Uttar Pradesh Politics: समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने 2024 का लोकसभा चुनाव कन्नौज सीट से लड़ने के संकेत दिये हैं। गुरुवार को संवाददाताओं के सवालों के जवाब में कहा कि क्यों, क्या करेंगे खाली बैठकर? हमारा तो काम ही है चुनाव लड़ना। जहां हम पहला चुनाव लड़े थे, वहां फिर से चुनाव लड़ेंगे।
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उनसे संवाददाताओं ने पूछा था कि कन्नौज से पहले सांसद रहीं डिम्पल यादव अब मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव लड़ रही हैं, ऐसे में क्या 2024 में वह खुद कन्नौज से लड़ेंगे। सपा अध्यक्ष पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष सुनील कुमार गुप्ता के पुत्र के तिलक समारोह में शिरकत करने आये थे।
यादव ने यह भी कहा कि कन्नौज उनकी कर्मभूमि है और कन्नौज के लोगों ने उन्हें तीन बार सांसद के रूप में चुना है। उन्होंने कहा कि यहां की जनता ने मुझे हमेशा स्नेह और प्यार दिया है इसलिए मैं कन्नौज को कभी नहीं छोड़ सकता।
यह पूछे जाने पर कि पांच दिसंबर को होने वाले उपचुनाव में उन्होंने अपनी पत्नी डिंपल यादव को मैनपुरी से क्यों उतारा, जबकि वह पहले कन्नौज से चुनाव लड़ी थीं, सपा प्रमुख ने कहा कि 024 में फिर से चुनाव हैं।
यादव की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए, भाजपा के कन्नौज सांसद सुब्रत पाठक ने कहा कि कन्नौज से चुनाव लड़ने के लिए उनका स्वागत है। 2024 के चुनाव में, भाजपा उत्तर प्रदेश की सभी 80 सीटों पर जीत हासिल करेगी और सपा के सभी उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो जाएगी। पाठक ने कहा कि नेताजी के निधन के बाद सपा के सामने अस्तित्व की लड़ाई लड़ने की चुनौती है और यादव के बयान को इसी संदर्भ में देखा जा सकता है।
उन्होंने कहा कि लोगों को योगी आदित्यनाथ और नरेंद्र मोदी पर भरोसा है। उपचुनाव के नतीजों के बाद सपा एक बार फिर ईवीएम को दोष देगी। हमारे पास मैनपुरी से सपा के कई लोग संपर्क में हैं और जब भी हम कहेंगे, वे भाजपा में शामिल हो जाएंगे। फिलहाल यादव करहल सीट से विधायक हैं। गौरतलब है कि उन्होंने जनप्रतिनिधि के तौर पर अपना सफर वर्ष 2000 में कन्नौज लोकसभा सीट से ही शुरू किया था। उस वर्ष इस लोकभा सीट पर उपचुनाव में जीत हासिल कर वह पहली बार सांसद बने थे। उसके बाद 2004 और 2009 में भी वह कन्नौज से ही सांसद चुने गये थे। वर्ष 2012 में उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था।
कन्नौज में पांच विधानसभा क्षेत्र हैं- कन्नौज, छिबरामऊ, तिर्वा, बिधूना और रसूलाबाद। उत्तर प्रदेश में 2022 के विधानसभा चुनाव में सभी पांचों पर भाजपा का कब्जा हुआ।
आपको बता दें कि वर्ष 2012 में ही कन्नौज लोकसभा उपचुनाव में यादव की पत्नी डिम्पल यादव ने जीत हासिल की थी। वह 2014 के आम चुनाव में भी कन्नौज से सांसद चुनी गयी थीं। हालांकि 2019 के लोकसभा चुनाव में डिम्पल को भाजपा के सुब्रत पाठक के हाथों पराजय का सामना करना पड़ा था। डिम्पल को अब सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के निधन के कारण रिक्त हुई मैनपुरी लोकसभा सीट के उपचुनाव में पार्टी का उम्मीदवार बनाया गया है। इसी उपचुनाव के लिये मतदान आगामी पांच दिसंबर को होगा।
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