Social News : समाजसेवा की अनूठी पहल शुरू की है गुर्जर समाज ने

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locationभारत
userचेतना मंच
calendar29 Nov 2025 04:23 AM
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Social News / Special tory  :  देश भर के गुर्जर समाज की दशा और दिशा में सुधार करने के लिए गुर्जर समाज के कुछ लोगों ने एकजुट होकर परिवर्तन की एक अदभुत मुहिम चलाने का संकल्प लिया है। इस कड़ी में सबसे पहले 'गुर्जर एजुकेशन वैलफेयर ट्रस्ट' (Gurjar Education Welfare Trust) के नाम से एक संस्था की स्थापना करके समाज में बदलाव की कोशिश शुरू की गई है।

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सब जानते हैं कि चाहे कोई भी समाज हो उसमें आर्थिक रूप से कमजोर तथा समृद्ध सभी प्रकार के लोग रहते हैं। इसी प्रकार गुर्जर समाज में भी आर्थिक रूप से कमजोर किन्तु प्रतिभावान विद्यार्थी एवं खिलाड़ी बड़ी संख्या में मौजूद हैं। अनेक प्रतिभावान खिलाड़ी व विद्यार्थी आर्थिक सहायता न मिल पाने के कारण अपने सपनों को पूरा नहीं कर पाते हैं। ऐसे प्रतिभावान विद्यार्थियों तथा खिलाडिय़ों को प्रोत्साहित करके आर्थिक मदद करने के उददेश्य से 'गुर्जर एजुकेशन वैलफेयर ट्रस्ट' की स्थापना की गयी है।

इस ट्रस्ट से जुड़े हुए समाजसेवी सुरेन्द्र सिंह गुर्जर ने चेतना मंच को बताया कि इस ट्रस्ट में ग्रेटर नोएडा सहित पूरे भारत यहां तक कि विदेशों से भी समाज के प्रबुद्ध वर्ग के लोग जुड़े हुए हैं। अभी तक ट्रस्ट में 194 सदस्य शामिल हो चुके हैं। ये सभी सदस्य प्रतिमाह 1 हजार रूपए ट्रस्ट के उददेश्य पूरे करने के लिए देते हैं। जिन बच्चों को आर्थिक सहायता दी जाती है उन्हें ऑन लाइन आवेदन भरना पड़ता है। ट्रस्ट अब तक 80 से ज्यादा प्रतिभावान विद्यार्थियों व खिलाडिय़ों को 10 लाख 68 हजार रूपये से ज्यादा की स्कॉलरशिप दे चुका है। श्री गुर्जर के मुताबिक ट्रस्ट आगे और विस्तार करने की योजना बना रहा है।

गुर्जर समाज द्वारा की गई इस पहल की सर्वत्र प्रशंसा की जा रही है। लोगों का कहना है कि प्रत्येक समाज में अगर इस प्रकार की मुहिम चलाई जाए तो समाज में बदलाव अवश्य होगा। लोगों का कहना है कि शायद हमारे पूर्वजों ने इसीलिए जातियों की व्यवस्था बनाई थी कि प्रत्येक जाति अपने समाज में बदलाव के लिए कार्य करें। यहां यह तथ्य विशेष रूप से उल्लेखनीय है कि गुर्जर समाज का भारतीय इतिहास में एक विशेष योगदान रहा है। देश की आजादी के आंदोलन में भी गुर्जर समाज के योगदान को सब जानते हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि गुर्जर एजुकेशन वैलफेयर ट्रस्ट की यह पहल क्या रंग दिखाती है।

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Cheetah: आखिर चीतों को कूनो नेशनल पार्क में ही क्यों छोड़ा जा रहा है? जानें वजह

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locationभारत
userचेतना मंच
calendar30 Nov 2025 12:11 AM
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Cheetah: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने 72वें जन्मदिन पर नामीबिया से लाए गए चीतों को मध्य प्रदेश के कूनो राष्ट्रीय उद्यान में छोड़ने जा रहे हैं। भारत देश में ऐसे कई जंगल है, जहां पर इन चीतों को छोड़ा जा सकता था, लेकिन एमपी के कूनो उद्यान में ही इन चीतों को क्यों छोड़ा जा रहा है। आईए जानते हैं क्या है वजह।

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जिन चीतों को कूनो उद्यान में छोड़ा जा रहा है, उन्हें नामीबिया देश से लगाया गया है। कुल 8 चीता वहां से भारत लाए गए है। उन्हें कूनो उद्यान में छोडने का पहला कारण तो यह है कि कूनो का मौसम और वातावरण काफी हद तक नामीबिया के जंगलों जैसा ही बताया जा रहा है। इसके अलावा इन चीतों को यहां रखने का दूसरा बड़ा कारण यह है कि इसके आसपास कोई बस्ती नहीं है। यह वन क्षेत्र छत्तीसगढ़ के कोरिया के साल जंगलों के बहुत करीब है। इन्हीं जंगलों में लगभग 70 साल पहले एशियाई मूल के चीते अंतिम बार दिखे थे।

