Saturday, 22 February 2025

दिल्ली चुनाव में ओवैसी ने आखिर किसे फिरौन कहा, सब हैरान

Delhi Election : अब दिल्ली में होने जा रहे विधानसभा चुनाव प्रचार का यह आखिरी चरण चल रहा है। आने…

दिल्ली चुनाव में ओवैसी ने आखिर किसे फिरौन कहा, सब हैरान

Delhi Election : अब दिल्ली में होने जा रहे विधानसभा चुनाव प्रचार का यह आखिरी चरण चल रहा है। आने वाले सोमवार शाम तक दिल्ली चुनाव प्रचार का शोर थम जाएगा। ऐसे में सभी पार्टियां सियासी माहौल बनाने की जी तोड़ कोशिश कर रहे हैं, तरह तरह के दांव चले जा रहे हैं। एक ओर जहां आप और भाजपा के बीच लड़ाई चल रही है, वहीं कांग्रेस इसे त्रिकोणीय मुकाबला बना रही है। ऐसे में मुस्लिमों के सहारे दिल्ली की सियासत में जगह बनाने के लिए बेताब असदुद्दीन ओवैसी ने दिल्ली दंगे के दो आरोपियों को चुनाव मैदान में उतारकर इसे रोचक बना दिया है। दिल्ली के मुस्लिम सेंटिमेंट्स को भुनाने और उनके विश्वास को जीतने के लिए ओवैसी ने इस्लामिक हिस्ट्री के नायक और खलनायक की एंट्री करा दी है। अब देखना है ओवैसी का यह दांव कितना कारगर साबित होता है।

ओवैसी ने भी सियासत की चौसर बिछाई

दिल्ली चुनाव में पार्टियां अपना सब कुछ दांव पर लगा रही हैं। आप, भाजपा और कांग्रेस ने अपने अपने घोषणा पत्र में तरह तरह के लोक लुभावन वादे किए हैं। इस चुनाव में बीजेपी और आम आदमी पार्टी के बीच लड़ाई सीधी होती नजर आ रही है, लेकिन कांग्रेस उसे त्रिकोणीय बनाने में जुटी है। इन सब से अलहदा असदुद्दीन ओवैसी ने दिल्ली के मुस्लिम इलाके की दो सीटों पर अपने प्रत्याशी को उतारकर मुकाबले को रोचक बना दिया है। ओवैसी ने मुस्तफाबाद सीट से ताहिर हुसैन और ओखला सीट से शिफाउर रहमान को उम्मीदवार बनाया है। ये दोनों दिल्ली दंगे के आरोपी हैं। चुनाव प्रचार के लिए अदालत से कस्टडी पैरोल मिली है। देखना है ओवैसी की सियासत दिल्ली में क्या गुल खिलाती है।

ओवैसी ने एक खास समुदाय को निशाना बनाने की बात कही

मंगलवार को मुस्तफाबाद में असदुद्दीन ओवैसी ने अपनी पार्टी के उम्मीदवार ताहिर हुसैन के समर्थन में रैली की। इस दौरान अरविंद केजरीवाल और पीएम मोदी पर जमकर हमले किए। उन्होंने कहा कि आप जानते हैं कि केंद्र में बीजेपी की सरकार है और नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री हैं। दिल्ली में अरविंद केजरीवाल की सरकार है। लोग मुझसे आकर कहते हैं कि यह कैसा शासन है जहां पर हम लोगों पर जुल्म और दबाव डाला जाता है और एक खास समुदाय को निशाना बनाया जाता है। अगर आप को इनसे बचना है तो हमारे पार्टी के प्रत्याशियों को विजयी बनाएं।

फिरौन (मिस्र का एक अत्याचारी) को हराना चाहते हैं तो मूसा का साथ दें

ओवैसी ने कहा कि हम खामोश नहीं रह सकते। 5 फरवरी को आपको यह तय करना है कि हमें नफरत करने वालों के साथ क्या करना है, लेकिन वोट किसे देना है, यह सवाल बना रहता है। अगर वो हमसे नफरत करते हैं तो क्या उनके साथ मिलकर हमें अपने हक के लिए लड़ना चाहिए? यही समय है और 5 फरवरी को आपको यह निर्णय लेना है। उन्होंने कहा कि अगर फिरौन (मिस्र का एक अत्याचारी) को हराना चाहते हैं तो मूसा (पैगंबर) का साथ देना होगा। मुस्तफाबाद विधानसभा सीट पर चुनाव प्रचार करते हुए असदुद्दीन ओवैसी ने फिरौन और मूसा का जिक्र किया, लेकिन दिल्ली के किसी नेता का नाम नहीं लिया। हालांकि, उनका इशारा कहीं न कहीं बीजेपी और आदमी पार्टी की तरफ था। ओवैसी ने कहा अगर आप यह बताना चाहते हैं कि हम ताहिर हुसैन को एंटी नेशनल नहीं मानते, तो यह समय है उनका साथ देने का। हम इस बात को साबित करेंगे कि ताहिर हुसैन न तो सांप्रदायिक हंै, न ही वह किसी गलत चीज का हिस्सा है। Delhi Election

कौन थे फिरौन और मूसा

दरअसल, इस्लाम में हजरत मूसा भी मोहम्मद साहब की तरह ही नबी हैं, जिन्होंने खुदा के मैसेंजर के तौर पर दुनिया में जन्म लिया था। इस्लाम के अनुसार फिरौन प्राचीन मिस्र के शासक था, जो लोगों पर जुल्म और ज्यादतियां करता था। हजरत मूसा का जन्म हुआ तो फिरौन ने फैसला किया था कि सभी नर बच्चों को मार दिया जाना चाहिए ताकि वो बड़े होकर उससे लड़ने के लिए तैयार न हो सकें।
मूसा की मां डर गई और उसने अपने बच्चे को फिरौन से बचाने के लिए 3 महीने तक छिपाने की कोशिश की। उसे डर था कि वह उसे ज्यादा समय तक फिरौन से नहीं छिपा पाएगी। इसलिए उसने उसे नील नदी के किनारे एक टोकरी में रख कर छोड़ दिया, इस उम्मीद में कि ईश्वर की शक्ति उसे बचा लेगी। मूसा नदी में बहता हुआ उस जगह पर पहुंचा, जहां फिरौन की बेटी नहा रही थी। उसने उसे बचाया और उसका नाम मूसा रखा, जो बाद में पैंगबर बने। Delhi Election

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