लखनऊ के मुक्तेश बने यूपी टॉपर, आल इंडिया में रैंक 36वीं

लखनऊ के मुक्तेश बने यूपी टॉपर, आल इंडिया में रैंक 36वीं
locationभारत
userचेतना मंच
calendar14 Jun 2025 05:13 PM
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Neet Result : नीट यूजी 2025 के परिणाम शनिवार को जारी कर दिए गए, और इस बार उत्तर प्रदेश के छात्रों को मिली जुली सफलता मिली है। देश की टॉप-20 सूची में राज्य का कोई भी छात्र शामिल नहीं हो सका, लेकिन लखनऊ के मुक्तेश यादव ने प्रदेश में पहला स्थान हासिल कर एक मिसाल कायम की है।

661 अंकों के साथ यूपी में पहले स्थान पर

मुक्तेश को कुल 720 में से 661 अंक प्राप्त हुए हैं और उनकी आल इंडिया रैंक 36वीं रही। उनके अलावा यूपी के तीन और छात्रों अनंत चौरसिया (एआईआर 44), आयुष गौतम (एआईआर 53) और तन्मय जग्गा (एआईआर 74) ने टॉप-100 में जगह बनाई है। हालांकि, इस बार भी टॉप-10 या टॉप-20 में यूपी का प्रतिनिधित्व नहीं हो पाया, जो चिंता का विषय है।

3.33 लाख परीक्षार्थियों में 1.70 लाख हुए सफल

प्रदेश में 4 मई को 744 परीक्षा केंद्रों पर नीट-यूजी परीक्षा आयोजित की गई थी, जिसमें 3,33,088 छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। इनमें से 1,70,684 को सफल घोषित किया गया है। अब प्रवेश प्रक्रिया मेरिट और काउंसलिंग के माध्यम से होगी।

महेश केसवानी बने देश के टॉपर, आगरा में की थी तैयारी

इस बार नीट-यूजी में देशभर में पहला स्थान राजस्थान के हनुमानगढ़ के महेश केसवानी को मिला, जिन्होंने 720 में से 686 अंक प्राप्त किए। विशेष बात यह है कि महेश ने तीन साल तक यूपी के आगरा में रहकर परीक्षा की तैयारी की। उनके माता-पिता हनुमानगढ़ के पीलीबंगा में सरकारी शिक्षक हैं।

महिलाओं और आरक्षित वर्ग को नहीं मिला टॉप-20 में स्थान

फीमेल कैटेगरी, एससी और एसटी वर्ग से यूपी का कोई भी छात्र/छात्रा देश की टॉप-20 रैंकिंग में स्थान नहीं बना सका है। यह सामाजिक प्रतिनिधित्व और अकादमिक पहुंच के लिहाज से सोचने का विषय है। अब मेडिकल काउंसलिंग कमेटी द्वारा नीट स्कोर के आधार पर विभिन्न मेडिकल कोर्सेज के लिए काउंसलिंग आयोजित की जाएगी। 15% सीटें अखिल भारतीय कोटा के तहत, जबकि 85% सीटें राज्य कोटा से भरी जाएंगी।

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उत्तर प्रदेश में सियासी भूचाल: SP विधायक की 23 करोड़ की जमीन कुर्क, ढोल बजाकर की गई कार्रवाई

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locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 07:43 AM
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उत्तर प्रदेश के आज़मगढ़ जिले में शुक्रवार को उस समय सियासी गर्मी बढ़ गई जब समाजवादी पार्टी (SP) के विधायक रमाकांत यादव की 23 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति को पुलिस प्रशासन ने कुर्क कर लिया। सबसे हैरानी की बात यह रही कि प्रशासन ने इस कार्रवाई की जानकारी ढोल बजाकर सार्वजनिक की। कुर्क की गई यह जमीन कुल 53 बीघा में फैली हुई है, जिसकी कुल कीमत 23.42 करोड़ रुपये आंकी गई है।

गैंगस्टर एक्ट के तहत हुई बड़ी कार्रवाई

यह कार्रवाई आजमगढ़ पुलिस ने गैंगस्टर एक्ट के तहत की है। रमाकांत यादव इस समय जेल में बंद हैं और उन पर कई गंभीर आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। पुलिस ने बताया कि रमाकांत के खिलाफ कुल 36 आपराधिक मामले दर्ज हैं। इसके अलावा वह 2022 में फूलपुर कोतवाली क्षेत्र में जहरीली शराब के कारण हुई मौतों के मामले में भी नामजद आरोपी हैं। इसी केस के आधार पर उन पर गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की गई।

छह प्लॉट किए गए कुर्क, प्रशासन ने बताया अवैध कमाई से खरीदी गई जमीन

प्रशासन ने कुल छह प्लॉटों को जब्त किया है जो रानी की सराय थाना क्षेत्र के मोहब्बतपुर गांव में स्थित हैं। यह पूरी जमीन रमाकांत यादव के नाम दर्ज है। पुलिस का दावा है कि यह संपत्ति अवैध रूप से अर्जित की गई है और आपराधिक गतिविधियों से हुई कमाई से खरीदी गई थी। कार्रवाई के दौरान पुलिस, प्रशासन और राजस्व विभाग की टीम मौके पर मौजूद रही।

