Adani case : केंद्र सरकार सीलबंद लिफाफे में सुप्रीम कोर्ट को क्या देना चाहती है ?

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Adani case
locationभारत
userचेतना मंच
calendar14 Feb 2023 12:52 AM
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Adani case : नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि शेयर बाजार के लिए नियामकीय तंत्र को मजबूत करने के लिए विशेषज्ञों की समिति गठित करने प्रस्ताव को लेकर उसे कोई आपत्ति नहीं है। सुप्रीम कोर्ट हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट आने के बाद अडाणी समूह के शेयरों में गिरावट के मामले की सुनवाई कर रहा था।

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केंद्र सरकार ने हालांकि मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डी. वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ को बताया कि व्यापक हित को देखते हुए वह सीलबंद लिफाफे में समिति के लिए विशेषज्ञों के नाम और उसके कार्यक्षेत्र की जानकारी देना चाहती है।

केंद्र सरकार और सेबी की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि बाजार नियामक और अन्य वैधानिक इकाइयां हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट आने के बाद उपजी परिस्थितियों से निपटने के लिए तैयार हैं।

उन्होंने कहा कि सरकार को समिति बनाने में कोई आपत्ति नहीं है। लेकिन विशेषज्ञों के नामों का सुझाव हम दे सकते हैं। हम सीलबंद लिफाफे में नाम सुझा सकते हैं।

मेहता ने आशंका जताई कि पैनल की स्थापना पर किसी भी ‘अनजाने’ संदेश का धन प्रवाह पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।

शीर्ष अदालत ने निवेशकों को नुकसान पहुंचाने और अडाणी समूह के शेयरों को कृत्रिम तरीके से गिराने संबंधी दो जनहित याचिकाओं (पीआईएल) की शुक्रवार सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया है।

उच्चतम न्यायालय ने अडाणी समूह के शेयर बाजारों में गिरावट की पृष्ठभूमि में 10 फरवरी को कहा था कि भारतीय निवेशकों के हितों की रक्षा की जरूरत है। न्यायालय ने केंद्र सरकार से पूर्व न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक विशेषज्ञ समिति गठित कर नियामकीय तंत्र को मजबूत करने के लिए विचार करने के लिए कहा था।

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Business News : डाक निर्यात केंद्रों से छोटे व्यापारियों को बढ़ावा मिलेगा : सचिव

Vineet pandey
Postal export centers will give a boost to small traders: Secretary
locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 04:38 AM
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विनीत पांडेय ने कहा कि अपने कम लागत के ढांचे और सुगम प्रक्रिया के जरिये डाक घर छोटे और मझोले कारोबारियों के लिए उपयुक्त है। पांडेय ने कहा कि विभाग एक व्यापक योजना बना रहा है, जिससे अपने नेटवर्क को ‘एक जिला एक उत्पाद’ (ओडीओपी), छोटे कारोबारियों तथा पूर्वोत्तर राज्यों के लिए उपयोगी बना सके। नई दिल्ली। डाक घर निर्यात केंद्रों से छोटे व्यापारियों को प्रोत्साहन मिलेगा। इससे देश के निर्यात को बढ़ाने में मदद मिलेगी। डाक विभाग में सचिव विनीत पांडेय ने सोमवार को यह बात कही।

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विनीत पांडेय ने कहा कि अपने कम लागत के ढांचे और सुगम प्रक्रिया के जरिये डाक घर छोटे और मझोले कारोबारियों के लिए उपयुक्त है। पांडेय ने कहा कि विभाग एक व्यापक योजना बना रहा है, जिससे अपने नेटवर्क को ‘एक जिला एक उत्पाद’ (ओडीओपी), छोटे कारोबारियों तथा पूर्वोत्तर राज्यों के लिए उपयोगी बना सके। उन्होंने यहां भारतीय डाक- अमृतपेक्स-2023 द्वारा आयोजित कार्यक्रम में कहा कि डाक निर्यात केंद्रों से छोटे कारोबारियों को बढ़ावा मिलेगा।

