 पुलिसकर्मी निलंबित

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calendar02 Dec 2025 02:34 AM
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Action: पुणे। महाराष्ट्र के पुणे जिले की पिंपरी चिचवाड़ पुलिस ने राज्य के वरिष्ठ मंत्री चंद्रकांत पाटिल पर स्याही फेंके जाने की घटना के संबंध में अपने तीन अधिकारियों और सात अन्य कर्मियों को निलंबित कर दिया है। एक शीर्ष अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी।

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यह घटना शनिवार को पिंपरी शहर में डॉ. बी आर आंबेडकर और समाज सुधारक महात्मा ज्योतिबा फुले के बारे में पाटिल की विवादास्पद टिप्पणी के विरोध में हुई थी। बताया जा रहा है कि दस पुलिसकर्मियों के खिलाफ पाटिल की सुरक्षा में कथित तौर पर चूक को लेकर कार्रवाई की गई है। पिंपरी चिंचवाड़ के पुलिस आयुक्त अंकुश शिंदे ने कहा, घटना के सिलसिले में हमने सात पुलिसक्रमियों और तीन अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। ये सभी मंत्री के दौरे के दौरान उनकी सुरक्षा में तैनात थे। शनिवार की शाम पाटिल पर तीन लोगों ने उस समय स्याही फेंकी थी, जब वह पिंपरी में एक पदाधिकारी के घर से बाहर निकल रहे थे। पुलिस ने इस हरकत में शामिल तीनों लोगों को हिरासत में लिया है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता पर स्याही औरंगाबाद जिले में विवादास्पद बयान देने के एक दिन बाद फेंकी गई थी। दरअसल, शुक्रवार को औरंगाबाद में एक कार्यक्रम में उच्च और तकनीकी शिक्षा मंत्री पाटिल ने मराठी में कहा था कि आंबेडकर और फुले ने शैक्षणिक संस्थान चलाने के लिए सरकारी अनुदान नहीं मांगा, उन्होंने स्कूल और कॉलेज शुरू करने के लिए धन इकट्ठा करने के वास्ते लोगों से ‘भिक्षा’ मांगी। ‘भिक्षा’ शब्द के प्रयोग से विवाद खड़ा हो गया। स्याही फेंके जाने की घटना के बाद पाटिल ने राज्य के गृह मंत्री देवेंद्र फडणवीस से सुरक्षा में चूक को लेकर किसी भी पुलिस अधिकारी या कर्मी के खिलाफ कार्रवाई न करने का अनुरोध किया था। पाटिल ने यह भी कहा था कि उनके बयान का गलत अर्थ निकाला गया।

Delhi liquor scam: सीबीआई पहुंची बीआरएस नेता कविता के घर

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Delhi liquor scam: सीबीआई पहुंची बीआरएस नेता कविता के घर

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calendar28 Nov 2025 10:38 AM
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Delhi liquor scam: हैदराबाद। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) का एक दल ‘दिल्ली आबकारी नीति घोटाले’ के सिलसिले में पूछताछ के लिए रविवार को हैदराबाद में तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की बेटी और भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) की विधान परिषद सदस्य कविता के आवास पर पहुंचा।

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सीबीआई ने पिछले सप्ताह कविता को सूचित किया था कि जांच एजेंसी का एक दल पूछताछ के लिए 11 दिसंबर को शहर में उनके आवास पर जाएगा। सीबीआई ने मामले के संबंध में बयान दर्ज करने के लिए कविता को नोटिस भेजा था। कविता ने हाल ही में कहा था कि वह केवल 13 दिसंबर को छोड़कर 11 से 15 दिसंबर तक अधिकारियों से मुलाकात कर पाएंगी। जांच एजेंसी ने आपराधिक संहिता प्रक्रिया की धारा-160 के तहत नोटिस जारी किया था और उनसे उस दिन सुबह 11 बजे ‘पूछताछ’ के लिए उनकी सुविधा के अनुसार घर का पता बताने के लिए कहा था। सीआरपीसी की धारा-160 के तहत जांच अधिकारी किसी मामले में गवाह के तौर पर किसी भी व्यक्ति को समन भेज सकता है। ‘घोटाले’ में कथित रिश्वत को लेकर दिल्ली की एक अदालत में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दाखिल की गई रिमांड रिपोर्ट में कविता का नाम सामने आने के बाद उन्होंने कहा था कि वह किसी भी जांच का सामना करने के लिए तैयार हैं। सीबीआई ने 25 नवंबर को इस मामले में सात आरोपियों के खिलाफ अपना पहला आरोपपत्र दाखिल किया था। ईडी ने दिल्ली की एक अदालत में आरोपी अमित अरोड़ा के खिलाफ दाखिल की गई रिमांड रिपोर्ट में कहा था, अब तक की जांच के अनुसार, आम आदमी पार्टी (आप) के नेताओं की ओर से विजय नायर ने साउथ ग्रुप नामक एक ग्रुप (जिसका नियंत्रण सरत रेड्डी, के कविता, मांगुंटा श्रीनिवास रेड्डी के हाथों है) से अमित अरोड़ा समेत विभिन्न व्यक्तियों के माध्यम से कम से कम 100 करोड़ रुपये की रिश्वत ली थी।

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Jammu news: लोकतांत्रिक अधिकार दिये बिना जम्मू-कश्मीर का विकास संभव नहीं:फारूक

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calendar29 Nov 2025 07:24 PM
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Jammu news: श्रीनगर। नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर के लोगों के सर्वांगीण विकास का विचार तब तक सार्थक नहीं हो सकेगा, जब तक उनके बुनियादी लोकतांत्रिक अधिकारों का सम्मान नहीं किया जाता। उन्होंने कहा कि मानवाधिकार अपरिहार्य हैं और हर व्यक्ति की गरिमा में निहित हैं।

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श्रीनगर से लोकसभा सदस्य अब्दुल्ला ने अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस पर दिए अपने संदेश में कहा, सत्तारूढ़ गठबंधन ऐसा व्याख्यान देकर राष्ट्रीय स्तर पर राजनीतिक सीढ़ियां चढ़ने के लिए जम्मू-कश्मीर का इस्तेमाल कर रहा है, जो जमीनी हकीकत से मेल नहीं खाता है। उन्होंने आरोप लगाया कि युवाओं को नौकरी देना तो दूर की बात है, जम्मू-कश्मीर से जुड़े मामलों पर नियंत्रण रखने वाली केंद्र सरकार ने सैकड़ों नौकरीपेशा युवाओं को बाहर का रास्ता दिखा दिया है। अब्दुल्ला ने कहा, एक भी चयन प्रक्रिया ऐसी नहीं है, जो किसी घोटाले के रूप में समाप्त न हुई हो। हमारे सरकारी कर्मचारी बहुत दबाव में काम कर रहे हैं। इस सरकार द्वारा श्रम अधिकारों का व्यापक अधिग्रहण हम सभी के लिए चिंता का मुख्य विषय है। इस प्रवृत्ति पर लगाम लगाने की जरूरत है। नेकां अध्यक्ष ने क्षेत्र में प्रेस की आजादी पर कहा कि लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के रूप में एक मजबूत शासन के लिए प्रेस की स्वतंत्रता महत्वपूर्ण है।

National News: पुलिस ने शर्मिला का अनिश्चितकालीन अनशन तोड़वाया