Chaitra Navratri कब है चैत्र नवरात्रि और रामनवमी? मुहूर्त, कलश स्थापना और पूजा की विधि

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Chaitra Navratri
locationभारत
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calendar27 Nov 2025 06:32 PM
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Chaitra Navratri 2022: होली पर्व संपन्न होते ही फाल्गुन मास भी समाप्त हो गया है। (Chaitra Navratri ) आज से चैत्र मास प्रारंभ हो गया है। इस महीने में जहां चैत्र नवरात्र (Chaitra Navratri) होंगे, वहीं दूसरी ओर भगवान श्रीराम का जन्मोत्सव भी है। 2 अप्रैल से चैत्र नवरात्रि शुरु होंगे और 11 अप्रैल को श्रीरामनवमी पर्व मनाया जाएगा।

Chaitra Navratri 2022

चैत्र नवरात्रि शुभ मुहूर्त चैत्र नवरात्रि के लिए कलश स्थापना शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को होगी। कलश स्थापना के लिए शुभ मुहूर्त 2 अप्रैल सुबह 6 बजकर 10 मिनट से लेकर 8 बजकर 29 मिनट तक है। यानी कलश स्थापना के लिए कुल 2 घंटे 18 मिनट का समय मिलेगा।

इस साल माता रानी की सवारी-

धार्मिक मान्यता के अनुसार हर नवरात्रि में मां दुर्गा अलग-अलग वाहन पर सवार होकर आती हैं और विदाई के वक्त माता रानी का वाहन अलग होता है। इस बार चैत्र नवरात्रि में मां दुर्गा घोड़े पर सवार होकर आएंगी। अगर नवरात्रि की शुरुआत रविवार या सोमवार से होती है तो मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आती हैं। नवरात्रि की शुरुआत मंगलवार या शनिवार से होती है तो माता रानी घोड़े पर सवार होकर आती हैं। नवरात्रि की शुरुआत गुरुवार या शुक्रवार से होती है तो मां डोली पर सवार होकर आती हैं। चैत्र नवरात्रि की शुरुआत शनिवार से हो रही है, इसलिए मां का वाहन घोड़ा है।

कैसे करें कलश स्थापना कलश स्थापना के लिए सुबह उठकर स्नान के बाद साफ कपड़े पहनें। पूजा स्थल या पूजा मंदिर की साफ-सफाई कर लाल कपड़ा बिछाएं। फिर इसके उपर अक्षत यानि साबुत चावल रखें। इसके बाद इसके ऊपर जौ बोएं। फिर इसके ऊपर जल से भरा हुआ कलश स्थापित करें। कलश पर स्वास्तिक बनाकर इस पर कलावा बांधें। कलश में साबुत, सुपारी, सिक्सा, अक्षत और आम का पत्ते डालें। इसके बाद एक नारियल के ऊपर चुनरी लपेटकर कलावा बांधें।

इस नारियल को कलश के ऊपर रखें। इसके बाद देवी का आह्वान करें। फिर धूप-दीप आदि जलाकर कलश की पूजा करें। इसके बाद मां दुर्गा की पूजा करें। मां की पूजा के दौरान आप दुर्गा सप्तशती का पाठ कर सकते हैं। या ​फिर सामान्य रुप से दुर्गा चालीसा का पाठ नियमित रुप से करें। ध्यान रखें कि पूजन के बाद मां दुर्गा की आरती अवश्य करें। आरती समापन के बाद दोनों कान पकड़ कर मां से क्षमा याचना जरुर करें।

किस दिन देवी के किस स्वरुप की होगी पूजा?

