Karnataka Budget : विधानसभा में बजट पेश, चुनावी गारंटी के लिए 52,000 करोड़ रुपये का प्रावधान

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Budget presented in Assembly, provision of Rs 52,000 crore for electoral guarantee
locationभारत
userचेतना मंच
calendar07 Jul 2023 08:49 PM
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बेंगलुरु। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने शुक्रवार को वित्त वर्ष 2023-24 का बजट पेश करते हुए कांग्रेस पार्टी के चुनावी वादे पूरा करने पर सालाना 52,000 करोड़ रुपये व्यय करने का ऐलान किया। इससे 1.3 करोड़ परिवारों के लाभांवित होने की संभावना जताई।

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वित्त वर्ष 2023-24 के लिए पेश किया 3.27 लाख करोड़ रुपये का बजट सिद्धरमैया ने राज्य विधानसभा में वित्त वर्ष 2023-24 के लिए 3.27 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया। उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनावों के दौरान दी गईं पांच 'गारंटी' को पूरा करने से राज्य सरकार हरेक परिवार को हर महीने 4,000 से लेकर 5,000 रुपये तक की अतिरिक्त वित्तीय मदद मुहैया कराएगी।

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ये थी पांच गारंटी कांग्रेस ने मई में संपन्न विधानसभा चुनाव के दौरान पांच गारंटी देने की घोषणा की थी। इनमें महिलाओं को बस में मुफ्त सफर, 200 यूनिट तक की मुफ्त बिजली, गरीबों को 10 किलोग्राम मुफ्त अनाज, परिवार की महिला मुखिया को 2,000 रुपये देने और बेरोजगारी भत्ता के तौर पर 3,000 रुपये देने की घोषणाएं शामिल हैं।

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जीत में रही गारंटी की अहम भूमिका कुछ राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली जीत में इन वादों की अहम भूमिका रही। कांग्रेस ने 224 सदस्यीय विधानसभा में 135 सीटों पर जीत दर्ज की थी। सिद्धरमैया ने विधानसभा में रिकॉर्ड 14वीं बार बजट पेश करने का नया रिकॉर्ड बनाया। उनके पास वित्त मंत्रालय का भी प्रभार है। इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री रामकृष्ण हेगड़े ने 13 बार बजट पेश किया था। देश विदेशकी खबरों से अपडेट रहने लिएचेतना मंचके साथ जुड़े रहें। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें। #karnatakabudget #budget2023-24
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Modi Surname Defamation Case : गुजरात हाईकोर्ट से राहुल गांधी को झटका, सजा बरकरार

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Shock to Rahul Gandhi from Gujarat High Court, punishment upheld
locationभारत
userचेतना मंच
calendar29 Nov 2025 01:20 PM
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अहमदाबाद। मोदी सरनेम मानहानि मामले में राहुल गांधी को गुजरात हाईकोर्ट से भी निराशा हाथ लगी है। कोर्ट ने उनकी सजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। मोदी सरनेम बयान को लेकर बीजेपी विधायक पूर्णेश मोदी ने राहुल के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज कराया था। चार साल बाद 23 मार्च को सूरत की निचली अदालत ने राहुल को दोषी करार देते हुए 2 साल की सजा सुनाई थी। कोर्ट ने राहुल गांधी की ओर से सजा पर रोक लगाने की मांग को लेकर दाखिल याचिका को भी खारिज कर दिया। हाईकोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को सही माना है।

Modi Surname Defamation Case

राहुल गांधी ने 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान कर्नाटक में एक रैली के दौरान 'मोदी सरनेम' को लेकर बयान दिया था। इस बयान को लेकर बीजेपी विधायक पूर्णेश मोदी ने साल 2019 में राहुल के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज कराया था। चार साल बाद 23 मार्च को सूरत की निचली अदालत ने राहुल को दोषी करार देते हुए 2 साल की सजा सुनाई थी। राहुल की संसद सदस्यता हुई रद्द इसके बाद जन प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत लोकसभा सचिवालय की ओर से राहुल की संसद सदस्यता रद्द कर दी गई थी। राहुल केरल के वायनाड से सांसद थे। दरअसल, जनप्रतिनिधि कानून में प्रावधान है कि अगर किसी सांसद और विधायक को किसी मामले में 2 साल या उससे ज्यादा की सजा होती है, तो उनकी सदस्यता (संसद और विधानसभा से) रद्द हो जाती है। इतना ही नहीं, सजा की अवधि पूरी करने के बाद छह वर्ष तक चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य भी हो जाते हैं।

