उत्तर प्रदेश सरकार ने खोज लिया अद्भुत फार्मूला, भर्ती में नहीं होगी गड़बड़ी

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locationभारत
userचेतना मंच
calendar26 Jun 2024 08:35 PM
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UP News : उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश की सरकारी भर्ती में गड़बड़ी को रोकने की पक्की काट ढूंढ ली है। उत्तर प्रदेश सरकार ने नौकरी की भर्ती परीक्षा को गड़बड़ी से बचाने का फार्मूला तलाश कर लिया है। इस फार्मूले के तहत ही आगे से उत्तर प्रदेश में सरकारी नौकरी की भर्ती परीक्षा कराई जाएगी। यह फार्मूला उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) ने तुरंत लागू करने का फैसला किया है।

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यूपीपीएससी का नया फार्मूला

उत्तर प्रदेश में सरकारी अधिकारियों की भर्ती करने वाले उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) ने दावा किया है कि उसके नए फार्मूले के लागू हो जाने पर भर्ती परीक्षा में अंकों के साथ छेड़छाड़ संभव नहीं रहेगी। इस नए फार्मूले के तहत उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) ने तीन प्रतियों में ओएमआर आंसर शीट (उत्तर पत्रक) तैयार करने का निर्णय लिया है। इसमें एक प्रति कोषागार में संरक्षित रखी जाएगी, ताकि भविष्य में ओएमआर संबंधी किसी भी तरह का विवाद सामने आने पर तीसरी प्रति के सत्यापन के माध्यम से विवाद को दूर किया जा सके। परीक्षाओं में अक्सर नंबरों के साथ छेड़छाड़ या ओएमआर आंसर शीट खाली छोडऩे के आरोप लगते रहे हैं। आयोग के इस निर्णय से सभी विवादों का समाधान किया जा सकेगा। अब तक आयोग दो प्रतियों में ओएमआर आंसर प्रतियां शीट तैयार कराता था। परीक्षा के बाद आंसर शीट की मूल प्रति आयोग के पास रह जाती थी, जिसके आधार पर परिणाम तैयार किया जाता था और दूसरी प्रति अभ्यर्थी को दी जाती थी। आयोग के सचिव अशोक कुमार के अनुसार यूपीपीएससी की ओर से अब तीन प्रतियों में उत्तर पत्रक के प्रयोग का निर्णय लिया है। इनमें प्रथम प्रति मूल-प्रति होगी, जो गुलाबी रंग की होगी, दूसरी प्रति हरे रंग की संरक्षित प्रति होगी और तीसरी प्रति अभ्यर्थी प्रति होगी होगी, जो नीले रंग की होगी। UP News

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अकेले रहने को मजबूर माता-पिताओं के नाम पर मार्मिक अपील

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UP News
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 11:09 AM
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UP News : उत्तर प्रदेश के एक बुजुर्ग ने बड़ी ही मार्मिक अपील की है। उत्तर प्रदेश के आगरा शहर में रहने वाले बुजुर्ग ने यह मार्मिक अपील अकेले रहने को मजबूर माता-पिताओं के नाम लिखी है। अपील में बुजुर्ग ने लिखा है कि जो बच्चे अपने माता-पिता को अकेला छोडक़र बाहर बस जाते हैं वें सबसे बड़ा पाप करते हैं। ऐसे माता-पिता से मेरी अपील है कि ऐसे बच्चों को अपनी पूरी प्रोपर्टी से बेदखल करके पूरी प्रोपर्टी भारत सरकार को दान कर दें।

उत्तर प्रदेश के आगरा में रहते हैं बुजुर्ग

उत्तर प्रदेश के आगरा शहर के रहने वाले बुजुर्ग अशोक चौधरी ने चेतना मंच को एक पत्र लिखा है। अपने पत्र में अशोक चौधरी ने बताया कि उन्होंने चेतना मंच के  www.chetnamanch.com पर एक समाचार पढ़ा है। उस समाचार में लिखा है कि उत्तर प्रदेश के कन्नौज शहर में (75 वर्षीय) एक बुजुर्ग का शव उनके ही मकान के आंगन में तीन दिन तक पड़ा सड़ता रहा। बदबू आने पर पड़ोसियों ने पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस दीवार फांदकर मकान के अंदर दाखिल हुई तो देखा कि गर्मी के चलते लाश पूरी तरह से सड़ चुकी थी। उत्तर प्रदेश का यह बुजुर्ग कई वर्षों से घर में अकेले ही रह रहा था। उनका एक बेटा बेंगलुरु में तो दूसरा बेटा अमेरिका में रह रहा है। जब घर से बदबू आनी शुरू हुई तो पड़ोसियों के माध्यम से घटना के बारे में जानकारी हुई।

