Free Medical Facility: सरकारी कर्मचारियों को यूपी सरकार देगी खुशखबरी, शानदार सुविधा का इस महीने से मिलेगा लाभ

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Picture Source: Hindustan Times
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 12:16 PM
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नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश (Free Medical Facility) की सरकार 2.0 इस बार करीब 22 लाख सरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों को इस महीने में काफी बड़ी सुविधा देने की तैयारी कर चुकी है। उनके परिवारों को देखा जाए तो इसी महीने से कैशलेस इलाज मिलने जा रहा है। इसका फायदा पाने वालों की बात करें तो संख्या तकरीबन एक करोड़ कर्मचारियों को होने जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग ने इसकी तैयारी पूरी करना शुरु कर दिया है। विभागीय अधिकारियों (Free Medical Facility) में यूपी ऐसा करने वाला पहला राज्य होने वाला है। योजना के शुभारंभ के लिए बस मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इशारे का इंतजार हो रहा है। योगी सरकार द्वारा अपने पहले होने वाले कार्यकाल में राज्य कर्मचारियों और पेंशनरों को कैशलेस इलाज की सुविधा देने का वादा कर दिया था जिसका लोगों का काफी से इंतजार है। जनवरी में राज्य कैबिनेट ने इस प्रस्ताव को हरी झंडी मिल गई थी। मगर इसके अमल में आने से पहले देखा जाए तो चुनाव प्रक्रिया शुरू कर दी गई। स्वास्थ्य विभाग द्वारा बात की जाए तो अपने सौ दिन के एजेंडे में शामिल किया जा चुका है। सभी कर्मचारियों का स्टेट हेल्थ कार्ड बना दिया जाएगा, जिसकी मदद से कैशलेस इलाज की सुविधा का फायदा ले सकते हैं।

सरकारी अस्पतालों में खर्च की नहीं होगी सीमा

नई व्यवस्था में राज्य कर्मचारी और पेंशनर या उनके परिवार के लोग भी निजी अस्पतालों में भी पांच लाख रुपये तक का इलाज करवा सकते हैं। वहीं सरकारी संस्थानों में खर्च की कोई समयसीमा नहीं रखी गई है। इसके अलावा सरकार पहले भुगतान करने के बाद रिंबर्समेंट लेने की पुरानी व्यवस्था भी खत्म नहीं करने जा रही है।

चक्कर काटने की नहीं होगी जरुरत

नई व्यवस्था की मदद से कर्मचारियों और पेंशनरों को सरकारी अस्पतालों, विभाग और सीएमओ के चक्कर काटने से एकदम चिंता मुक्त हो जाएंगे। कई महंगी जांचें और बीमारियों का इलाज को लेकर भी अब आयुष्मान योजना की जद में आने से लोगों को बड़ी सुविधा मिलने जा रही है।
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Health : 'चीकू' खाओ सेहत बनाओ!