2 अप्रैल- प्रथम नवरात्रि, घटस्थापना और शैलपुत्री स्वरुप की पूजा

3 अप्रैल- द्वितीय नवरात्रि, मां ब्रह्मचारिणी स्वरूप की पूजा

4 अप्रैल- तृतीय नवरात्रि, मां चंद्रघंटा की पूजा

5 अप्रैल- चतुर्थ नवरात्रि, मां कुष्माण्डा की पूजा

6 अप्रैल- पंचम नवरात्रि, स्कंदमाता की पूजा

7 अप्रैल- षष्ठम नवरात्रि, मां कात्यायनी की पूजा

8 अप्रैल- सप्तम नवरात्रि, मां कालरात्रि की पूजा

9 अप्रैल- अष्टम नवरात्रि, महागौरी की पूजा

10 अप्रैल- नवम नवरात्रि, मां सिद्धिदात्री की पूजा

11 अप्रैल- रामनवमी

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Chaitra Navratri कब है चैत्र नवरात्रि और रामनवमी? मुहूर्त, कलश स्थापना और पूजा की विधि

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Chaitra Navratri 2022: होली पर्व संपन्न होते ही फाल्गुन मास भी समाप्त हो गया है। (Chaitra Navratri ) आज से चैत्र मास प्रारंभ हो गया है। इस महीने में जहां चैत्र नवरात्र (Chaitra Navratri) होंगे, वहीं दूसरी ओर भगवान श्रीराम का जन्मोत्सव भी है। 2 अप्रैल से चैत्र नवरात्रि शुरु होंगे और 11 अप्रैल को श्रीरामनवमी पर्व मनाया जाएगा।

Chaitra Navratri 2022

चैत्र नवरात्रि शुभ मुहूर्त चैत्र नवरात्रि के लिए कलश स्थापना शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को होगी। कलश स्थापना के लिए शुभ मुहूर्त 2 अप्रैल सुबह 6 बजकर 10 मिनट से लेकर 8 बजकर 29 मिनट तक है। यानी कलश स्थापना के लिए कुल 2 घंटे 18 मिनट का समय मिलेगा।

इस साल माता रानी की सवारी-

धार्मिक मान्यता के अनुसार हर नवरात्रि में मां दुर्गा अलग-अलग वाहन पर सवार होकर आती हैं और विदाई के वक्त माता रानी का वाहन अलग होता है। इस बार चैत्र नवरात्रि में मां दुर्गा घोड़े पर सवार होकर आएंगी। अगर नवरात्रि की शुरुआत रविवार या सोमवार से होती है तो मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आती हैं। नवरात्रि की शुरुआत मंगलवार या शनिवार से होती है तो माता रानी घोड़े पर सवार होकर आती हैं। नवरात्रि की शुरुआत गुरुवार या शुक्रवार से होती है तो मां डोली पर सवार होकर आती हैं। चैत्र नवरात्रि की शुरुआत शनिवार से हो रही है, इसलिए मां का वाहन घोड़ा है।

कैसे करें कलश स्थापना कलश स्थापना के लिए सुबह उठकर स्नान के बाद साफ कपड़े पहनें। पूजा स्थल या पूजा मंदिर की साफ-सफाई कर लाल कपड़ा बिछाएं। फिर इसके उपर अक्षत यानि साबुत चावल रखें। इसके बाद इसके ऊपर जौ बोएं। फिर इसके ऊपर जल से भरा हुआ कलश स्थापित करें। कलश पर स्वास्तिक बनाकर इस पर कलावा बांधें। कलश में साबुत, सुपारी, सिक्सा, अक्षत और आम का पत्ते डालें। इसके बाद एक नारियल के ऊपर चुनरी लपेटकर कलावा बांधें।

इस नारियल को कलश के ऊपर रखें। इसके बाद देवी का आह्वान करें। फिर धूप-दीप आदि जलाकर कलश की पूजा करें। इसके बाद मां दुर्गा की पूजा करें। मां की पूजा के दौरान आप दुर्गा सप्तशती का पाठ कर सकते हैं। या ​फिर सामान्य रुप से दुर्गा चालीसा का पाठ नियमित रुप से करें। ध्यान रखें कि पूजन के बाद मां दुर्गा की आरती अवश्य करें। आरती समापन के बाद दोनों कान पकड़ कर मां से क्षमा याचना जरुर करें।

किस दिन देवी के किस स्वरुप की होगी पूजा?