चीतों के लिए वैसे तो मनुष्यों के साथ संघर्ष की संभावना कम होती है, वे मनुष्यों का शिकार नहीं करते हैं। वे बड़े पशुओं पर भी हमला नहीं करते हैं। उच्च जनसंख्या घनत्व और खुले घास के मैदान भारत में जानवरों के लिए खतरा पैदा करते हैं। कूनो शायद देश के कुछ वन्यजीव स्थलों में से एक है, जहां सालों पहले पार्क के अंदर से लगभग 24 गांवों और उनके पालतू पशुओं को पूरी तरह से बाहर निकाल दिया गया था।

इसके अलावा वर्ष 2010 और 2012 के बीच मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, गुजरात और उत्तर प्रदेश में दस जगहों का सर्वेक्षण किया गया था। बाद में यह पाया गया कि कूनो चीतों को रखने के लिए सबसे उपयुक्त जगह है। भारतीय वन्यजीव संस्थान और भारतीय वन्यजीव ट्रस्ट ने जलवायु और आबादी सहित अन्य पहलुओं को ध्यान में रखते हुए यह सर्वे किया और कूनो को सबसे उपयुक्त जगह करार दिया।

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Stock Market: इस हफ्ते शेयर बाज़ार में मची रही हलचल, इन स्टॉक ने निवेशकों को दिया झटका

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locationभारत
userचेतना मंच
calendar28 Nov 2025 03:32 PM
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Stock Market: बाजार (Stock Market) में लगातार तीसरे दिन गिरावट हुई है। बीएसई के सभी सेक्टर में देखा जाए तो इंडेक्स गिरावट पर कारोबार बंद हुआ। आईटी और रियल्टी शेयरों में अधिक नुकसान हुआ है। जबकि मेटल, ऑटो शेयरों में भारी मुनाफावसूली हावी है। कारोबार के आखिरी दिन में सेंसेक्स 1093.22 अंक जिसका मतलब है कि 1.82 फीसदी की गिरावट करने के बाद 58,840.79 के स्तर पर पहुंचकर बंद हुआ था। वहीं निफ्टी 326.15 अंक कम हुआ यानि कि 1.82 फीसदी टूटकर 17,551.25 के स्तर पर पहुंचकर बंद हो गया था।

इन शेयर्स में हुआ भारी मुनाफा

इस हफ्ते के दौरान कुछ शेयर्स (Stock Market) में भारी बढ़त देखने को मिली है। इस हफ्ते कुछ शेयर्स की वजह से निवेशकों को फायदा हो गया है। इस सूची में आईआईएफएल हेल्थ मैनेजमेंट, करूर वैश्य बैंक, भारत डायनामिक्स, केन्नामेंटल, इंडिगो पेंट्स, जायडस वेलनेस, एरिस लाइडसाइंसेज, इंडस्लैंड बैंक और थर्मेक्स टॉप गेनर रहे।

इन शेयर्स में हुई गिरावट

इस हफ्ते कुछ शेयर्स में भारी मुनाफा हुआ है। इसमें एमआरएफ, टिमकेन इंडिया, बेयर कॉप, एस्ट्रोल पॉली, एल एंड डी टेक्नाल, टाटा केमिकल्स और दीपक नाइट्राइट में भारी गिरावट हुई है। वहीं हफ्ते की शुरआत में अमेरिका बाजार के उछाल के साथ घरेलू बाजार में काफी रौनक देखने को मिली है।

इस सप्ताह में गिरावट से निवेशकों को हुआ नुकसान

इस सप्ताह में काफी गिरावट हुई है। वहीं पिछले हफ्ते काफी उछाल हुई थी। उलट ट्रेंड से बाजार में हलचल मची रही और ये 1.7 फीसदी की गिरावट पर बंद हुआ था।निफ्टी बैंक में लगातार चौथे हफ्ते तेजी का रुख बना रहा। निफ्टी इंडेक्स में शामिल 50 शेयरों में देखा जाए तो 35 स्टॉक इस हफ्ते गिरावट करने के बाद बंद हुआ। आईटी और सीमेंट स्टॉक में सबसे अधिक नुकसान हुआ है।

हफ्ते के आखरी दिन में हुई गिरावट

एलकेपी सिक्योरिटीज के हेड ऑफ रिसर्च एस रंगनाथन ने जानकारी साझा किया है कि, "हाल समय के दौरान दुनिया के दूसरे बाजारों से इतर मजबूत प्रदर्शन कर रहे भारतीय बाजार में अन्य वैश्विक बाजारों की तरह गिरावट हुई है। अमेरिका की महंगाई दर को लेकर हालिया आंकड़े के साथ फेड रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में इजाफा हुआ जाने की आशंका के बाद घरेलू इंवेस्टर्स ने बिकवाली हुई थी।"