लाल बहादुर शास्‍त्री ने विचारों से लोगों में भरी देशभक्ति

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locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Oct 2021 02:17 PM
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साधारण जीवन (SIMPLE LIVING) लेकिन हौसले से पूर्ण रुप से मजबूत देश के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री (LAL BAHADUR SHASTRI) का जन्‍म 2 अक्टूबर 1904 में उत्तर प्रदेश के मुगलसराय में हुआ था। आज उनकी जयंती को पूरे देश में मनाया जा रहा है। देश के लिए अपना जीवन समर्पित करने वाले शास्त्री जी को बचपन में काफी संघर्ष का सामना करना पड़ा था। उन्हे स्कूल जाने के लिए नदी पार करनी पड़ती थी। उच्च शिक्षा हासिल करने के लिए उनको कई मील नंगे पैर जाना पड़ता था। इन परिस्थितियों का सामना कर वे महान इंसान बन सके।

भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू (JAWAHAR LAL NEHRU) का निधन होने के बाद अच्छी छवि और लोगों के बीच मशहूर होने के कारण शास्त्री जी को देश का दूसरा प्रधानमंत्री बनाया गया। उन्होंने 9 जून 1964 को भारत के प्रधानमंत्री (PRIME MINISTER) का पदभार संभाला था। उनके शासनकाल में 1965 के दौरान भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध हुआ था। इससे 3 वर्ष पूर्व चीन के साथ हुए युद्ध में भारत को हार मिली थी।

शास्त्री जी ने पाकिस्तान को हराने में दिया अहम योगदान

शास्त्री जी ने अप्रत्याशित रूप से हुए 1965 वाले युद्ध में राष्ट्र को उत्तम नेतृत्व दिया था। प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने 26 जनवरी, 1965 को देश के जवानों और किसानों (FARMERS) को अपने कर्म के प्रति सुदृढ़ बनाने और देश को खाद्य के क्षेत्र में आत्म निर्भर बनाने के लिए जय जवान, जय किसान का नारा दिया था जो भारत में आज भी काफी लोकप्रिय है।

उनकी ईमानदारी ने देशभक्ति में निभाई अहम भूमिका

उजबेकिस्तान की राजधानी ताशकंद में पाकिस्तान के राष्ट्रपति अयूब ख़ान के साथ मिलकर युद्ध खत्म करने के समझौते पर हस्ताक्षर (SIGNATURE) करने के बाद 11 जनवरी, 1966 वाली रात को रहस्यमय परिस्थितियों में उनकी मौत हो गई। उनको सादगी, देशभक्ति (PATRIOTISM) और ईमानदारी के लिए जाना जाता था। यही नहीं उनको भारत रत्न से सम्मानित किया गया था।

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ईएसआई कार्ड धारको को तीन महीने का वेतन

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locationभारत
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calendar02 Oct 2021 02:08 PM
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राष्ट्रीय ब्यूरो। कोरोनाकाल में नौकरी गवाने वाले कर्मचारी राज्य बीमा निगम(ईएसआईसी) से पंजीकृत कर्मियों के लिए केंद्र ने बड़ी राहत की घोषणा की है। केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने ऐसे कर्मियों को 3 महीने का वेतन देने का ऐलान किया है।

केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री भूपेंद्र यादव ने इसकी घोषणा करते हुए कहाकि केंद्र सरकार सिर्फ रोजगार गवाने वालों को ही नहीं बल्कि कोरोना के चलते जान गवाने वाले लोगों के परिजनों को भी आजीवन वित्तीय सहायता दिए जाने की तैयारी कर रही है। इस मामले में श्रम संहिता बनाने पर विचार किया जा रहा है। उन्होंने कहाकि सरकार नए श्रम कानूनों को लेकर बेहद संजीदा है और इसे लागू कराने की तैयारी कर रही है। इसके लिए देश भर में काम चल रहा है और जरूरी नियम-कायदे तय किए जा रहे हैं। यादव ने कहाकि श्रमिकों से जुड़े 29 श्रम कानूनों को 4 श्रमिक संहिता में बदल दिया गया है। इसके साथ ही सरकार वन नेशन वन ईएसआई कार्ड की दिशा में आगे बढ़ने  की तैयारी कर रही है। जिसके माध्यम से पंजीकृत कर्मियों को कई तरह की सुविधाएं हासिल हो सकेंगी।

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लक्षद्वीप मे गांधी जी की पहली प्रतिमा का अनावरण

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locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Oct 2021 01:57 PM
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आज पूरा देश महात्मा गांधी जी की 152 वीं जयंती मना रहा है l जानकारी के मुताबिक इस खास अवसर पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह देश के सबसे छोटे केंद्र शासित प्रदेश यानी लक्षद्वीप की राजधानी कवरत्ती मे गांधी जी की प्रतिमा का अनावरण करेंगे l आपको बता दें कि यह प्रतिमा लक्षद्वीप में बापू की पहली प्रतिमा होगी l यह प्रतिमा लगभग 6 फीट ऊंची व कांस्य की बनी हुई मूर्ति है l हालांकि इससे पहले भी इस मूर्ति को स्थापित करने के लिए 2010 में कई प्रयास किए गए लेकिन कुछ कारणों की वजह से यह मूर्ति नहीं बन पाई l जानकारी के मुताबिक यह मूर्ति पश्चिम यानी समुद्र के ठीक सामने खड़ी मुद्रा में स्थापित की जाएगी और इस मूर्ति का अनावरण करने के लिए रक्षा मंत्री कोच्चि के रास्ते लक्षदीप में पहुंचेंगे और देर शाम इस मूर्ति का अनावरण करेंगे l

इस मौके पर लक्षद्वीप के स्थानीय अधिकारियों ने कहा कि यह प्रतिमा बेहद ही अद्भुत है और यह हमारे लिए सौभाग्य की बात है कि यह बापू की सबसे पहली प्रतिमा होगी जिसका अनावरण खुद देश के रक्षा मंत्री करेंगे और यह मूर्ति देश के उन महान स्वतंत्रता सेनानियों के लिए एक स्मृति चिन्ह होगी जिन्होंने इस देश के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी l हालांकि यह प्रतिमा बेहद ही सुंदर है और सबसे अच्छी बात यह है कि गांधी जयंती के खास अवसर पर इस मूर्ति का अनावरण किया जाएगा l सबसे ऐतिहासिक बात इसमें यह है कि राष्ट्रपिता की मूर्ति का अनावरण होना देश के लिए बेहद ही खुशी की बात हैं और आज के शुभ अवसर पर यह प्रतिमा देश को समर्पित की जाएगी जो आने वाले समय में लक्षद्वीप व स्थानीय निवासियों के लिए मील का पत्थर साबित होगी l इस तरह की मूर्तियों का समय-समय पर अनावरण होना देश के लिए बेहद ही सम्मान की बात है l