2 अप्रैल- प्रथम नवरात्रि, घटस्थापना और शैलपुत्री स्वरुप की पूजा

3 अप्रैल- द्वितीय नवरात्रि, मां ब्रह्मचारिणी स्वरूप की पूजा

4 अप्रैल- तृतीय नवरात्रि, मां चंद्रघंटा की पूजा

5 अप्रैल- चतुर्थ नवरात्रि, मां कुष्माण्डा की पूजा

6 अप्रैल- पंचम नवरात्रि, स्कंदमाता की पूजा

7 अप्रैल- षष्ठम नवरात्रि, मां कात्यायनी की पूजा

8 अप्रैल- सप्तम नवरात्रि, मां कालरात्रि की पूजा

9 अप्रैल- अष्टम नवरात्रि, महागौरी की पूजा

10 अप्रैल- नवम नवरात्रि, मां सिद्धिदात्री की पूजा

11 अप्रैल- रामनवमी

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Bhagavad Gita भारत के इस प्रदेश के स्कूलों में पढ़ाई जाएगी गीता, सरकार ने क्यों लिया फैसला

Bhagwat gita
Bhagavad Gita
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calendar02 Dec 2025 03:01 AM
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Bhagavad Gita : हाल ही में संपन्न हुए पांच राज्यों के चुनाव में भाजपा को चार राज्यों में प्रचंड बहुमत मिलने के बाद अब केंद्रीय भाजपा (Bhagavad Gita) सरकार ने निकट भविष्य में अन्य प्रदेशों में होने वाले विधानसभा चुनाव पर भी ध्यान केंद्रित कर दिया है। जिन राज्यों में भाजपा सरकार है और वहां पर चुनाव होने है, इसके लिए तैयारी भी शुरु कर दी गई है। इन्हीं राज्यों में से एक है गुजरात। गुजराज सरकार ने फैसला लिया है कि यहां के छात्रों को श्रीमद भगवत कीता पढ़ाई जाए। अब राज्य के स्कूलों मे श्रीमद भगवत गीता (Shrimad Bhagavad Gita) पढ़ाई जाएगी। यह शिक्षा कक्षा 6 से 12वीं क्लास में पढ़ने वाले छात्रों को दी जाएगी।

Bhagavad Gita

गुजराज राज्य सरकार का मानना है कि छात्रों को गीता के मूल्यों और सिद्धांतों में रूचि पैदा करने के लिए यह निर्णय लिया गया है। गीता को पाठ्यक्रम के साथ प्रार्थना आदि के कार्यक्रमों में भी शामिल किया जाएगा।

गुजरात सरकार ने नई शिक्षा नीति के तहत इसका ऐलान किया है। इसके तहत गीता पढ़ना अनिवार्य होगा। स्कूल के बच्चे गीता के श्लोकों का पाठ भी करेंगे। नया पाठ्यक्रम शैक्षिक वर्ष 2022-23 से शुरू किया जाएगा।

पाठ्यक्रम के तहत स्कूलों में भगवद गीता पर आधारित विभिन्न प्रतियोगिताएं और रचनात्मक गतिविधियां जैसे श्लोक, निबंध, नाटक, ड्राइंग, प्रश्नोत्तरी आदि का आयोजन किया जाएगा। स्टडी मटेरियल प्रिंट,ऑडियो और विजुअल में दिया जाएगा।

नई शिक्षा नीति के तहत कुछ बुनियादी सिद्धांत बनाए गए हैं। इनमें से एक सिद्धांत छात्रों को भारत की समृद्ध, विविध, प्राचीन और आधुनिक संस्कृति और ज्ञान प्रणालियों के साथ परंपराओं से जुड़ाव महसूस कराने की कोशिश करना है। ऐसे में भारतीय संस्कृति की जानकारियों को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।

आपको बता दें कि गुजरात में साल के आखिर में विधानसभा चुनाव हो सकते हैं। राज्य में कुल 182 सीट हैं और बहुमत के लिए 92 सीटें लाना जरूरी है। भाजपा सरकार ने पिछले चुनावों में 99 सीटों पर जीत दर्ज की थी।