Uttarakhand Budget : सरकार ने पेश किया 77,407.08 करोड़ रुपये का बजट

Deharadun
Government presented a budget of Rs 77,407.08 crore
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 05:37 PM
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गैरसैंण (उत्तराखंड)। उत्तराखंड के वित्त मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल ने बुधवार को राज्य विधानसभा में वित्त वर्ष 2023-24 के लिए 77,407.08 करोड़ रुपये का बजट पेश किया। यह चालू वित्त वर्ष के बजट के मुकाबले 18.05 प्रतिशत अधिक है।

Uttarakhand Budget

बजट में शिक्षा के लिए 10,459 करोड़ रुपये, जोशीमठ भूधंसाव राहत कार्यों के लिए 1,000 करोड़ रुपये तथा 300 मेगावॉट लखवाड परियोजना के लिए 500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। प्रदेश की ग्रीष्मकालीन राजधानी में चल रहे सत्र के दौरान अपना दूसरा बजट पेश करते हुए अग्रवाल ने इस साल उत्तराखंड में होने वाली जी-20 की तीन बैठकों के लिए भी 100 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है।

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बजट में अगले वित्त वर्ष में 57,057 करोड रुपये की राजस्व प्राप्ति का अनुमान लगाया गया है। जबकि चालू वित्त वर्ष में राजस्व प्राप्ति 51,474 करोड़ रुपये रहने की संभावना है। बजट में कुल व्यय 77,407.08 करोड़ रुपये अनुमानित है, जो पिछली बार के मुकाबले 18.05 फीसदी अधिक है। इस बार प्रदेश में राजस्व अधिशेष बजट पेश किया गया है, जो 4,309 करोड़ रुपये है। बजट में राजकोषीय घाटा 9,046 करोड़ रुपये रहने का अनुमान रखा गया है।

Uttarakhand Budget

बजट में टैक्स के अलावा अन्य स्रोतों से राजस्व 25,654 करोड़ रुपये अनुमानित है, जबकि 13,133 करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय का प्रावधान किया गया है। शिक्षा क्षेत्र को राज्य सरकार की प्राथमिकता बताते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि इसके लिए बजट में 10,459.55 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इसमें उत्कृष्ट संकुल विद्यालय के लिए 51 करोड़ रुपये का प्रावधान शामिल है। पर्यटन उद्योग को बढावा देने के लिए बजट में 302.04 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, जिसमें टिहरी झील के विकास के लिए 15 करोड़, पर्यटन अवस्थापना के लिए 60 करोड़ और आगामी चारधाम यात्रा की सुख-सुविधाओं के लिए 10 करोड़ की धनराशि रखी गयी है।

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बजट में उद्योग विभाग के लिए 461.31 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, जिसमें कार्यबल विकास के लिए 100 करोड़ रुपये दिए गए हैं। स्वास्थ्य विभाग के लिए 4,217.87 करोड़ का प्रावधान किया गया है। ऊर्जा विभाग के लिए 1,251.33 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, जिसमें 300 मेगावॉट बहुउददेशीय लखवाड परियोजना के लिए 500 करोड़ रुपये रखे गए हैं। जबकि देहरादून की बढती पेयजल मांग को देखते हुए सौंग नदी पर बांध निर्माण योजना के लिए 110 करोड़ रुपये आवंटित किये गये हैं। जोशीमठ तथा अन्य स्थानों में भूधंसाव या ऐसी ही अन्य समस्याओं के लिए राहत कार्यों हेतु 1,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। जी-20 सम्मेलन की बैठकों के लिए 100 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, जबकि राज्य के विभिन्न विभागों के अवस्थापना कार्य हेतु 1,300 करोड़ रुपये दिए गए हैं। बजट में किसानों के अवशेष गन्ना मूल्य भुगतान हेतु 215 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इसके अतिरिक्त कृषि विभाग के लिए 1,294.15 करोड़ रुपये आवंटित किये गये हैं। करीब एक घंटे के अपने बजट भाषण की शुरूआत अग्रवाल ने गढ़वाली भाषा से की। देश विदेशकी खबरों से अपडेट रहने लिएचेतना मंचके साथ जुड़े रहें। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।
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Badrinath Yatra : अब बदरीनाथ जाने वाले हैलीकॉप्टरों से ​वसूला जाएगा ईको-विकास शुल्क

