Milk Bussiness: भारत विश्व का सबसे बड़ा दूध उत्पादक देश : गोयल

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locationभारत
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calendar09 Dec 2022 09:27 PM
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Milk Bussiness: नई दिल्ली। उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को कहा कि भारत विश्व का सबसे बड़ा दूध उत्पादक देश है और कुल उत्पादन में भारत का योगदान 23 प्रतिशत है।

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गोयल राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान पूरक सवालों के जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि 2021 में भारत में 1,984 लाख टन दूध का उत्पादन हुआ जिसका मूल्य 8.32 लाख करोड़ रुपये है। उन्होंने कहा कि इस विशाल राशि का ज्यादातर हिस्सा सीधा किसानों के हाथों में गया है। हाल के समय में दूध की कीमतों में हुई वृद्धि के संबंध में गोयल ने कहा कि इसकी कीमतें सहकारी और निजी डेयरियों द्वारा उनकी उत्पादन लागत और बाजार शक्तियों के आधार पर तय की जाती हैं। उन्होंने कहा कि सरकार नियमित आधार पर देश में दूध की स्थिति की समीक्षा और निगरानी करती है लेकिन देश में दूध की खरीद और बिक्री मूल्य को विनियमित नहीं करती है। गोयल ने कहा कि सरकार, अन्य बातों के साथ-साथ, छह साल से कम उम्र के बच्चों, किशोरियों, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं के पोषण की स्थिति में सुधार करने के लिए समन्वित और परिणामोन्मुखी दृष्टिकोण अपनाकर पोषण अभियान को समयबद्ध तरीके से कार्यान्वित करती है।

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Rohini Acharya: रोहिणी आचार्य को सलाम, दुनिया भर में हो रही है रोहिणी की तारीफ़

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Rohini Acharya
locationभारत
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calendar29 Nov 2025 01:33 AM
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रवि अरोड़ा Rohini Acharya: मेरी एक दर्जन से अधिक बहनें हैं। चार तो मां जाई भी हैं। सभी में एक बात यकसां है और वह यह कि सभी अपने सास ससुर के साथ साथ अपने मां बाप का भी पूरा खयाल रखती हैं। मेरी मां तो अब नहीं रहीं मगर पिता और मैं अब भी एक ही छत के नीचे रहते हैं मगर पता नहीं क्यों मुझे अपने मां बाप की वे जरूरतें अक्सर नहीं दिखीं जो दूर बैठी बहनों को दिख जाती हैं। कब मां अथवा पिताजी को गरम जुराब जैसा कुछ चाहिए और कब उनका क्या खाने का मन है यह मुझे तब पता चलता है जब कोई बहन वह लेकर मेरे घर आ जाती है। चचेरी, मौसेरी बहनों तथा पत्नी की बहनों का भी यही हाल है और वे सभी अपने मां बाप का भरपूर पीछा करती हैं और हरसूरत बेटों से अधिक अपने मां बाप का खयाल रखती हैं।

मेरे कहने का यह मतलब कतई नहीं है कि मैं अथवा मेरा कोई भाई गैर जिम्मेदार है मगर पता नहीं क्यों मां बाप की देखभाल में हम सभी भाई अपनी बहनों से पीछे ही रह जाते हैं। यकीनन आपके परिवार में भी ऐसा ही होता होगा। अब ऐसा हो भी क्यों नहीं, ये महिलाएं होती ही ऐसी हैं। तभी तो देखिए न, दो दो मजबूत बेटों के होते हुए भी लालू प्रसाद यादव को उनकी एक बेटी ने अपनी किडनी दान की । बेटे भी वे जो बाप की पूरी विरासत का अकेले रसास्वादन कर रहे हैं।

अजब विडंबना है कि जब भी शरीर का कोई अंग दान करने की नौबत आए तो पुरूष किसी बिल में जाकर छुप जाते हैं और अंतत महिलाओं को ही आगे आना पड़ता है। चलिए यह भी स्वीकार कर लिया जाए मगर जब स्त्री को किसी अंग की जरूरत होती है तब भी उसके घर के पुरुष अपने बिलों से बाहर क्यों नहीं आते ? साल 2020 में हुए एक सर्वे के अनुरूप भारत में हो रहे ऑर्गन ट्रांसप्लांट में 81 फीसदी लाभार्थी पुरूष होते हैं और महिलाओं का आंकड़ा बीस फीसदी को भी नहीं छू पाता। अपने पति की किडनी अथवा लिवर जैसा कोई अंग खराब होने पर 90 फीसदी पत्नियां ही आगे आईं जबकि केवल दस फीसदी पतियों ने पत्नी को अपना अंग दान किया । जबकि कड़वी सच्चाई यह है कि पोषण के अभाव और अन्य कारणों के चलते महिलाओं के शारीरिक अंग पुरुषों के मुकाबले अधिक खराब होते हैं।