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फिलहाल, पुलिस ने मृतक के बेटों को सूचना दे दी है। पूरा मामला कन्नौज सदर कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला ग्वाल मैदान का है, जहां (75 वर्षीय) अरुण कुमार मिश्रा करीब 6 वर्षों से घर में अकेले ही रह रहे थे। उनका बड़ा बेटा प्रद्युम्न अमेरिका में नौकरी करता है और वहीं रह रहा है। जबकि, छोटा बेटा अक्षत बेंगलुरु में एक निजी कंपनी में जॉब कर रहा है। अरुण की पत्नी रेखा देवी अपने छोटे बेटे अक्षत के साथ बेंगलुरु में ही रह रही हैं। बीते बुधवार को अरुण मिश्रा की डेड बॉडी घर के आंगन में पड़ी पाई गई। इस बात की जानकारी तब हुई जब पड़ोस में ही रहने वाले उनके भतीजे पवन मिश्रा को बदबू आने की शंका हुई। वह अरुण के घर का दरवाजा खटखटाने पहुंचे लेकिन कोई आवाज नहीं आई। इस पर उन्होंने इसकी सूचना पुलिस को दी। पुलिस दीवार फांदकर अंदर घुसी तो देखा कि आंगन में बुजुर्ग अरुण मिश्रा की डेड बॉडी पड़ी है। पास में ही एक बाल्टी पानी रखा हुआ था। पुलिस का मानना है कि बुजुर्ग घर में अकेले रहते थे। वह पानी की बाल्टी लेकर कुछ काम कर रहे होंगे तभी जमीन गिर पड़े और फिर उठ नहीं पाए। चूंकि, घर में कोई और था नहीं इसलिए उनकी मदद नहीं हो सकी। आखिर में बुजुर्ग ने दम तोड़ दिया। उनकी डेड बॉडी करीब 3 दिन पुरानी लग रही है। पत्र में बुजुर्ग व्यक्ति ने आगे लिखा है कि मेरी अकेले रहने को मजबूर किए गए माता-पिताओं से हाथ जोडक़र अपील है। आपको मरने के लिए अकेला छोडक़र जाने वाले कलयुगी बच्चों को अपनी प्रोपर्टी से तुरंत बेदखल करके पूरी प्रोपर्टी भारत सरकार को दान कर दें। पत्र में अपील को प्रकाशित करने का अनुरोध किया गया है। UP News

उत्तर प्रदेश के IAS अधिकारी ने दुनिया भर में गाड दिया बुलंदी का झंडा, बने नम्बर-1

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उत्तर प्रदेश के IAS अधिकारी ने दुनिया भर में गाड दिया बुलंदी का झंडा, बने नम्बर-1

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locationभारत
userचेतना मंच
calendar28 Nov 2025 04:06 PM
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UP News : उत्तर प्रदेश के IAS अधिकारी सुहास एलवाई ने दुनिया भर में भारत के झंडे की शान बढ़ा दी है। उत्तर प्रदेश कैडर के IAS अधिकारी सुहास एलवाई ने पैरा बैडमिंटन वल्र्ड रैकिंग में विश्व में नम्बर-1 स्थान हासिल किया है। पैरा बैडमिंटन की बीडब्ल्यूएफ वल्र्ड रैकिंग में नम्बर-1 बनने का खिताब पहली बार भरत को मिला है। यह खिताब हासिल करने के बाद उत्तर प्रदेश के IAS अधिकारी सुहास एलवाई को बधाईयों का तांता लगा हुआ है। उत्तर प्रदेश तथा असम के मुख्यमंत्री ने भी सुहास एलवाई को बधाई दी है।