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Badrinath Yatra
locationभारत
userचेतना मंच
calendar12 Mar 2023 10:58 PM
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Badrinath Yatra : गोपेश्वर। इस साल बदरीनाथ जाने वाले व्यवसायिक हेलिकॉप्टरों से ईको- विकास शुल्क लिया जायेगा। यह शुल्क बदरीनाथ नगर पंचायत हेलिकॉप्टर के हर फेरे से वसूल करेगी। बदरीनाथ नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी सुनील पुरोहित ने 'पीटीआई-भाषा' को बताया कि इसके लिए नियमों को संशोधित किया जा रहा है।

Badrinath Yatra

इसके साथ ही वाहन से आने वाले यात्रियों को अपना कूड़ा साथ में वापस लाने के लिए 'गार्बेज बैग' भी उपलब्ध कराए जाएंगे । जो वाहन इन ‘गार्बेज बैगों’ को नगर पंचायत को लौटाएंगे, उन्हें शुल्क के लिए काटे गए धन से बीस रुपये वापस किए जाएंगे।

पुरोहित ने बताया कि बदरीनाथ जाने वाले हेलिकॉप्टरों से हर व्यावसायिक फेरे से एक हजार रुपये की राशि ईको विकास शुल्क के रूप में ली जाएगी। इसके लिए नगर पंचायत ने अपने नियमों को संशोधित करने की कार्रवाई शुरू कर दी है ।

उन्होंने बताया कि बदरीनाथ नगर पंचायत की ओर से ईको विकास शुल्क का संग्रह तीन साल पहले 2020 में शुरू किया गया था जिसके तहत बदरीनाथ जाने वाले यात्रियों के वाहनों से अलग अलग श्रेणी में ईको शुल्क लिया जा रहा था।

पुरोहित ने बताया कि इस साल से जहां सड़क मार्ग से आने वाले यात्रियों के वाहनों से पूर्व में लिए जा रहे ईको शुल्क में 20 रुपये की बढोत्तरी कर दी गयी है वहीं हेलीकॉप्टरों से भी एक हजार रुपए शुल्क लेने का निर्णय लिया गया है।

उन्होंने बताया कि वाहनों से अतिरिक्त रूप से लिए जाने वाले यह बीस रुपए रिफंडेबल होंगे जो वापसी में चैक पोस्ट पर कूड़े का बैग लौटाने पर यात्रियों को वापस कर दिए जाएंगे।

अधिकारी ने बताया कि गार्बेज बैग देने का मकसद वाहनों के कारण बद्रीनाथ में फैलने वाली गंदगी को नियंत्रित करना और कूड़ा फैलाने की प्रवृत्ति पर रोक लगाना है।

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Uttrakhand : बेटियों ने तोड़ी रूढ़िवादिता, दिवंगत पिता को दिया कंधा, दी मुखाग्नि

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Uttrakhand News
locationभारत
userचेतना मंच
calendar11 Mar 2023 12:06 AM
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Uttrakhand News: अल्मोडा (उत्तराखंड): कहते हैं कि बेटियां पिता की लाडली होती है। ऐसे में अगर वही बेटियां अपने पिता की अर्थी को कंधा दे तो आसमां भी रो पड़ता है। लेकिन ऐसा हुआ है। वर्षों से चली आ रही रूढ़िवादी परपंरा को तोड़ते हुए उत्तराखंड के अल्मोड़ा में तीन बेटियों ने अपने पिता की अर्थी को कंधा देकर सबको रूला दिया। इसके बाद बाद श्मशान घाट पर चिता को मुखाग्नि भी दी। पूरा नजारा देख हर किसी की आंख नम हो गई।

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जानकारी के अनुसार, अल्मोड़ा के रानीधारा निवासी एसबीआई से प्रबंधक पद से रिटायर्ड हुए बसंत बल्लभ पांडे की 85 वर्ष की उम्र में निधन हो गया था। बताया जा रहा है कि उनके पुत्र अधिवक्ता और पत्रकार दिनेश पांडे का कुछ समय पहले निधन हो गया था। ऐसे में कंधा देने और चिता का मुखाग्नि देने की बात आयी तो उनकी तीनों बेटियां सुनीता, भावना और भारती आगे आयी। तीनों बहनों ने अपने दिवंगत पिता की अर्थी को कंधा दिया।

पिता की चिता को मुखाग्नि दी

शव यात्रा के साथ तीनों बहनें विश्वनाथ श्मशान घाट पहुंचीं और पिता की चिता को मुखाग्नि दी। इन बेटियों वर्षों से चली आ रही रूढ़िवादी सोच को तोड़ा है। सुनीता पांडे ने कहा कि बेटियां भी किसी से कम नहीं होती हैं। उन्होंने अपने पिता का अंतिम संस्कार कर फर्ज निभाया है। बेटियों के आगे आने से समाज की रूढ़िवादी सोच आने वाले समय में खत्म होगी।

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