UP assembly elections 2022 सहारनपुर देहात, इस सीट पर नहीं रहा किसी को बोलबाला

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calendar16 Jan 2022 06:42 PM
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UP assembly elections 2022 : उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले के अंतर्गत आने वाली विधानसभा संख्या-4 सहारनपुर सीट है। इसे सहारनपुर देहात सीट के नाम से भी जाना जाता है। क्योंकि कभी इसे हरोड़ा सीट से जाना जाता था। पूर्व मुख्यमंत्री मायावती इस सीट से जीतकर ही मुख्यमंत्री बनी थी। इस सीट पर किसी एक पार्टी का बोलबाला नहीं रहा है। कभी यह सीट भाजपा तो कभी बसपा के खाते में जाती रही है। अभी इस सीट पर कांग्रेस का कब्जा है और मसूद अख्तर यहां से विधायक हैं। यह सामान्य सीट है और भाजपा ने इस सीट पर एक दलित प्रत्याशी को मैदान में उतारा है।

भाजपा ने क्यों उतारा दलित प्रत्याशी सहारनपुर देहात विधानसभा सीट सामान्य सीट है। लेकिन 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले यह सीट दलित के लिए आरक्षित थी। भाजपा ने जिस दलित प्रत्याशी जगपाल सिंह को इस सीट से मैदान में उतारा है, वह कभी मायावती के बहद नजदीकी माने जाते थे। उनकी छवि भी बेहतर बताई जाती है। वर्ष 2012 में हुए चुनाव में सामान्य होते हुए भी जगपाल सिंह बसपा के टिकट पर चुनाव लड़े थे और विजय हासिल की थी। जगपाल सिंह ने कांग्रेस के प्रत्याशी अब्दुल वहीद को 17 हजार 113 वोटों से हराया था। जगपाल को कुल 80 हजार 670 मत मिले थे जबकि अब्दुल वहीद 63 हजार 557 वोटों के साथ दूसरे नंबर पर रहे थे। वहीं समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार सरफराज खान 42 हजार 850 वोटों के साथ तीसरे नंबर पर रहे थे।

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[caption id="attachment_14750" align="alignnone" width="560"]UP assembly elections 2022 UP assembly elections 2022[/caption]

इस सीट पर कुल मतदाताओं की संख्या 3 लाख 17 हजार 413 है। इसमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 1 लाख 71 हजार 963, महिला मतदाताओं की संख्या 1 लाख 45 हजार 440 और थर्ड जेंडर के 10 मतदाता हैं।

2017 के चुनाव में इस सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार मसूद अख्तर ने जीत हासिल की। उन्होंने अपने प्रतिद्वंदी बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवार जगपाल सिंह को 12 हजार 324 वोटों से हराया था। मसूद अख्तर को 87 हजार 689 वोट जबकि जगपाल सिंह को 75 हजार 365 वोट मिले थे। वहीं भारतीय जनता पार्टी के मनोज चौधरी 58 हजार 752 वोट के साथ तीसरे स्थान पर रहे थे।

2008 में हुए परिसीमन के बाद हुए चुनाव और उनके परिणामों को देखें तो एक बार बहुजन समाज पार्टी और एक बार कांग्रेस को जीत मिली है। 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव में इस सीट को कांग्रेस बचा पाएगी या फिर इस सीट पर किसी और पार्टी का कब्जा होगा। यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा।

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UP assembly elections : जातीय गणित साधने को भाजपा ने अपनाया ये फार्मूला

Ka 56
UP assembly elections 2022
locationभारत
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calendar29 Nov 2025 07:05 PM
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UP assembly elections 2022 : यूपी में विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है। राजनीकि दलों ने अपने अपने उम्मीदवारों की सूची भी जारी कर दी है। इसी क्रम में भाजपा ने भी 107 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की है। पार्टी सूत्रों की माने तो भाजपा ने इस बार चुनाव में वही फॉर्मूला अपनाया है जो कभी कल्याण सिंह अपनाया करते थे। भाजपा दलित और पिछडा वर्ग का सामंजस्य बनाकर चुनाव में मिशन 300 प्लस को हासिल करना चाहती है।

भाजपा के तीन मंत्रियों स्वामी प्रसाद मौर्य, डाक्टर धर्म सिंह सैनी और दारा सिंह चौहान के पाला बदलने के बाद ऐसा लग रहा था कि यूपी में पिछड़ा समुदाय अखिलेश की तरफ शिफ्ट हो रहा है लेकिन अमित शाह ने कल्याण सिंह के फार्मूले पर चलते हुए सबसे ज्यादा टिकट पिछड़ा समुदाय को ही दिये हैं ताकि पार्टी के खिलाफ जो माहौल बन रहा है उसका डैमेज कंट्रोल किया जा सके।

[caption id="attachment_14747" align="alignnone" width="700"]UP assembly elections 2022 UP assembly elections 2022[/caption]

आपको बता दें कि भाजपा ने इस चुनाव में पूर्व सीएम कल्याण सिंह के फार्मूले को तरजीह देते हुए आगे बढ़ने का फैसला किया है। इसी फार्मूले पर चलते हुए भाजपा को 1991 में पूर्ण बहुमत मिला था। ठीक वैसा ही इतिहास 2014 में भी दोहराया गया था जब ओबीसी और दलित समाज की एकजुटता की वजह से सफलता मिली थी। कल्याण सिंह के फार्मूले का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है की भाजपा की पहली लिस्ट में 44 ओबीसी और 19 दलित को टिकट दिया गया है जो लगभग 60 फीसदी के करीब है। सहारनपुर देहात सीट जो सामान्य है, पर भी पूर्व विधायक जगपाल सिंह को तरजीह दी गई है। हालांकि पिछले चुनाव में भी भाजपा ने पहली लिस्ट में 44 ओबीसी उम्मीदवारों को टिकट दिया था।