खैर, बात रोहिणी आचार्य (Rohini Acharya) की हो रही थी। आज देश में ऐसा कोई नहीं है जो उसकी तारीफ न कर रहा हो। इस काम में वे लोग भी जरूर शामिल होंगे जिन्होंने अपने घर की किसी स्त्री को अंग दान के अभाव में मर जाने दिया होगा। पता नहीं रोहिणी के इस कदम से उन्हें थोड़ी बहुत आत्म ग्लानि भी हुई होगी अथवा नहीं ? वैसे हो तो यह भी सकता है कि वे मुतमईन हों कि इस पितृसत्तात्मक समाज में ऐसा करना उनका फर्ज था ही नहीं।

वह देश जहां भ्रूण हत्या को लेकर डेढ़ सौ साल से अधिक पुराना कानून हो और फिर भी जहां गर्भ में हत्या के चलते स्त्रियों की तादाद पुरुषों की तुलना में 1000 मुक़ाबिल 943 हो। जहां दहेज के नाम पर स्त्रियों का उत्पीड़न रोकने को एक से बढ़कर एक कानून हों और फिर भी विवाहिताओं के शोषण की एफआईआर सर्वाधिक हों । जहां बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का राग अलापते अलापते सरकारों के गले बैठ गए हों और फिर भी लड़कियों को लड़कों के मुकाबले शिक्षा के अवसर न मिलते हों, वहां एक अदना सी रोहिणी पूरे समाज को कैसे झकझोर सकती है ? मगर फिर भी जी तो यही चाहता है कि पूरा समाज उठे और रोहिणी आचार्य को पूरे सम्मान से सलाम पेश करे।

(लेखक एक वरिष्ठ पत्रकार तथा स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं)

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Indore News : इंदौर में मोदी की मौजदूगी में सूचीबद्ध हो सकता है हरित बॉन्ड, 250 करोड़ रुपये जुटाने की कवायद

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Indore: Green bonds may be listed in Modi's presence in Indore, an exercise to raise Rs 250 crore
locationभारत
userचेतना मंच
calendar09 Dec 2022 09:20 PM
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Indore News : इंदौर,   देश में अपनी तरह के पहले कदम के तहत इंदौर नगर निगम (आईएमसी) 60 मेगावॉट क्षमता का सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने के लिए सार्वजनिक निर्गम (पब्लिक इश्यू) के रूप में हरित बॉन्ड जारी कर 250 करोड़ जुटाएगा। राज्य सरकार के एक अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। इंदौर स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट लिमिटेड के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) दिव्यांक सिंह ने बताया कि हरित बॉन्ड से जुटाई जाने वाली राशि का इस्तेमाल एक सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने में किया जाएगा जिससे बनने वाली बिजली से नर्मदा नदी के पानी को पड़ोसी खरगोन जिले के जलूद गांव से इंदौर लाया जाएगा। उन्होंने बताया कि देश में अपनी तरह की पहली हरित बॉन्ड योजना के लिए आईएमसी को राज्य सरकार की हरी झंडी मिल चुकी है और इसे भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) की मंजूरी दिलाने की प्रक्रिया शुक्रवार से शुरू कर दी गई है। सिंह ने कहा,‘‘प्रवासी भारतीय दिवस कार्यक्रम के लिए नौ जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इंदौर आ रहे हैं। हमारी पूरी कोशिश रहेगी कि हरित बॉन्ड के सूचीबद्ध होने का समारोह प्रधानमंत्री की मौजूदगी में संपन्न हो।’’ उन्होंने बताया कि आठ वर्ष की अवधि वाले हरित बॉन्ड में इंदौर के अलावा देश के अन्य हिस्सों के लोग भी निवेश कर सकेंगे और उन्हें आकर्षक ब्याज के साथ निवेश की पूरी रकम लौटा जाएगी। गौरतलब है कि देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर की करीब 35 लाख की आबादी पानी की जरूरत के लिए काफी हद तक नर्मदा नदी पर निर्भर है। अधिकारियों ने बताया कि नर्मदा जल को जलूद गांव से मोटर पंप चलाकर 80 किलोमीटर दूर इंदौर लाने में शहरी निकाय को हर माह करीब 25 करोड़ रुपये का बिजली बिल चुकाना पड़ता है। उन्होंने बताया कि जलूद में सौर ऊर्जा संयंत्र लगने के बाद सरकारी खजाने में इस रकम की बचत होगी।