5जी परीक्षण के लिए दूरसंचार कंपनियों को रेलवे की मंजूरी

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calendar02 Dec 2025 03:05 AM
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5जी परीक्षण के लिए दूरसंचार कंपनियों को रेलवे की मंजूरी लागू करने की अवधि का लक्ष्य नौ से 12 महीने नयी दिल्ली। पलवल और मथुरा रेलवे स्टेशन के बीच परीक्षण के आधार पर दूरसंचार क्षेत्र के लिए उपकरण बनाने वाली कंपनियों के एक समूह को 5जी आधारित मोबाइल संचार नेटवर्क स्थापित करने के लिए भारतीय रेलवे की मंजूरी मिल गई है। वॉयस ऑफ इंडियन कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी एंटरप्राइजेज (वॉयस) के महानिदेशक आर के भटनागर ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि एसोसिएशन के सदस्य प्रीमियम 700 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम बैंड का इस्तेमाल करेंगे। भटनागर ने कहा, भारतीय रेलवे ने अवधारणा के प्रमाण के रूप में 700 मेगाहर्ट्ज बैंड पर भारतीय रेलवे के पलवल-मथुरा सेक्टर (82 किमी) पर 5जी आधारित मोबाइल संचार नेटवर्क स्थापित करने के लिए वॉयस से पूछा है। इसके लागू करने की अवधि का लक्ष्य नौ से 12 महीने है। वॉयस के सदस्यों में हिमाचल फ्यूचरिस्टिक कम्युनिकेशंस लिमिटेड, दूरसंचार कंसल्टेंट्स इंडिया, सिग्नलट्रॉन, लेखा वायरलेस, कोरल टेलीकॉम, स्पर्श, एस्ट्रोम, डायोटिस जैसी कंपनियां शामिल हैं। इस सफल परीक्षण से एसोसिएशन के सदस्यों को अपने कारोबार को बढ़ाने और भारतीय रेलवे की 59,000 करोड़ रुपये की आधुनिकीकरण योजना का लाभ उठाने में मदद मिलेगी।
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Maharashtra News: बीवी से छुटकारा पाने को इस शख्स ने अपनाया अनोखा तरीका, लगी कोर्ट की फटकार

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Maharashtra News
locationभारत
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calendar25 Nov 2022 01:49 AM
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Maharashtra News: महाराष्ट्र में अपनी पत्नी से परेशान एक व्यक्ति ने बीवी से निजात पाने के लिए अनोखा तरीका अपनाया। उसने मुंबई हाईकोर्ट में एक याचिका दाखिल की और पत्नी से तलाक दिलाए जाने की मांग की। लेकिन याची को उस समय गहरा झटका लग गया, जब कोर्ट ने उसकी तलाक वाली अर्जी पर सुनवाई करते हुए तलाक दिए जाने से इनकार कर दिया। आगे जानिए क्या है पूरा मामला...

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न्यायमूर्ति नितिन जामदार और न्यायमूर्ति शर्मिला देशमुख की खंडपीठ ने 16 नवंबर के अपने आदेश में 2011 में उस व्यक्ति द्वारा दायर अपील खारिज कर दी, जिसमें पुणे की एक परिवार अदालत द्वारा उसी वर्ष तलाक की उसकी याचिका खारिज किये जाने को चुनौती दी गई थी।

अदालत ने कहा कि व्यक्ति ने इस बात का कोई सबूत पेश नहीं किया है कि उसकी पत्नी एचआईवी संक्रमित है और इससे उस व्यक्ति को मानसिक पीड़ा हुई। इसने आगे कहा कि टूटे हुए रिश्ते अब वापस न आने के आधार पर तलाक का अनुरोध खारिज किये जाने योग्य है।

दोनों की शादी मार्च 2003 में हुई थी और पुरुष ने दावा किया था कि उसकी पत्नी सनकी, जिद्दी, गुस्सैल स्वभाव की है और उसके या उसके परिवार के सदस्यों के साथ ठीक से व्यवहार नहीं करती थी।

व्यक्ति ने दावा किया था कि उसकी पत्नी तपेदिक से भी पीड़ित थी और बाद में वह हर्पीज से भी पीड़ित हो गयी थी।

उसकी याचिका के अनुसार, बाद में 2005 में जांच में पता चला कि उसकी पत्नी एचआईवी संक्रमित भी थी। तदनुसार, उस व्यक्ति ने तलाक की अर्जी दायर की थी।

हालांकि पत्नी ने पति के दावों का खंडन किया और कहा कि वह एचआईवी संक्रमित कतई नहीं है, लेकिन फिर भी उसके पति ने उसके परिवार के सदस्यों के बीच इस बारे में अफवाह फैलाई, जिससे उसे मानसिक पीड़ा हुई।

