Dr. Rajendra Prasad : आधी से भी ज्यादा तनख्वाह राष्ट्रीय कोष के नाम कर दी।

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Know about the simple lifestyle of india's first president.
locationभारत
userचेतना मंच
calendar30 Nov 2025 08:39 AM
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लगातार दो कार्यकाल तक देश के राष्ट्रपति का चुनाव जीतने वाले Dr. Rajendra Prasad की आज पुण्यतिथि है। वे स्वतंत्र भारत के पहले राष्ट्रपति थे यह बात तो सभी को ज्ञात है लेकिन क्या आप जानते हैं कि उनको राष्ट्रपति बनाने के पक्ष में जो लोग अपना योगदान दे रहे थे उनमें जवाहर लाल नेहरू नहीं थे। कारण यह था कि उनकी विचारधारा जवाहर लाल नेहरू से कुछ मायनों में बिल्कुल अलग थी। आज उनकी पुण्यतिथि पर आइये जानते हैं Dr. Rajendra Prasad के जीवन से जुड़े हुए कुछ किस्से... तीन दिसंबर 1884 को बिहार के जीरादेई में जन्मे राजेंद्र बाबू बचपन से ही पढ़ाई में हमेशा अव्वल रहते थे और 18 वर्ष की आयुमात्र में ही उन्होंने कोलकाता विश्वविद्यालय की प्रवेश परीक्षा प्रथम स्थान से पास की। इसके बाद प्रेसिडेंसी कॉलेज में दाखिला लेकर उन्होंने डॉक्टरेट की उपाधि मिली। वे कई भाषाओं के जानकर भी थे।

लगातार दो बार जीता राष्ट्रपति चुनाव

26 जनवरी 1950 को पहली बार देश के राष्ट्रपति चुने जाने के बाद उन्होंने 1952 में अपना कार्यकाल शुरू किया और 1957 में पुनः राष्ट्रपति पद का चुनाव जीतकर अपना कार्यकाल जारी रखा। हालांकि दूसरे कार्यकाल में ही उनका स्वास्थ्य खराब रहने लगा था। अपने जीवन के अंतिम समय में वे पटना के सदाक़त आश्रम में रहने लगे थे।

अपना ही वेतन लगता था ज्यादा

सादगी परस्त जीवन जीने वाले Dr. Rajendra Prasad जिन्हें प्रेम से सभी राजेंद्र बाबू कहते थे, उस समय एक राष्ट्रपति के तौर पर 10000 मासिक वेतन और 2500 मासिक भत्ता प्राप्त करते थे। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि उन्हें यह वेतन खुद के लिए बहुत ज्यादा लगता था। ऐसे में उन्होंने खुद का वेतन घटाकर मात्र 2500 रुपये कर लिया था। बाकी की धनराशि वे राष्ट्रीय कोष में दे दिया करते थे।

Dr. Rajendra Prasad

जब दूसरे कार्यकाल के दौरान ही उन्होंने अपने राष्ट्रपति पद का त्याग किया तब उन्होंने कहा कि अब से मैं पटना के छोटे से आश्रम में अपना जीवन बिताऊंगा। और उसके पीछे यह कारण नहीं है कि मैं इससे अपनी विनम्रता या महत्ता जाहिर करना चाहता हूँ बल्कि अब से मैं एक नये स्थान से अपने कर्तव्यों का निर्वाहन करूंगा।

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Jammu and Kashmir के राजौरी में CRPF के जवान ने खुदकुशी की

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Jammu and Kashmir
locationभारत
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calendar29 Nov 2025 02:57 PM
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Jammu and Kashmir: राजौरी/जम्मू। जम्मू कश्मीर के राजौरी जिले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के एक जवान ने से आत्महत्या कर ली। जवान का शव एक शिविर के अंदर मिला है और शव पर गोली लगने का घाव था। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

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उन्होंने बताया कि नौशेरा इलाके में टाइन ब्रिज शिविर के अंदर जवान संतरी की ड्यूटी पर था, जब उसने देर रात करीब पौने तीन बजे अपनी सर्विस राइफल से कथित रूप से खुद को गोली मार ली। अधिकारी ने बताया कि आत्महत्या का कारण ज्ञात नहीं है। पुलिस ने मामले में जांच शुरू कर दी है। हाल में एक जनवरी को धंगरी में आतंकी हमले में सात आम लोगों के मारे जाने और 14 अन्य के घायल होने के बाद सुरक्षा मजबूत करने के लिए 18 कंपनियों की अतिरिक्त तैनाती के तहत केरल निवासी इस जवान को राजौरी में तैनात किया गया था।

Jammu and Kashmir: कश्मीरी पंडित संजय शर्मा का हत्यारा पुलवामा मुठभेड़ में ढेर

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Jammu and Kashmir: कश्मीरी पंडित संजय शर्मा का हत्यारा पुलवामा मुठभेड़ में ढेर

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Jammu and Kashmir
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 07:53 PM
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Jammu and Kashmir: श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में सुरक्षा बलों के साथ हुई मुठभेड़ में, कश्मीरी पंडित संजय शर्मा का हत्यारा मारा गया। पुलिस ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

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बैंक के सुरक्षा कर्मी संजय शर्मा की रविवार को आतंकवादियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। कश्मीर के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक विजय शर्मा ने बताया कि रातभर चली मुठभेड़ में मारे गए आतंकवादी की पहचान शर्मा के हत्यारे के तौर पर हुई है। कुमार ने ट्वीट किया कि पुलवामा में मारे गए आतंकवादी की पहचान आकिब मुश्ताक भट के तौर पर हुई है। वह पहले एचएम (हिजबुल मुजाहिद्दीन) के लिए काम करता था, इन दिनों वह टीआरएफ (द रेजिस्टेंस फ्रंट) के लिए काम कर रहा था। संजय शर्मा का हत्यारा मारा गया। पुलिस के अनुसार, एक बैंक के सुरक्षा कर्मी संजय शर्मा पर पुलवामा जिले के अचन इलाके में रविवार को पूर्वाह्न करीब 11 बजे उनके घर से महज 100 मीटर की दूरी पर नजदीक से गोली चलाई गई, जो उनके सीने में लगी। राहगीर उन्हें एक अस्पताल ले गए जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। पुलवामा में उनके पैतृक गांव में सोमवार को उनका अंतिम संस्कार किया गया।

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