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राहुल ने 2 अप्रैल को निचली अदालत के फैसले के खिलाफ सूरत सेशन कोर्ट का रुख किया था। राहुल द्वारा दो याचिकाएं दाखिल की गई हैं। पहली अर्जी में सजा पर रोक की मांग की गई थी, जबकि दूसरी में अपील के निस्तारण तक कन्विक्शन पर रोक लगाने की मांग की गई थी। राहुल के पास ये है विकल्प राहुल को हाईकोर्ट से राहत नहीं मिली है। हालांकि, अभी उनके पास सुप्रीम कोर्ट जाने का विकल्प खुला हुआ है। अगर सुप्रीम कोर्ट राहुल की सजा पर रोक लगा देती है, तो उनकी सदस्यता फिर से बहाल हो सकती है। बता दें कि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 2013 और 2018 में ऐतिहासिक लिली थॉमस और लोक प्रहरी फैसलों में कहा था कि अगर सजा निलंबित कर दी जाती है और अपीलीय अदालत दोषसिद्धि पर रोक लगा देती है, तो जन प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत किसी विधायक की अयोग्यता को पलटा जा सकता है। अकेले सजा के निलंबन से विधायक के रूप में अयोग्यता को पलटा नहीं किया जा सकता। यह जरूरी है कि अपीलीय अदालत भी अयोग्यता को निलंबित करने के मामले में दोषसिद्धि पर रोक लगा दे।

Modi Surname Defamation Case

अभी हाल ही में लक्षद्वीप के सांसद मोहम्मद फैजल के मामले में भी ऐसा देखने को मिला था। जनवरी में मोहम्मद फैजल को हत्या के प्रयास में दोषी ठहराते हुए निचली अदालत ने 10 साल की सजा सुनाई थी। इसके बाद फैजल की लोकसभा सदस्यता रद्द हो गई थी। फैजल ने निचली अदालत के फैसले के खिलाफ केरल हाईकोर्ट का रुख किया था। केरल हाईकोर्ट ने मोहम्मद फैजल की सजा पर रोक लगा दी थी। इसके बाद मोहम्मद फैजल की सदस्यता बहाल कर दी गई।

MP Live News : नाबालिग लड़की से सामूहिक दुष्कर्म के मुख्य आरोपी के घर पर चला बुलडोजर

राहुल ने दिया था ये बयान राहुल गांधी ने कर्नाटक के कोलार में 13 अप्रैल 2019 को चुनावी रैली में कहा था कि नीरव मोदी, ललित मोदी, नरेंद्र मोदी का सरनेम कॉमन क्यों है? सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है? राहुल के इस बयान को लेकर बीजेपी विधायक और पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने उनके खिलाफ धारा 499, 500 के तहत आपराधिक मानहानि का केस दर्ज कराया था। अपनी शिकायत में बीजेपी विधायक ने आरोप लगाया था कि राहुल ने 2019 में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए पूरे मोदी समुदाय को कथित रूप से यह कहकर बदनाम किया कि सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है? देश विदेशकी खबरों से अपडेट रहने लिएचेतना मंचके साथ जुड़े रहें। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें। #gujrathighcourt #rahulgandhi #modisurmanecase
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MP Live News : नाबालिग लड़की से सामूहिक दुष्कर्म के मुख्य आरोपी के घर पर चला बुलडोजर

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Bulldozer ran at the house of the main accused of gang rape with a minor girl
locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 04:34 AM
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इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर जिले के ग्रामीण क्षेत्र में 12 वर्षीय आदिवासी लड़की से सामूहिक दुष्कर्म के मुख्य आरोपी के अवैध तौर पर बने घर को प्रशासन ने शुक्रवार सुबह ढहा दिया। प्रशासन के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।

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सामूहिक दुष्कर्म के तीनों आरोपी गिरफ्तार अनुविभागीय मजिस्ट्रेट (एसडीएम) अक्षय सिंह मरकाम ने बताया कि खुड़ैल थाना क्षेत्र में जनजातीय समुदाय की 12 वर्षीय लड़की को छह जुलाई को तीन मजदूरों ने उस वक्त अकेली पाकर सामूहिक दुष्कर्म का शिकार बनाया, जब वह अपना निर्माणाधीन घर देखने गई थी। मरकाम के मुताबिक, पुलिस ने मुख्य आरोपी अरमान उर्फ बट्टू (20) और दो सह-अभियुक्तों-रईस शेर खान (23) और रईस ईदू खान (24) को गिरफ्तार कर लिया है।

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अवैध रूप से बनाया था पक्का मकान एसडीएम ने बताया कि सामूहिक दुष्कर्म कांड के मुख्य आरोपी अरमान ने काजी पलासिया गांव में चरनोई की करीब 420 वर्ग फीट जमीन पर अतिक्रमण कर पक्का मकान बना रखा था, जिसे ढहाकर अवैध निर्माण हटाया गया। देश विदेशकी खबरों से अपडेट रहने लिएचेतना मंचके साथ जुड़े रहें। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें। #mpnews #indore #gangrape #minorgirl