आर्थिक समस्याओं के छुटकारा दिलाता है भोलेनाथ का यह दारिद्रय दहन स्तोत्रम्

यूँ तो हर प्रकार की समस्या (Problem) कष्टकारी होती है, लेकिन आर्थिक परेशानी ( financial Problem) एक इंसान को हर ओर से निराश कर देती है। अगर समस्या (Problem) उत्पन होती है तो उसके साथ समाधान भी जन्म लेता है। हिंदू धर्म के पौराणिक शास्त्रों में हर प्रकार की समस्या का समाधान दिया हुआ है। ऐसा ही एक उपाय है, भगवान भोलेनाथ का शिव दारिद्रय दहन स्त्रोत्रम् (Shiva Daridray Dahan Stotram)। भक्तों के नाथ कहे जाने वाले भगवान भोलेनाथ के नाम से हर समस्या हल हो जाती है, फिर चाहे वो किसी भी प्रकार की क्यों न समस्या हो। ऐसा कहा जाता है कि जिस व्यक्ति पर घनघोर संकट के बादल छाये हो और वह पूरी तरह कर्जे में डूब गया हो या फिर व्यापार में उसे बार बार निराशा ही मिल रही हो तो उन्हें दारिद्रय दहन स्तोत्र का प्रतिदिन पाठ करना चाहिए। अपनी आर्थिक को मजबूत करने और भविष्य में ऐसे संकट से बचने के लिए इस मंत्र का उपयोग करना चाहिए। इस लाभकारी स्त्रोत्रम् की रचनाकार महर्षि वशिष्ठ है। इस स्त्रोत्रम् के साथ भगवान भोलेनाथ की पूजन से संबंधित कुछ नियम भी माने जाते हैं।
यदि जीवन में आर्थिक समस्या ने घर कर लिया है तो शिवमंदिर या भगवान शिव के प्रतिमा के सामने प्रतिदिन काम से काम तीन बार महादेव के दारिद्रय दहन स्त्रोत्रम् का पाठ करने से उन्हें अवश्य लाभ मिलेगा। ऐसा माना जाता है कि जिस व्यक्ति को कष्ट है अगर वह स्वयं पाठ करें तो यह उसके लिए अत्यंत फलदायी होता है, लेकिन खुद से पाठ ना कर पाने कि भी स्थिति में अगर उनके परिजन जैसे पत्नी या माता-पिता भी उनके बदले यह पाठ करें तो भी लाभ मिलता है। इस स्त्रोत्रम् के पाठ को आरंभ करने से पहले शिवजी का मन में ध्यान करें, फिर संकल्प लेकर ही पाठ को शुरू करना चाहिए। पाठ करते समय अगर श्लोकों को गाकर पढ़े तो अति उत्तम अन्यथा इसका मन ही मन भी पाठ कर सकते है। आर्थिक परेशानियों के साथ साथ इस पाठ को परिवार में सुख शांति और समृद्धि के लिए भी लाभकारी माना गया है।
महर्षि वशिष्ठ द्वारा रचित शिवजी का दारिद्रय दहन स्तोत्रम् कुछ अंश इस प्रकार है
।। दारिद्रय दहन स्तोत्रम् ।।
गौरी प्रियाय रजनीश कलाधराय,कलांतकाय भुजगाधिप कंकणाय। गंगाधराय गजराज विमर्दनायद्रारिद्रय दुख दहनाय नमः शिवाय।। भानुप्रियाय भवसागर तारणाय,कालान्तकाय कमलासन पूजिताय। नेत्रत्रयाय शुभलक्षण लक्षितायदारिद्रय दुख दहनाय नमः शिवाय।। विश्वेशराय नरकार्ण अवतारणायकर्णामृताय शशिशेखर धारणाय। मँजीर पादयुगलाय जटाधरायदारिद्रय दुख दहनाय नमः शिवाय।। ज्योतिर्मयाय गुणनाम सुनृत्यकाय,दारिद्रय दुख दहनाय नमः शिवाय।। पंचाननाय फणिराज विभूषणायहेमांशुकाय भुवनत्रय मंडिताय। गंगाधराय गजराज विमर्दनायद्रारिद्रय दुख दहनाय नमः शिवाय।। आनंद भूमि वरदाय तमोमयाय, दारिद्रय दुख दहनाय नमः शिवाय।।
जीवन में अगर कठिनाई आती है तो उसके साथ समाधान भी छुपे होते है ऐसे में जरुरी होता है समाधान की ओर ध्यान देना। आप भी इस लाभकारी स्त्रोत्रम् का जाप कर आर्थिक परेशानी से निजात पा सकते हैं तथा सुखद और आनंदमय जीवन जी सकते हैं।
श्री ज्योतिष सेवा संस्थान भीलवाड़ा (राज.)
