Politics : मोदी के PM बनने के बाद बदली देश की राजनीतिक संस्कृति : नड्डा

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उन्होंने कहा कि जब 2014 में मोदी ने देश के प्रधानमंत्री के रूप में कार्यभार संभाला, तो यह केवल प्रधानमंत्री या सरकार या लोगों या किसी दल का परिवर्तन नहीं था, बल्कि यह देश की राजनीतिक संस्कृति में बदलाव था। नड्डा यहां भाजपा द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित कर रह थे। उन्होंने कहा कि मैं बढ़ा-चढ़ा कर नहीं कह रहा हूं, संप्रग की पिछली सरकार ऐसे दलों के समूह के तहत थी जो वंशवादी व्यवस्था को बढ़ावा दे रहे थे, वे पारिवारिक दल थे, वे वोट बैंक की राजनीति में विश्वास कर लोकतांत्रिक आंदोलन की अगुवाई कर रहे थे। उन्होंने कहा कि वे समाज को बांटने और शासन करने में विश्वास करते थे, वे धर्म और जाति के आधार पर विभाजन करने में विश्वास करते थे। भाजपा अध्यक्ष राज्य में विधानसभा चुनाव के पहले अपने प्रचार अभियान के तहत यहां पेशेवरों और बुद्धिजीवियों की एक सभा को संबोधित कर रहे थे। राज्य में अप्रैल-मई तक विधानसभा चुनाव होने की संभावना है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने न केवल वंशवादी शासन, वंशवाद, जातिगत समीकरणों, वोट बैंक की राजनीति को चुनौती दी, बल्कि ‘मोदी ने सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास मंत्र पर बल दिया। आप पाएंगे कि देश ने ‘यू-टर्न’ लिया और नयी राजनीतिक संस्कृति आई। उन्होंने कहा कि देश में रिपोर्ट कार्ड की राजनीति आ गई है और ‘‘जब मैं आपके पास आता हूं तो मैं जाति व्यवस्था और धर्म के नाम पर समाज को बांटने की बात नहीं करता। जब मैं और मेरे नेता आपके पास आते हैं तो वे अपना रिपोर्ट कार्ड लेकर आते हैं।" इस अवसर पर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष नलिन कुमार कतील, पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह, सांसद जी. एम. सिद्धेश्वर सहित अन्य लोग उपस्थित थे। नड्डा ने कहा, ‘‘... एक जवाबदेह सरकार होनी चाहिए और यह नयी संस्कृति आ गई है, हम एक जिम्मेदार, सक्रिय और जवाबदेह सरकार हैं।" उन्होंने देश भर में कोविड-19 के खिलाफ सफल टीकाकरण अभियान, युद्धग्रस्त यूक्रेन से भारतीय छात्रों की सुरक्षित निकासी, डिजिटल भुगतान में तेजी का श्रेय मोदी प्रशासन को दिया। उन्होंने स्वच्छ भारत मिशन, विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में शौचालयों के निर्माण, उज्ज्वला योजना, स्वास्थ्य योजना आदि के महत्व की भी चर्चा की।Besharm Rang : हर रंग का है हिन्दू धर्म से कनेक्शन, फिर भगवा बिकिनी पर बवाल क्यों ?
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उन्होंने कहा कि जब 2014 में मोदी ने देश के प्रधानमंत्री के रूप में कार्यभार संभाला, तो यह केवल प्रधानमंत्री या सरकार या लोगों या किसी दल का परिवर्तन नहीं था, बल्कि यह देश की राजनीतिक संस्कृति में बदलाव था। नड्डा यहां भाजपा द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित कर रह थे। उन्होंने कहा कि मैं बढ़ा-चढ़ा कर नहीं कह रहा हूं, संप्रग की पिछली सरकार ऐसे दलों के समूह के तहत थी जो वंशवादी व्यवस्था को बढ़ावा दे रहे थे, वे पारिवारिक दल थे, वे वोट बैंक की राजनीति में विश्वास कर लोकतांत्रिक आंदोलन की अगुवाई कर रहे थे। उन्होंने कहा कि वे समाज को बांटने और शासन करने में विश्वास करते थे, वे धर्म और जाति के आधार पर विभाजन करने में विश्वास करते थे। भाजपा अध्यक्ष राज्य में विधानसभा चुनाव के पहले अपने प्रचार अभियान के तहत यहां पेशेवरों और बुद्धिजीवियों की एक सभा को संबोधित कर रहे थे। राज्य में अप्रैल-मई तक विधानसभा चुनाव होने की संभावना है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने न केवल वंशवादी शासन, वंशवाद, जातिगत समीकरणों, वोट बैंक की राजनीति को चुनौती दी, बल्कि ‘मोदी ने सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास मंत्र पर बल दिया। आप पाएंगे कि देश ने ‘यू-टर्न’ लिया और नयी राजनीतिक संस्कृति आई। उन्होंने कहा कि देश में रिपोर्ट कार्ड की राजनीति आ गई है और ‘‘जब मैं आपके पास आता हूं तो मैं जाति व्यवस्था और धर्म के नाम पर समाज को बांटने की बात नहीं करता। जब मैं और मेरे नेता आपके पास आते हैं तो वे अपना रिपोर्ट कार्ड लेकर आते हैं।" इस अवसर पर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष नलिन कुमार कतील, पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह, सांसद जी. एम. सिद्धेश्वर सहित अन्य लोग उपस्थित थे। नड्डा ने कहा, ‘‘... एक जवाबदेह सरकार होनी चाहिए और यह नयी संस्कृति आ गई है, हम एक जिम्मेदार, सक्रिय और जवाबदेह सरकार हैं।" उन्होंने देश भर में कोविड-19 के खिलाफ सफल टीकाकरण अभियान, युद्धग्रस्त यूक्रेन से भारतीय छात्रों की सुरक्षित निकासी, डिजिटल भुगतान में तेजी का श्रेय मोदी प्रशासन को दिया। उन्होंने स्वच्छ भारत मिशन, विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में शौचालयों के निर्माण, उज्ज्वला योजना, स्वास्थ्य योजना आदि के महत्व की भी चर्चा की।Besharm Rang : हर रंग का है हिन्दू धर्म से कनेक्शन, फिर भगवा बिकिनी पर बवाल क्यों ?
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