उच्च न्यायालय की पीठ ने अपने आदेश में कहा कि पति अपनी पत्नी की एचआईवी संक्रमित होने की मेडिकल रिपोर्ट पेश करने में विफल रहा।

उच्च न्यायालय ने कहा कि याचिकाकर्ता पति द्वारा पेश किए गए साक्ष्य का कोई सबूत नहीं है कि प्रतिवादी पत्नी एचआईवी संक्रमित थी, जिससे उसे मानसिक पीड़ा हुई या पत्नी ने उसके साथ क्रूरता का व्यवहार किया। अदालत ने आगे कहा कि याचिकाकर्ता पुरुष ने प्रतिवादी पत्नी के साथ रहने से इनकार कर दिया है और प्रतिवादी को रिश्तेदारों और दोस्तों को सूचित करके समाज में बदनाम किया है कि प्रतिवादी एचआईवी संक्रमित पाई गयी है। पीठ ने अपने आदेश में कहा कि इसलिए, रिश्तों में सुधार के आसार न होने के आधार पर तलाक देने के लिए पति की याचिका मुकम्मल तौर पर खारिज की जाती है।

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भाजपा सांसद ने की राज्यपाल कोश्यारी को पद से हटाने की मांग

Shiva ji
भाजपा सांसद ने
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calendar29 Nov 2025 08:10 PM
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भाजपा सांसद ने की राज्यपाल कोश्यारी को पद से हटाने की मांग सुधांशु की भी तीखी आलोचन भी की, शिवाजी पर टिप्पणी करने का आरोप पुणे। भाजपा सांसद एवं छत्रपति शिवाजी महाराज के वंशज उदयनराजे भोसले ने 17वीं सदी के मराठा शासक के बारे में कथित आपत्तिजनक टिप्पणी करने को लेकर बृहस्पतिवार को महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी और अपनी पार्टी के सहकर्मी सुधांशु त्रिवेदी की आलोचना की। भोसले ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी पत्र लिखा है और राज्यपाल के पद से कोश्यारी को हटाने की मांग की है। कोश्यारी मराठा साम्राज्य के संस्थापक को ‘पुराने समय का आदर्श’ बताने को लेकर आलोचना का सामना कर रहे हैं, जबकि त्रिवेदी ने कथित तौर पर कहा था कि शिवाजी महाराज ने मुगल बादशाह औरंगजेब से माफी मांगी थी। भोसले ने मंगलवार को महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को एक पत्र लिख कर कोश्यारी और त्रिवेदी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा कि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार उस समय मंच पर थे, जब राज्यपाल ने शिवाजी महाराज के बारे में बोला था।राज्यसभा सदस्य ने कहा कि 20 नवंबर को औरंगाबाद में एक कार्यक्रम के दौरान गडकरी और पवार को कोश्यारी की टिप्पणी पर आपत्ति जतानी चाहिए थी। भोसले ने कहा, जब मैंने छत्रपति शिवाजी महाराज के बारे में राज्यपाल का बयान सुना, मैं समझ नहीं पाया कि इस तरह के बयान का क्या आधार है। उन्होंने कहा कि शिवाजी ने उस समय न्याय के लिए और दासता से लोगों को मुक्त कराने के लिए लड़ाई लड़ी थी, जब अन्य सभी शासकों ने मुगलों का अधिपत्य स्वीकार कर लिया था।उन्होंने कहा, आधुनिक भारत की अवधारणा छत्रपति शिवाजी महाराज ने रखी थी। वह भगत सिंह, नाना पाटिल, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, छत्रपति साहू महाराज, महात्मा ज्योतिबा फुले और डॉ भीम राव अंबेडकर जैसे स्वतंत्रता सेनानियों के प्रेरणा स्रोत थे। उन्होंने कहा, अब ये लोग कह रहे हैं कि शिवाजी महाराज के विचार पुराने पड़ गये हैं। भोसले ने त्रिवेदी की आलोचना करते हुए कहा कि जब देश में हर किसी ने मुगल शासन के समक्ष घुटने टेक दिये थे, केवल शिवाजी महाराज ही उसके खिलाफ खड़े हुए थे। उन्होंने कहा, जब इस तरह के बयान दिये जाते हैं, तो क्या उन्हें खुद पर शर्म नहीं आती? किस आधार पर वे इस तरह के बयान दे रहे हैं? इस तरह के बयान हमें आक्रोशित करते हैं। भोसले ने कहा यदि भारत को विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र बनाये रखना है तो शिवाजी की विचारधारा और विचारों को नहीं छोड़ा सकता। उन्होंने कहा, ‘‘यदि शिवाजी की विचारधारा को भूला दिया गया तो देश के टुकड़े होने में कितना वक्त लगेगा? हमने भगवान को कभी नहीं देखा है, लेकिन छत्रपति शिवाजी महाराज भगवान के अवतार थे।’’