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दरअसल भाजपा अब उन दलित वोटरों को साधना चाहती है जिनका बसपा से मोहभंग हो रहा है। भाजपा दलित जाटव में सेंध लगाना चाहती है इसी को ध्यान में रखते हुए उत्तराखंड की पूर्व राज्यपाल बेबीरानी मौर्य समेत 19 लोगों को टिकट दिया गया है। दरअसल 2019 के लोकसभा चुनाव में 2014 की तुलना में दलित और मुस्लिम के गठजोड़ की वजह से 9 सीटों से हाथ धोना पड़ा था और मायावती 10 सीटों पर जितभासिल करने में कामयाब हुई थी। उधर, मायावती भी दलित वोटरों को लेकर काफी सर्तक हैं क्योंकि भाजपा की कोशिश है कि खास इलाके में जाटव वोटरों को भाजपा में ट्रांसफर किया जाए। इसी संभावनाओं को देखते हुए भाजपा ने 13 जाटव दलित को टिकट दिया है। आपको बता दें कि जाटव ​एक उप जाति है और ​दलित हैं।जिसका वेस्ट यूपी की कई विधानसभाओं में अच्छा खासा प्रभाव है। वहीं ओबीसी और दलित के अलावा यदि बात सवर्णों की करें तो तो सबसे ज्यादा टिकट ठाकुर समुदाय को मिला है और उसके बाद ब्राह्मणों को पार्टी ने टिकट दिया है।

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UP assembly elections 2022 ये है यूपी की नंबर 1 विधानसभा, यहीं से भाजपा ने शुरु की थी अपनी विजय यात्रा

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locationभारत
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calendar30 Nov 2025 09:23 PM
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UP assembly elections :  उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है। निर्वाचन आयोग द्वारा समय सारिणी भी जारी कर दी है। उत्तर प्रदेश में कुल निर्वाचित विधानसभा सीट 403 है। लेकिन क्या आपको पता है कि उत्तर प्रदेश की नंबर वन विधानसभा सीट हैं। आपको बताते हैं कि उत्तर प्रदेश के पहले नंबर की विधानसभा सीट बेहट है। यह सीट उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जनपद में पड़ती है। यह विधानसभा क्षेत्र शिवालिक पर्वत माला से घिरा है और अधिकांश क्षेत्र बाढ़ प्रभावित है।

वर्ष 2017 में चुनाव अभियान की शुरुआत करने के लिए भाजपा ने इसी क्षेत्र को चुना था, क्योंकि यहां पर मां शाकंभरी देवी की सिद्धपीठ है। भाजपा के अमित शाह और अन्य वरिष्ठ नेताओं ने 2017 के विधानसभा चुनाव के लिए यहीं से अपनी विजय यात्रा की शुरुआत की थी। इस सीट पर 2017 में भारतीय राष्ट्रीय का‍ँग्रेस के प्रत्याशी नरेश सैनी ने जीत दर्ज की थी। इस बार बेहट विधानसभा सीट के परिणाम किस पार्टी के पक्ष में होंगे, यह जनता को तय करना है। 2017 में बेहट में कुल 38.42 प्रतिशत वोट पड़े थे। 2017 में भारतीय राष्ट्रीय का‍ँग्रेस से नरेश सैनी ने भारतीय जनता पार्टी के महावीर सिंह राणा को 25586 वोटों से हराया था। बेहट विधानसभा सीट सहारनपुर संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत आती है। जहां से बसपा के हाजी फजलु रहमान सांसद हैं, जिन्होंने भाजपा के राघव लखनपाल को 22417 वोटों से हराया था।

बाढ़ एक विकट समस्या

बेहट विधानसभा सीट बाढ़ प्रभावित सीट है। बरसात के समय में इस सीट के अंतर्गत आने वाले कई गांवों का संपर्क मुख्य मार्ग से कट जाता है। बरसाती नदियों में तेज बहाव के कारण आसपास के क्षेत्र में कटान एक प्रमुख समस्या है, लेकिन आम जनता की इस समस्या की ओर किसी भी विधायक ने ध्यान देना मुनासिब नहीं समझा। ऐसे में इस बार के चुनाव में भी यह मुख्य मुद्दा बन सकता है। हालांकि मौजूदा विधायक नरेश सैनी ने इस क्षेत्र में बाढ़ से बचाव के लिए नदियों के किनारे तटबंध बनवाए हैं। साथ ही कई नदियों पर पुल भी सैनी के कार्यकाल में बने हैं। बावजूद इसके बाढ़ से निजात के लिए अभी तक कोई मुकम्मल व्यवस्था नहीं हो पाई है।

वोट गणित

इस सीट पर अगर 17वीं विधानसभा चुनाव-2017 के आंकड़ों की बात करें तो कुल मतदाताओं की संख्या 3 लाख 36 हजार 576 है। इसमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 1 लाख 79 हजार 920, महिला मतदाताओं की संख्या 1 लाख 56 हजार 649 और थर्ड जेंडर के 7 मतदाता हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में इस सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार नरेश सैनी ने जीत हासिल की है। उन्होंने अपने प्रतिद्वंदी भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार महावीर सिंह राणा को 25 हजार 856 वोटों से हराया था। नरेश सैनी को 97 हजार 35 वोट जबकि महावीर सिंह राणा को 71 हजार 449 वोट मिले थे। वहीं बीएसपी के मोहम्मद इकबाल 71 हजार 19 वोट के साथ तीसरे स्थान पर रहे थे।

मतदान की तारीख: सोमवार, 14 फरवरी 2022 मतगणना की तारीख: गुरुवार, 10 मार्च 2022