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locationभारत
userचेतना मंच
calendar13 May 2022 04:39 PM
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 विनय संकोची Health : 'चीकू' (Chikoo) को कुछ लोग बहुत शौक से खाते हैं, लेकिन कुछ लोग इस भ्रम में जीते हैं कि चीकू तो बीमारों के लिए होता है। ऐसा सोचने वाले लोग नहीं जानते कि बेहद स्वादिष्ट फल चीकू स्वास्थ्य के लिए बहुत अधिक लाभदायक होता है। चीकू का नियमित सेवन करने वाले लोगों के पास अनेक रोग तो फटकते तक नहीं हैं। चीकू जितना स्वादिष्ट है, उससे भी कहीं ज्यादा पौष्टिक होता है। ठंडी तासीर वाले चीकू को अंग्रेजी में से सैपोडिला, उड़िया में सोपातो, मराठी में चिकाली या चिक्कु, कन्नड़, तमिल और बांग्ला में सपोटा और तेलुगु में सापोतसीमा कहा जाता है। हिंदू, उर्दू, कोंकणी और गुजराती में इसी चीकू ही कहते हैं। चीकू तो सेहत का खजाना है ही, इसके पत्ते, तना और बीज में भी कम पोषक तत्व नहीं पाए जाते हैं। चीकू में सोडियम(Sodium), पोटेशियम(Potassium), मैग्नीशियम(Magnesium), जिंक(Zinc), कॉपर(Copper), प्रोटीन(Protein), फाइबर(Fiber), फास्फोरस(Phosphorus), आयरन(Iron), कैल्शियम(Calcium), विटामिन-ए(Vitamin-A), विटामिन-सी(Vitamin-C) , नियासिन (Niacin) आदि पोषक तत्व पाए जाते हैं। चीकू का सेवन मिल्क शेक, स्वीट सौस, चाट और हलवे के रूप में किया जा सकता है। चीकू साधारण बुखार से लेकर कैंसर जैसी घातक जानलेवा बीमारी तक तमाम रोगों के निवारण में सहायता कर सकता है। आइए जानते हैं चीकू के गुण व उपयोग के बारे में - • चीकू में प्रचुर मात्रा में विटामिन और मिनरल्स हैं, जो मस्तिष्क को ऊर्जा प्रदान करते हैं। इस ऊर्जा से दिमाग की थकावट दूर हो जाती है। थकावट दूर हो जाती है, तो दिमाग तनाव रहित और शांत रहता है। • चीकू के सेवन से शरीर का मेटाबॉलिज्म नियंत्रित रहता है, जिससे वजन कम करने में सहायता मिलती है। जो लोग वजन बढ़ने से परेशान हैं, उन्हें चीकू को अपनी डाइट में शामिल करना चाहिए। • चीकू का सेवन आंखों के लिए भी लाभदायक होता है। चीकू में विटामिन-ए प्रचुर मात्रा में पाया जाता है, जो आंखों को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करता है। अधिक आयु वर्ग के लोगों को चीकू के सेवन से आंखों के परेशानी में राहत मिल सकती है। • चीकू कैंसर के खतरे से भी बचाने का काम करता है। चीकू में विटामिन-ए और विटामिन-बी के साथ एंटीऑक्सीडेंट, फाइबर व अन्य अनेक पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो कैंसर कोशिकाओं को बनने से रोकते हैं। विटामिन-ए फेफड़ों और मुंह के कैंसर से बचाता है। • चीकू मूत्रवर्धक है। यह शरीर से पेशाब द्वारा गंदगी को निकालने का कार्य बखूबी करता है। • चीकू में एंटी ऑक्सीडेंट पाए जाते हैं, यही कारण है कि यह उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को रोकने में सहायक है। चीकू फ्री रेडिकल्स को समाप्त कर देता है और झुर्रियों को कम करता है। इसका यही एंटी एजिंग गुण इसे विशेष बनाता है। • चीकू में विटामिन-ई पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है, जो त्वचा को नमी प्रदान करता है। जिससे त्वचा स्वस्थ और सुंदर बनती है। त्वचा के स्वास्थ्य के लिए चीकू आदर्श फल है। • चीकू फल के बीज को पीसकर सेवन करने से गुर्दे की पथरी पेशाब के रास्ते बाहर निकल जाती है। चीकू खाने से गुर्दे के अन्य रोगों से भी बचाव होता है। • चीकू के सेवन से श्वसन तंत्र से कफ और बलगम निकल जाते हैं, जिससे पुरानी खांसी में बहुत राहत मिलती है। • चीकू में एंटी डायरियल गुण मौजूद होता है। पानी में चीकू को उबालकर बनाए गए काढ़े को पीने से दस्त में आराम आता है। पेचिश और बवासीर के उपचार में भी यह काढ़ा उपयोगी है। • चीकू गर्भावस्था में भी लाभकारी है। चीकू अपने विशिष्ट पोषक तत्वों के कारण गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए बहुत फायदेमंद है। • चीकू कब्ज़ से राहत दिलाता है तथा पेट के अन्य संक्रमण से लड़ने की ताकत देता है। • चीकू हड्डियों को मजबूत करने में भी सहायक है। • चीकू की छाल का काढ़ा बनाकर 5-10 मिलीलीटर मात्रा के सेवन से जीर्ण ज्वर में लाभ मिलता है। • चीकू के सेवन से पित्त के कारण होने वाली समस्याओं में तुरंत आराम आता है। • कच्चे चीकू के फल को पीसकर फोड़ों पर लगाने से फोड़े पककर फूट जाते हैं।  नोट : चीकू में शर्करा प्रचुर मात्रा में होती है, इसलिए मधुमेह रोगियों को इसका सेवन चिकित्सक से पूछ कर ही करना चाहिए। विशेष : यहां चीकू के गुण और उपयोग के बारे में सामान्य जानकारी दी गई है। हम किसी भी उपाय, उपयोग, प्रयोग के सफल होने का दावा नहीं करते हैं। रोग उपचार में औषधि के रूप में चीकू का सेवन योग्य चिकित्सक/आहार विशेषज्ञ के परामर्श के बिना करना नुकसानदायक हो सकता है। 
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Health : आयुर्वेद में औषधि के रूप में प्रयोग होता है 'काला नमक'!

