Saturday, 22 February 2025

चंडीगढ़ मेयर चुनाव में बीजेपी की जीत, विपक्ष के 3 पार्षदों ने की क्रॉस वोटिंग

Mayor Election : बीजेपी की जीत में जब उसके विरोधी विपक्ष ने ही ऐसी भूमिका निभाई की बीजेपी का प्रत्याशी…

चंडीगढ़ मेयर चुनाव में बीजेपी की जीत, विपक्ष के 3 पार्षदों ने की क्रॉस वोटिंग

Mayor Election : बीजेपी की जीत में जब उसके विरोधी विपक्ष ने ही ऐसी भूमिका निभाई की बीजेपी का प्रत्याशी जीत गया। चंडीगढ़ मेयर चुनाव में विपक्षी के क्रास वोटिंग के कारण बड़ा उलटफेर देखने को मिला है। सही बात ये है कि विपक्ष के दम पर बीजेपी की हरप्रीत कौर बबला चुनाव जीत गई हैं। जानकारी के मुताबिक, आम आदमी पार्टी या कांग्रेस के पार्षदों ने बीजेपी के लिए क्रॉस वोट किया। बीजेपी के पक्ष में 19 वोट पड़े जबकि कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के पक्ष में 17 वोट। सभी 35 पार्षदों और एक सांसद ने अपने मत का प्रयोग किया। अगर क्रास वोटिंग न होती तो बीजेपी प्रत्याशी का जीतना असंभव था।

क्रास वोटिंग के सहारे बीजेपी का मेयर चुनाव जीता

चुनाव में सीक्रेट बैलेट का फायदा उठाते हुए कांग्रेस और आप के भीतर घातियों ने अपनी पार्टी से गद््दारी करते हुए सख्याबल में कम होने के बावजूद क्रास वोटिंग करके बीजेपी के मेयर को चुनाव जितवा दिया। कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के तीन पार्षदों ने बीजेपी के पक्ष में क्रॉस वोट किया है लेकिन सीक्रेट बैलेट से मतदान होने की वजह से अभी किसने क्रॉस वोट किया ये क्लियर नहीं है। 16 पार्षद वाली बीजेपी अपना मेयर बनवाने में कामयाब रही। कांग्रेस सांसद का एक वोट, कांग्रेस के 6 वोट और आम आदमी पार्टी के 13 वोट होने के बावजूद आम आदमी पार्टी और कांग्रेस गठबंधन मेयर चुनाव हार गया। इस हार से आप और कांग्रेस दोनों ही हतप्रभ रह गए।

कौन हैं हरप्रीत कौर बबला

हरप्रीत कौर बबला सेना से रिटायर्ड कर्नल की बेटी हैं। उनके पति देविंदर सिंह पूर्व पार्षद रह चुके हैं। इस चुनाव में हरप्रीत कौर बबला का सामना आम आदमी पार्टी की प्रेम लता से था। प्रेम लता भारतीय वायुसेना से रिटायर अधिकारी की पत्नी हैं। वह फिलहाल एक सरकारी स्कूल में इंग्लिश की टीचर हैं।

वोटिंग से ठीक पहले कुलदीप कुमार को मिली जमानत

भ्रष्टाचार में गिरफ्तार चंडीगढ़ के सीटिंग मेयर कुलदीप कुमार ने गिरफ्तारी से बचने के लिए अग्रिम जमानत और मेयर चुनाव के दौरान वोट करने की हाई कोर्ट से अनुमति मांगी थी। उसके बाद मेयर चुनाव के लिए वोटिंग से पहले चंडीगढ़ के सिटिंग मेयर कुलदीप कुमार को बड़ी राहत मिली थी। भ्रष्टाचार के आरोपों के मामले में पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने उन्हें अंतरिम जमानत दी। इसके बाद उन्होंने इस चुनाव में अपना वोट डाला। निश्चित तौर पर उनका जमानत पर बाहर रहना बीजेपी प्रत्याशी के जीत का एक कारण जरूर है।

कुलदीप कुमार और उनके साले राहुल पर भ्रष्टाचार का केस

रवि नाम के एक शख्स ने चंडीगढ़ क्राइम ब्रांच में भ्रष्टाचार की शिकायत दर्ज कराई थी। जिसके बाद चुनाव से कुछ घंटे पहले कुलदीप कुमार और उनके साले राहुल पर भ्रष्टाचार का केस दर्ज किया गया है। चंडीगढ़ क्राइम ब्रांच ने दोनों पर सफाईकर्मी की नौकरी लगवाने के नाम पर एक व्यक्ति से 75 हजार रुपये लेने के आरोप में केस दर्ज किया है। जांच के बाद सबूतों के आधार पर एफआईआर दर्ज की गई थी। लेकिन चुनाव के ठीक पहले जमानत मिलने के कारण उसने मेयर चुनाव में वोटिंग की और बीजेपी का मेयर चुनाव जीत गया।

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