ढोल पीटकर किया गया ऐलान, गांव में चर्चा का विषय बनी कार्रवाई

इस कार्रवाई की जानकारी जब ग्रामीणों को ढोल बजाकर दी गई तो पूरा इलाका चौंक गया। कई लोगों ने इसे एक तरह से प्रशासन का ‘संदेश देने’ का तरीका बताया। ढोल बजाकर कुर्की की सूचना देना आम तौर पर गंभीर मामलों में किया जाता है ताकि लोग जान सकें कि संबंधित व्यक्ति की संपत्ति कानून के दायरे में आ चुकी है।

राजनीतिक हलकों में हलचल, SP खेमे में चिंता

इस कार्रवाई को लेकर राजनीतिक गलियारों में भी चर्चा तेज हो गई है। रमाकांत यादव कभी बीजेपी में भी रह चुके हैं, लेकिन फिलहाल समाजवादी पार्टी के विधायक हैं। विपक्ष ने इस कार्रवाई को राजनीतिक बदले की कार्रवाई कहने से फिलहाल परहेज़ किया है, लेकिन यह साफ है कि रमाकांत यादव की संपत्ति कुर्क होने से सपा खेमे में बेचैनी बढ़ गई है।

फिलहाल जेल में बंद हैं रमाकांत यादव

रमाकांत यादव इन दिनों जेल में बंद हैं। 2022 के जहरीली शराब कांड के बाद उनके खिलाफ कड़ी धाराओं में मुकदमे दर्ज हुए थे। इसके बाद गैंगस्टर एक्ट की कार्रवाई भी शुरू की गई। अब उनकी करोड़ों की संपत्ति जब्त होने से प्रशासन ने यह साफ कर दिया है कि अपराध और राजनीति के गठजोड़ को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उत्तर प्रदेश को पर्यटन का नया हब बनाने पर खर्च होंगे 4560 करोड़
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मुलायम सिंह के करीबी, सपा के स्तंभ छोटे सिंह यादव का निधन, अखिलेश यादव हुए भावुक!

मुलायम सिंह के करीबी, सपा के स्तंभ छोटे सिंह यादव का निधन, अखिलेश यादव हुए भावुक!
locationभारत
userचेतना मंच
calendar14 Jun 2025 12:55 PM
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उत्तर प्रदेश न्यूज: समाजवादी पार्टी के संस्थापक सदस्य और उत्तर प्रदेश की राजनीति के मजबूत स्तंभ रहे छोटे सिंह यादव का शुक्रवार को लखनऊ के मेदांता अस्पताल में लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। वह 1980, 1989 और 1991 में कन्नौज लोकसभा सीट से सांसद चुने गए थे। उनके निधन की जानकारी मिलने के बाद समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं और नेताओं में शोक की लहर दौड़ गई है।

अखिलेश यादव हुए भावुक, दी श्रद्धांजलि

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' (पूर्व में ट्विटर) पर छोटे सिंह यादव के निधन पर गहरी शोक संवेदना व्यक्त की। उन्होंने पोस्ट में लिखा, "सहकारिता आंदोलन के पुरोधा, समाजवादी पार्टी के संस्थापक सदस्य और कन्नौज से कई बार सांसद एवं छिबरामऊ से विधायक रहे श्री छोटे सिंह यादव जी का निधन, अत्यंत दुःखद है। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दें।" साथ ही अखिलेश यादव ने शोक संतप्त परिजनों के प्रति गहरी संवेदना भी प्रकट की। कुछ दिन पहले ही अखिलेश यादव अस्पताल पहुंचे थे और छोटे सिंह यादव से मुलाकात की थी। उन्होंने उनके स्वास्थ्य की जानकारी ली थी और जल्द स्वस्थ होने की कामना की थी। लेकिन शुक्रवार को उनके निधन की खबर ने पूरे सपा परिवार को झकझोर कर रख दिया।

कन्नौज के तीन बार सांसद और छिबरामऊ से विधायक

छोटे सिंह यादव का राजनीतिक सफर प्रेरणादायक रहा। वह कन्नौज जिले के एक साधारण परिवार में जन्मे थे, लेकिन समाजवादी विचारधारा और सहकारिता आंदोलन से जुड़ते हुए वह समाज में एक मजबूत पहचान बना पाए। उन्होंने वर्ष 1980, 1989 और 1991 में कन्नौज लोकसभा सीट से जीत दर्ज की। इसके अलावा वह छिबरामऊ विधानसभा सीट से विधायक भी चुने गए थे।

मुलायम सिंह यादव के बेहद करीबी थे छोटे सिंह यादव

छोटे सिंह यादव को समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव का अत्यंत करीबी माना जाता था। दोनों ने साथ मिलकर समाजवादी आंदोलन को उत्तर प्रदेश के कोने-कोने तक पहुंचाया। सहकारिता क्षेत्र में उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा। उनकी सादगी, मेहनत और जनता से जुड़े रहने की शैली उन्हें आम नेताओं से अलग बनाती थी।

सपा कार्यकर्ताओं में शोक की लहर

छोटे सिंह यादव के निधन की खबर फैलते ही समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं और शुभचिंतकों में गहरा दुख छा गया। पार्टी के लिए उनका योगदान हमेशा स्मरणीय रहेगा। सपा के कई वरिष्ठ नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उन्हें एक सच्चा समाजवादी योद्धा बताया। उत्तर प्रदेश में सियासी भूचाल: SP विधायक की 23 करोड़ की जमीन कुर्क, ढोल बजाकर की गई कार्रवाई