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calendar11 May 2022 03:46 PM
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विनय संकोची Health : सफेद नमक, सेंधा नमक के अतिरिक्त जो काला नमक होता है, उसमें सोडियम सल्फेट और आयरन आदि तत्व प्राकृतिक रूप से प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। आयुर्वेद में काला नमक को औषधीय नमक के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। काले नमक को आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति में ठंडी तासीर वाला माना जाता है और इसका प्रयोग रेचक और पाचन सहायक के रूप में किया जाता है। काले नमक को इसके अंडे जैसे स्वाद के चलते शाकाहारी लोग पसंद करते हैं। टोफू को अंडा सलाद जैसा स्वाद देने के लिए काला नमक मसाला इस्तेमाल में लाया जाता है। काला नमक चट्टानों से प्राप्त होता है और ये चट्टानें मुख्य रूप से भारत और पाकिस्तान में पाई जाती हैं। सोडियम क्लोराइड काले नमक का मुख्य घटक है। इसके अतिरिक्त इसमें सोडियम सल्फेट(Sodium Sulfate), आयरन सल्फाइड(Iron Sulfide) , हाइड्रोजन सल्फाइड (Hydrogen Sulfide)आदि की कुछ मात्रा होती है। सोडियम क्लोराइड (Sodium Chloride) के कारण इसका स्वाद नमकीन होता है और आयरन सल्फाइड के कारण यह बैंगनी रंग का दिखाई पड़ता है। इसमें मौजूद सल्फर इसको विशिष्ट स्वाद और गंध प्रदान करता है। काले नमक में कुल मिलाकर 80 प्रकार के खनिज पाए जाते हैं, जो किसी न किसी रूप में हमारे शरीर के लिए लाभदायक हैं। काले नमक को ब्लैक साल्ट, हिमालयन ब्लैक साल्ट, सुलेमानी नमक, काला नून, बिट नून, बिट लोबोन, पाद लून आदि नामों से भी जाना जाता है। आइए जानते हैं, सेहत के लिए बेहद फायदेमंद काले नमक के गुण व उपयोग के बारे में - • काला नमक जोड़ों के दर्द (गठिया) से छुटकारा दिलाने में काफी फायदेमंद साबित होता है। गर्म पानी में काला नमक मिलाकर दर्द वाले हिस्से की सिकाई करने से दर्द में बहुत और बहुत जल्दी आराम मिलता है। दो सप्ताह तक लगातार दिन में दो बार सिकाई करने से दर्द में चमत्कारी लाभ होता है। • अच्छी और गहरी नींद लाने में काला नमक बेहद उपयोगी होता है। काला नमक कोर्टिसोल और एंड्रेनलाइन जैसे खतरनाक हारमोंस को कम करता है, जिससे अच्छी नींद आती है। अच्छी नींद अच्छे स्वास्थ्य के लिए जरूरी है। • काला नमक सर्दी-खांसी, अस्थमा के उपचार में भी उपयोगी है। काले नमक से बने गर्म पानी की भाप लेने से कफ, बलगम और खांसी दूर करने में सहायता मिलती है। अस्थमा को नियंत्रित करने में भी काला नमक सकारात्मक