जाट महाकुंभ : क्या फिर गर्म होगा आरक्षण का मुद्दा ?

जाट महाकुंभ में विभिन्न समस्याओं पर खुलकर होगी बातचीत -
5 मार्च को जयपुर स्थित विद्याधर नगर स्टेडियम (Vidyadhar Nagar Stadium, Jaipur) में होने वाले जाट महाकुंभ (Jat Mahakumbh) में सिर्फ राजस्थान नहीं बल्कि पूरे देश के जाट एकत्रित होंगे। इस महाकुंभ में मुख्य अतिथि के रूप में देश के उपराष्ट्रपति जगदीप धनकड़ (Jagdeep Dhankar), पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया (Vasundhara Raje Scindia), भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पुनिया (Satish Punia), कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा (Govind Singh Dotasara), रालोपा राष्ट्रीय अध्यक्ष नागौर, सांसद हनुमान बेनीवाल, विजय पूनिया,पर्यावरण मंत्री हेमाराम चौधरी, कैबिनेट मंत्री लालचंद कटारिया, राजस्थान यूनिवर्सिटी छात्रसंघ अध्यक्ष निर्मल चौधरी सहित देशभर के कई राज्यों से जाट नेता सम्मिलित होंगे। जाट समाज से जुड़ी हर समस्याओं को लेकर खुलकर बातचीत की जाएगी।क्या फिर गर्म होगा जाट आरक्षण का मुद्दा?
5 मार्च को राजस्थान के जयपुर में आयोजित होने वाले जाट महाकुंभ का मुख्य मुद्दा ही आरक्षण है। यूं तो इस महाकुंभ में जाट समाज से जुड़ी सभी समस्याओं को लेकर विचार-विमर्श किया जाएगा लेकिन मुख्य रूप से आरक्षण के मुद्दे पर बातचीत होगी। जाट महाकुंभ के संरक्षक राजाराम मील ने जाट महाकुंभ को लेकर आयोजित आयोजन समिति की बैठक के बाद मीडिया से रूबरू होते हुए कहा कि जाट महाकुंभ में जातीय जनगणना का संकल्प प्रस्ताव पारित कर इससे राजस्थान सरकार एवं केंद्र सरकार को अवगत कराया जाएगा ताकि समाज को जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण मिल सके। इसके अलावा जाट समाज के विकास हेतु राज्य सरकार से वीर तेजाजी बोर्ड का गठन करने का भी अनुरोध किया जाएगा।Jat Mahakumbh -
राज्य और केंद्र में जाट समाज को तवज्जो दिलाना है अहम मुद्दा -
जाट महाकुंभ के संरक्षक राजाराम मील ने कहा कि इस महाकुंभ का मकसद समाज को अपने हक के प्रति जागरूक करना एवं सामाजिक चेतना जगाने का है। महाकुंभ के जरिए एकजुट होकर केंद्र तथा राज्य सरकार के सामने अपने हक की लड़ाई लड़ना है। जाट नेता विजय पूनिया ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के फैसले के मुताबिक ओबीसी आरक्षण को बढ़ाकर 27% कर दिया गया है। जबकि कुछ राज्य में जनसंख्या के आधार मानकर ओबीसी वर्ग के आरक्षण को बढ़ाया गया है, राजस्थान में भी यह फैसला लागू होना चाहिए। कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि जाट महासभा की ओर से जाट महाकुंभ का आयोजन जाट समाज के घटते प्रतिनिधित्व को लेकर किया जा रहा है।UP Budget : विधानसभा सत्र शुरू होते ही हंगामा
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5 मार्च को जयपुर स्थित विद्याधर नगर स्टेडियम (Vidyadhar Nagar Stadium, Jaipur) में होने वाले जाट महाकुंभ (Jat Mahakumbh) में सिर्फ राजस्थान नहीं बल्कि पूरे देश के जाट एकत्रित होंगे। इस महाकुंभ में मुख्य अतिथि के रूप में देश के उपराष्ट्रपति जगदीप धनकड़ (Jagdeep Dhankar), पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया (Vasundhara Raje Scindia), भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पुनिया (Satish Punia), कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा (Govind Singh Dotasara), रालोपा राष्ट्रीय अध्यक्ष नागौर, सांसद हनुमान बेनीवाल, विजय पूनिया,पर्यावरण मंत्री हेमाराम चौधरी, कैबिनेट मंत्री लालचंद कटारिया, राजस्थान यूनिवर्सिटी छात्रसंघ अध्यक्ष निर्मल चौधरी सहित देशभर के कई राज्यों से जाट नेता सम्मिलित होंगे। जाट समाज से जुड़ी हर समस्याओं को लेकर खुलकर बातचीत की जाएगी।क्या फिर गर्म होगा जाट आरक्षण का मुद्दा?
5 मार्च को राजस्थान के जयपुर में आयोजित होने वाले जाट महाकुंभ का मुख्य मुद्दा ही आरक्षण है। यूं तो इस महाकुंभ में जाट समाज से जुड़ी सभी समस्याओं को लेकर विचार-विमर्श किया जाएगा लेकिन मुख्य रूप से आरक्षण के मुद्दे पर बातचीत होगी। जाट महाकुंभ के संरक्षक राजाराम मील ने जाट महाकुंभ को लेकर आयोजित आयोजन समिति की बैठक के बाद मीडिया से रूबरू होते हुए कहा कि जाट महाकुंभ में जातीय जनगणना का संकल्प प्रस्ताव पारित कर इससे राजस्थान सरकार एवं केंद्र सरकार को अवगत कराया जाएगा ताकि समाज को जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण मिल सके। इसके अलावा जाट समाज के विकास हेतु राज्य सरकार से वीर तेजाजी बोर्ड का गठन करने का भी अनुरोध किया जाएगा।Jat Mahakumbh -
राज्य और केंद्र में जाट समाज को तवज्जो दिलाना है अहम मुद्दा -
जाट महाकुंभ के संरक्षक राजाराम मील ने कहा कि इस महाकुंभ का मकसद समाज को अपने हक के प्रति जागरूक करना एवं सामाजिक चेतना जगाने का है। महाकुंभ के जरिए एकजुट होकर केंद्र तथा राज्य सरकार के सामने अपने हक की लड़ाई लड़ना है। जाट नेता विजय पूनिया ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के फैसले के मुताबिक ओबीसी आरक्षण को बढ़ाकर 27% कर दिया गया है। जबकि कुछ राज्य में जनसंख्या के आधार मानकर ओबीसी वर्ग के आरक्षण को बढ़ाया गया है, राजस्थान में भी यह फैसला लागू होना चाहिए। कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि जाट महासभा की ओर से जाट महाकुंभ का आयोजन जाट समाज के घटते प्रतिनिधित्व को लेकर किया जा रहा है।UP Budget : विधानसभा सत्र शुरू होते ही हंगामा
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