रच दिया नया इतिहास

आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश के IAS अधिकारी सुहास एलवाई ने नया इतिहास बनाया है। उत्तर प्रदेश के लाड़ले अफसर सुहास एलवाई ने नवीनतम बीडब्ल्यूएफ पैरा बैडमिंटन वर्ल्ड रैंकिंग में फ्रांस के दिग्गज लुकास माजुर को पछाड़कर दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी बन गए हैं। उत्तर प्रदेश कैडर के IAS अधिकारी सुहास एलवाई ने इस साल फरवरी में इंडोनेशिया के फ्रेडी सेतियावान को पछाड़कर विश्व चैंपियनशिप खिताब जीता था। चालीस वर्षीय अर्जुन पुरस्कार विजेता सुहास एलवाई को टोक्यो पैरालंपिक के एसएल-4 वर्ग के खिताबी मुकाबले में माजुर के खिलाफ हार के चलते रजत पदक से संतोष करना पड़ा था। सुहास के नाम पर अब 60 हजार 527 अंक हैं जो फ्रांस के उनके प्रतिद्वंद्वी माजुर (58 हजार 953) से अधिक हैं। उत्तर प्रदेश के IAS अधिकारी सुहास एलवाई ने अपने सोशल मीडिया हैंडल X पर लिखा, 'फाइनली विश्व नंबर एक, यह साझा करते हुए खुशी हो रही है कि आज घोषित नवीनतम बैडमिंटन वर्ल्ड फेडरेशन पैरा बैडमिंटन रैंकिंग में पुरुष सिंगल्स में मुझे जीवन में पहली बार वर्ल्ड नंबर एक रैंकिंग मिली है. मैंने लंबे समय के बाद वर्ल्ड नंबर एक खिलाड़ी फ्रांस के लुकास माजुर की जगह ली. आपके आशीर्वाद और शुभकामनाओं के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद।' उनकी इस जीत पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी उनको बधाई दी है। वहीं असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने भी उनको बधाई दी।

उत्तर प्रदेश के IAS सुहास एलवाई का परिचय

वर्तमान में सुहास एलवाई उत्तर प्रदेश में युवा कल्याण और प्रांतीय रक्षक दल के सचिव और महानिदेशक के रूप में कार्यरत हैं. कर्नाटक के शिगोमा में जन्मे सुहास एलवाई ने अपनी तकदीर को अपने हाथों से लिखा है. जन्म से ही दिव्यांग (पैर में दिक्कत) सुहास शुरुआत से IAS नहीं बनना चाहते थे। वो बचपन से ही खेल के प्रति काफी दिलचस्पी रखते थे। इसके लिए उन्हें पिता और परिवार का भरपूर सपोर्ट मिला। पैर पूरी तरह फिट नहीं था, ऐसे में समाज के ताने उन्हें सुनने को मिलते थे किन्तु पिता और परिवार चट्टान की तरह उन तानों के सामने खड़े रहे और कभी भी सुहास का हौंसला नहीं टूटने दिया।

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सुहास के पिता उन्हें सामान्य बच्चों की तरह देखते थे। सुहास का क्रिकेट प्रेम उनके पिता की ही देन है. परिवार ने उन्हें कभी नहीं रोका, जो मर्जी हुई सुहास ने उस गेम को खेला और पिता ने भी उनसे हमेशा जीत की उम्मीद की। पिता की नौकरी ट्रांसफर वाली थी, ऐसे में सुहास की पढ़ाई शहर-शहर घूमकर होती रही। सुहास की शुरुआती पढ़ाई कर्नाटक के गांव में हुई तो वहीं सुरतकर शहर से उन्होंने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी से कम्प्यूटर साइंस में इंजीनियरिंग पूरी की। साल 2005 में पिता की मृत्यु के बाद सुहास टूट गए थे. सुहास ने बताया कि उनके जीवन में पिता का महत्वपूर्ण स्थान था, पिता की कमी खलती रही। उनका जाना सुहास के लिए बड़ा झटका था. इसी बीच सुहास ने ठान लिया कि अब उन्हें सिविल सर्विस ज्वाइन करनी है। फिर क्या था सब छोड़छाड़ कर उन्होंने क्कस्ष्ट की तैयारी शुरू की। UPSC की परीक्षा पास करने के बाद उनकी पोस्टिंग आगरा में हुई. फिर जौनपुर, सोनभद्र, आजमगढ़, हाथरस, महाराजगंज, प्रयागराज और गौतमबुद्धनगर के जिलाधिकारी बने। सुहास बड़े अधिकारी बन चुके थे, लेकिन वो इतने पर ही नहीं रुके। जिस खेल को वो पहले शौक के तौर पर खेलते अब धीरे-धीरे उनके लिए जरूरत बन गया था। सुहास अपने दफ्तर की थकान को मिटाने के लिए बैंडमिंटन खेलते थे, लेकिन जब कुछ प्रतियोगिताओं में मेडल आने लगे तो उन्होंने इस प्रोफेशनल तरीके से खेलना शुरू किया. 2016 में उन्होंने इंटरनेशनल मैच खेलना शुरू किया. चाइना में खेले गए बैंडमिंटन टूर्नामेंट में सुहास अपना पहला मैच हार गए थे, लेकिन इस हार के साथ ही उन्हें जीत का फॉर्मूला भी मिल गया और उसके बाद जीत के साथ ये सफर अभी तक लगातार जारी है। UP News

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