प्रभाव दिखाता है। • हृदय रोगियों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। बेड कोलस्ट्रोल, मधुमेह, उच्च रक्तचाप सब के सब दिल के दुश्मन हैं। इन दुश्मनों से लड़ने में काला नमक एक कारगर हथियार है। हृदय रोग और हाई ब्लड प्रेशर वाले मरीजों के लिए साधारण नमक के बदले काला नमक का सेवन बहुत फायदेमंद होता है। इसके सेवन से मधुमेह भी नियंत्रित रहता है। • मोटापे से परेशान लोगों को भी अपने खाने में काले नमक का इस्तेमाल करना चाहिए। मोटापा कम करने के लिए एक गिलास गुनगुने पानी में नींबू और काला नमक डालकर सुबह-शाम नियमित पिएं। इसे पीने के बाद 15-20 मिनट तेज-तेज टहलें और इसके बाद 15 मिनट तक पानी ना पिएं। • पाचन क्रिया की गड़बड़ी में काला नमक सुधार लाने का काम करता है। एक गिलास गर्म पानी में एक चुटकी काला नमक डालकर थोड़ी देर के लिए रख दें। पानी हल्का गुनगुना होने पर इसे पी लें। पेट के स्वास्थ्य के लिए यह एक अचूक उपाय है। भूख कम लगने की शिकायत से भी यह छुटकारा दिलाता है। • गैस और एसिडिटी की समस्या में काला नमक सहायक है। इसके लिए खाने में दही का सेवन करें और दही में स्वाद के अनुसार पिसा हुआ काला नमक मिलाएं। इससे न केवल केवल गैस और एसिडिटी में राहत मिलेगी अपितु पाचन क्रिया भी दुरुस्त होगी। • मूली के टुकड़ों पर काला नमक लगाकर सेवन करने से भूख न लगने की शिकायत दूर होती है और हाजमा भी दुरुस्त रहता है। • काला नमक लीवर में पित्त के उत्पादन को नियंत्रित करता है, जिससे दिल की जलन (हार्टबर्न)और ब्लॉटिंग की समस्या में सुधार होता है। • काले नमक में मौजूद पोषक तत्व और मिनिरल्स शरीर की हड्डियों को मजबूती प्रदान करते हैं। काले नमक का नियमित सेवन हड्डियों की मजबूती का सरल उपाय है।  जरूरी बात : काले नमक का अधिक सेवन उच्च रक्तचाप को बढ़ावा दे सकता है, जो दिल के स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं है। इसके अत्यधिक सेवन से पथरी की समस्या भी हो सकती है। ज्यादा काला नमक खाने से पेट के कैंसर की आशंका भी बनती है। केवल काला नमक इस्तेमाल करने से शरीर में आयोडीन की मात्रा कम हो सकती है क्योंकि इसमें आयोडीन की मात्रा काफी कम होती है। विशेष : यहां "काले नमक" के गुण व उपयोग के बारे में विशुद्ध सामान्य जानकारी उपलब्ध कराई गई है, जो किसी चिकित्सकीय परामर्श का विकल्प नहीं है। हम इनमें से किसी भी उपाय के सफल होने का दावा नहीं करते हैं। काले नमक को रोग विशेष में औषधि के रूप में अपनाने से पूर्व योग्य आयुर्वेदाचार्य/ चिकित्सक/आहार विशेषज्ञ से परामर्श आवश्यक है।