एक ऐसा गांव जिसके हर घर में हैं अंग्रेजी टीचर

कैसे हुआ ये कमाल?
यह सब एक दिन में नहीं हुआ। वर्षों की मेहनत, लोगों की लगन और स्कूलों की निरंतर कोशिशों ने इस गांव की किस्मत बदली है। कालियाचक में फैजी अकादमी और तर्बियत पब्लिक जैसे अंग्रेजी माध्यम स्कूल हैं जहां से गांव के अधिकांश लोग स्पोकन इंग्लिश सीख चुके हैं। यहां केवल स्कूल ही नहीं बल्कि हर गली में ट्यूशन और कोचिंग सेंटर भी चलते हैं। इस गांव के टीचर न सिर्फ आसपास के शहरों में पढ़ाते हैं बल्कि ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिए विदेशों तक अंग्रेजी की पढ़ाई पहुंचाते हैं। गांव में उनके परिवार छोटे-छोटे ट्रेनिंग हब चलाते हैं ताकि अगली पीढ़ी भी अंग्रेजी टीचिंग में आगे बढ़ सके।यह भी पढ़ें: इन राशियों के लिए अशुभ है 21 सितंबर! जान लें टैरो कार्ड के खतरनाक संकेत
रोजमर्रा की जिंदगी में अंग्रेजी
यहां बच्चे घर में भी अंग्रेजी बोलने के लिए प्रोत्साहित किए जाते हैं। त्योहारों और मेलों में स्पीच कॉन्टेस्ट होते हैं और यहां तक कि बाजार में दुकानदार भी ग्राहकों का स्वागत अंग्रेजी में करने की कोशिश करते हैं। कालियाचक गांव में आम-लीची की खेती, रेशम और जूट का व्यापार भी होता है लेकिन शिक्षा और खासकर अंग्रेजी टीचिंग ने गांव की किस्मत को पूरी तरह बदल दिया है। यहां के कॉलेज और टीचर ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट दूर-दूर से छात्रों को आकर्षित करते हैं और गांव एक छोटे से शिक्षण हब के रूप में उभर रहा है। कालियाचक गांव की यह कहानी शिक्षा की ताकत और मेहनत की मिसाल है जो साबित करती है कि सही दिशा और प्रयास से छोटे से गांव को भी विश्व मंच पर स्थापित किया जा सकता है। English Teachers Villageअगली खबर पढ़ें
कैसे हुआ ये कमाल?
यह सब एक दिन में नहीं हुआ। वर्षों की मेहनत, लोगों की लगन और स्कूलों की निरंतर कोशिशों ने इस गांव की किस्मत बदली है। कालियाचक में फैजी अकादमी और तर्बियत पब्लिक जैसे अंग्रेजी माध्यम स्कूल हैं जहां से गांव के अधिकांश लोग स्पोकन इंग्लिश सीख चुके हैं। यहां केवल स्कूल ही नहीं बल्कि हर गली में ट्यूशन और कोचिंग सेंटर भी चलते हैं। इस गांव के टीचर न सिर्फ आसपास के शहरों में पढ़ाते हैं बल्कि ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिए विदेशों तक अंग्रेजी की पढ़ाई पहुंचाते हैं। गांव में उनके परिवार छोटे-छोटे ट्रेनिंग हब चलाते हैं ताकि अगली पीढ़ी भी अंग्रेजी टीचिंग में आगे बढ़ सके।यह भी पढ़ें: इन राशियों के लिए अशुभ है 21 सितंबर! जान लें टैरो कार्ड के खतरनाक संकेत
रोजमर्रा की जिंदगी में अंग्रेजी
यहां बच्चे घर में भी अंग्रेजी बोलने के लिए प्रोत्साहित किए जाते हैं। त्योहारों और मेलों में स्पीच कॉन्टेस्ट होते हैं और यहां तक कि बाजार में दुकानदार भी ग्राहकों का स्वागत अंग्रेजी में करने की कोशिश करते हैं। कालियाचक गांव में आम-लीची की खेती, रेशम और जूट का व्यापार भी होता है लेकिन शिक्षा और खासकर अंग्रेजी टीचिंग ने गांव की किस्मत को पूरी तरह बदल दिया है। यहां के कॉलेज और टीचर ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट दूर-दूर से छात्रों को आकर्षित करते हैं और गांव एक छोटे से शिक्षण हब के रूप में उभर रहा है। कालियाचक गांव की यह कहानी शिक्षा की ताकत और मेहनत की मिसाल है जो साबित करती है कि सही दिशा और प्रयास से छोटे से गांव को भी विश्व मंच पर स्थापित किया जा सकता है। English Teachers Villageसंबंधित खबरें
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