यूँ तो हर प्रकार की समस्या (Problem) कष्टकारी होती है, लेकिन आर्थिक परेशानी ( financial Problem) एक इंसान को हर ओर से निराश कर देती है। अगर समस्या (Problem) उत्पन होती है तो उसके साथ समाधान भी जन्म लेता है। हिंदू धर्म के पौराणिक शास्त्रों में हर प्रकार की समस्या का समाधान दिया हुआ है। ऐसा ही एक उपाय है, भगवान भोलेनाथ का शिव दारिद्रय दहन स्त्रोत्रम् (Shiva Daridray Dahan Stotram)। भक्तों के नाथ कहे जाने वाले भगवान भोलेनाथ के नाम से हर समस्या हल हो जाती है, फिर चाहे वो किसी भी प्रकार की क्यों न समस्या हो। ऐसा कहा जाता है कि जिस व्यक्ति पर घनघोर संकट के बादल छाये हो और वह पूरी तरह कर्जे में डूब गया हो या फिर व्यापार में उसे बार बार निराशा ही मिल रही हो तो उन्हें दारिद्रय दहन स्तोत्र का प्रतिदिन पाठ करना चाहिए। अपनी आर्थिक को मजबूत करने और भविष्य में ऐसे संकट से बचने के लिए इस मंत्र का उपयोग करना चाहिए। इस लाभकारी स्त्रोत्रम् की रचनाकार महर्षि वशिष्ठ है। इस स्त्रोत्रम् के साथ भगवान भोलेनाथ की पूजन से संबंधित कुछ नियम भी माने जाते हैं।
यदि जीवन में आर्थिक समस्या ने घर कर लिया है तो शिवमंदिर या भगवान शिव के प्रतिमा के सामने प्रतिदिन काम से काम तीन बार महादेव के दारिद्रय दहन स्त्रोत्रम् का पाठ करने से उन्हें अवश्य लाभ मिलेगा। ऐसा माना जाता है कि जिस व्यक्ति को कष्ट है अगर वह स्वयं पाठ करें तो यह उसके लिए अत्यंत फलदायी होता है, लेकिन खुद से पाठ ना कर पाने कि भी स्थिति में अगर उनके परिजन जैसे पत्नी या माता-पिता भी उनके बदले यह पाठ करें तो भी लाभ मिलता है। इस स्त्रोत्रम् के पाठ को आरंभ करने से पहले शिवजी का मन में ध्यान करें, फिर संकल्प लेकर ही पाठ को शुरू करना चाहिए। पाठ करते समय अगर श्लोकों को गाकर पढ़े तो अति उत्तम अन्यथा इसका मन ही मन भी पाठ कर सकते है। आर्थिक परेशानियों के साथ साथ इस पाठ को परिवार में सुख शांति और समृद्धि के लिए भी लाभकारी माना गया है।
महर्षि वशिष्ठ द्वारा रचित शिवजी का दारिद्रय दहन स्तोत्रम् कुछ अंश इस प्रकार है
।। दारिद्रय दहन स्तोत्रम् ।।
गौरी प्रियाय रजनीश कलाधराय,कलांतकाय भुजगाधिप कंकणाय। गंगाधराय गजराज विमर्दनायद्रारिद्रय दुख दहनाय नमः शिवाय।। भानुप्रियाय भवसागर तारणाय,कालान्तकाय कमलासन पूजिताय। नेत्रत्रयाय शुभलक्षण लक्षितायदारिद्रय दुख दहनाय नमः शिवाय।। विश्वेशराय नरकार्ण अवतारणायकर्णामृताय शशिशेखर धारणाय। मँजीर पादयुगलाय जटाधरायदारिद्रय दुख दहनाय नमः शिवाय।। ज्योतिर्मयाय गुणनाम सुनृत्यकाय,दारिद्रय दुख दहनाय नमः शिवाय।। पंचाननाय फणिराज विभूषणायहेमांशुकाय भुवनत्रय मंडिताय। गंगाधराय गजराज विमर्दनायद्रारिद्रय दुख दहनाय नमः शिवाय।। आनंद भूमि वरदाय तमोमयाय, दारिद्रय दुख दहनाय नमः शिवाय।।
जीवन में अगर कठिनाई आती है तो उसके साथ समाधान भी छुपे होते है ऐसे में जरुरी होता है समाधान की ओर ध्यान देना। आप भी इस लाभकारी स्त्रोत्रम् का जाप कर आर्थिक परेशानी से निजात पा सकते हैं तथा सुखद और आनंदमय जीवन जी सकते हैं।
श्री ज्योतिष सेवा संस्थान भीलवाड़ा (राज.)