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इसी कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग (डीपीआईआईटी) में सचिव अनुराग जैन ने कहा कि सरकार भौगोलिक संकेतक (जीआई) वाले उत्पादों को बढ़ावा दे रही है। देश विदेशकी खबरों से अपडेट रहने लिएचेतना मंचके साथ जुड़े रहें। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।
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‘‘सुपरहिट’’ साबित हुआ योगी का निवेशक मेला, हकीकत में बदलने की चुनौती

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UPGIS 2023
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 05:34 PM
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UPGIS 2023 : विशेष संवाददाता UPGIS 2023 : लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में तीन दिन तक सीएम योगी की अगुवाई में चला निवेशकों का मेला ‘‘सुपरहिट’’ साबित हुआ है। यूपी ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट (UP Global Investors Summit) के नाम से हुए इस मेगा शो के बाद विश्लेषकों ने कहा है कि 33.50 लाख करोड़ रूपए के निवेश के प्रस्तावों को जमीन पर उतारना योगी सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती है।

UPGIS 2023

सर्वविदित है कि महीनों के प्रचार-प्रसार के बाद लखनऊ में आयोजित यूपी ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट कल 12 फरवरी 2023 को सम्पन्न हो गया। उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मानें तो इस आयोजन में दुनिया भर के निवेशकों ने यूपी में 33.50 लाख करोड़ रूपए निवेश करने के अलग-अलग करार किए हैं। इतनी बड़ी धनराशि के करार होने को ऐतिहासिक उपलब्धि माना जा रहा है। इस लिहाज से सीएम योगी का यह मेगा शो ‘‘सुपरहिट’’ शो साबित हुआ है। समिट सम्पन्न होते ही इस विषय पर विश्लेषण भी शुरू हो गए हैं।

अधिकतर विश्लेषकों का मत है कि वास्तव में यूपी ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट बेहद सफल रहा है। इतने बड़े पैमाने पर निवेश के प्रस्ताव मिलना न केवल उत्तर प्रदेश के लिए बल्कि पूरे देश के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। विश्लेषकों का साफ मत है कि योगी सरकार व उनकी प्रशासनिक मशीनरी की असली परीक्षा तो अब शुरू होगी। निवेश के इन भारी भरकम प्रस्तावों को जमीन पर अमली जामा पहनाना बहुत बड़ी चुनौती है। यदि प्रशासनिक तंत्र इस चुनौती को पूरा करने में सफल हो गया तो यह निवेश उत्तर प्रदेश की दिशा और दशा दोनों को बदल देगा।

यह पहला मौका है जब उत्तर प्रदेश के सभी जिलों को निवेश का कोई न कोई प्रस्ताव मिला है। पिछड़ेपन का शिकार रहे पूर्वी उत्तर प्रदेश को ही ले लें तो इस क्षेत्र के लिए 9.54 लाख करोड़ तथा अनेक दुश्वारियों से ग्रसित बुंदेलखंड क्षेत्र के लिए 4.28 लाख करोड़ निवेश के प्रस्ताव सरकार के पास आए हैं। यह दावा किया जा रहा है कि निवेश के सारे प्रस्ताव जमीनी हकीकत में बदल गए तो प्रदेश में 93 लाख बेरोजगारों को रोजगार मिल जाएगा।

सब जानते हैं कि यूपी की नौकरशाही भाई-भतीजावाद व भ्रष्टाचार जैसी अनेक समस्याओं से त्रस्त रही है। ऐसे में उत्तर प्रदेश की दशा व दिशा बदलने वाले 33 लाख करोड़ रूपए के निवेश के प्रस्तावों को हकीकत में कैसे बदला जाएगा, यह बड़ा सवाल सभी के सामने है। यह देखना बेहद दिलचस्प होगा कि ‘‘सुपरहिट’’ शो के कारण उत्साह से लबरेज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इन प्रस्तावों को हकीकत बनाने व बनवाने में क्या रणनीति अपनाते हैं।

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