चुनावों से पहले कांग्रेस ने किए बदलाव, चुनावी टीम में पुराने नेताओं को दी जगह

Congress
कांग्रेस ले किया स्‍क्रीनिंग कमेटी में बदलाव. (PC- Twitter)
locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 05:19 AM
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नई दिल्‍ली. कांग्रेस (Congress) में पुराने व वरिष्‍ठ नेताओं में चल रही नाराजगी पहले भी कई बार सामने आ चकी है. नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी (PPCC) का अध्‍यक्ष बनाने पर पंजाब में पार्टी नेता नाराज थे. उससे पहले कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता पार्टी की अंतरिम अध्‍यक्ष सोनिया गांधी को संगठनात्‍मक बदलावों के लिए लिख चुके थे. राजस्‍थान में भी पार्टी में दो फाड़ देखने को मिल चुकी है.अब कांग्रेस ने इन सबसे सबक लेते हुए अपने पुराने नेताओं की ओर ध्‍यान देना शुरू किया है. कांग्रेस की ओर से वरिष्‍ठ नेता अजय माकन को स्‍क्रीनिंग कमेटी का अध्‍यक्ष बनाया है.

चंदन यादव को भी जिम्‍मेदारी

कांग्रेस ने स्‍क्रीनिंग कमेटी में पूर्व युवा कांग्रेस अध्‍यक्ष चंदन यादव और कांग्रेस ज्‍वाइंट सेक्रेटरी कृष्‍णा अल्लारु को भी जगह दी है. उन्‍हें सदस्‍य के तौर पर नियुक्‍त किया गया है. मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब कांग्रस का प्रमुख और चरणजीत सिंह चन्‍नी को पंजाब का मुख्‍यमंत्री बनाए जाने से पुराने नेता खफा थे. इसलिए ऐसा किया गया है. सिद्धू 2017 में चुनाव से पहले कांग्रेस में आए थे. पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के दो पूर्व प्रमुखों सुनील जाखड़ और प्रताप बाजवा को क्रमशः चुनावी अभियान पैनल और घोषणापत्र पैनल में जगह दी गई है. साथ ही स्क्रीनिंग पैनल पर उम्मीदवारों को चुनने में उनकी भूमिका होगी.

पंजाब में कलह

बता दें कि जाखड़ की ओर से चरणजीत सिंह चन्‍नी और नवजोत सिंह सिद्धू पर बार-बार निशाना साधा गया. पार्टी आलाकमान को यह बताया गया कि पुराने समय के नेताओं ने संकट के दौरान उपेक्षित महसूस किया जिसके कारण कैप्टन अमरिंदर सिंह को सीएम के पद से हटा दिया गया. कैप्टन को हटाने वाले पैनल में अजय माकन भी थे. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक मामले में एक वरिष्‍ठ नेता का कहना है कि उम्मीदवारों के चयन को लेकर पीपीसीसी प्रमुख और सीएम के बीच आमने-सामने की आशंका के कारण पार्टी आलाकमान ने जाखड़ को स्क्रीनिंग कमेटी में शामिल किया है और चौधरी व अल्लारु स्क्रीनिंग कमेटी का हिस्सा बनने के लिए पंजाब के मामलों को लंबे समय से संभाल रहे हैं.
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अब दुश्‍मनों का खात्‍मा करेगी यूपी में बनी AK-203 राइफल, जानें इसकी खासियत

Ak 203
भारत में बनेगी ak-203. (PC ANI)
locationभारत
userचेतना मंच
calendar07 Dec 2021 10:12 PM
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नई दिल्‍ली. भारतीय सेना (Indian Army) को अब रूसी AK-203 राइफल (AK 203 Assault Rifle) मिलने का रास्‍ता साफ हो गया है. भारत के दौरे पर आए रूस के राष्‍ट्रपति व्‍लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) के दौरे के दौरान रक्षा वार्ता हुई. इसमें विदेश मंत्री एस जयशंकर, उनके रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोव और रूसी रक्षा मंत्री जनरल सर्गेई शोयगू ने हिस्‍सा लिया. दोनों पक्षों ने उत्तर प्रदेश के अमेठी (Amethi) में छह लाख से अधिक एके-203 राइफलों के संयुक्त उत्पादन के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किए. सैन्य सहयोग पर समझौते को 10 साल (2021-31) के लिए बढ़ा दिया. यह बेहद शक्तिशाली राइफल है.

2018 में पहली बार हुई थी घोषणा

AK-203 राइफल को इंसास राइफल की जगह लाया जाएगा. इंसास में पिछले दिनों कुछ खामियां आई थीं. ऐसे में यह फैसला लिया गया. आधुनिक AK-203 असॉल्ट राइफल के उत्पादन के प्रस्ताव की घोषणा पहली बार 2018 में की गई थी. लेकिन दाम और हथियार की तकनीक के स्थानांतरण के मुद्दे पर बात नहीं बन सकी थी.

5000 करोड़ है लागत

भारत और रूस के बीच 5000 करोड़ रुपये की लागत से 6 लाख एके-203 के उत्पादन के लिए करार किया गया है. अगले साल से इसका उत्पादन शुरू होने की उम्मीद की जा रही है. इंसास को रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन ने तैयार किया था. 2017 में इसका बेहतर विकल्प तलाशने का फैसला लिया गया था.

ये हैं खासियत  

इंसास राइफल की छोटी गोली दुश्‍मन को सिर्फ चोटिल करती थी. वहीं AK-203 के शामिल करने से यह सभी समस्याएं दूर हो जाएंगी. AK-203 इंसास राइफल की तुलना में हल्की, छोटी और ज्यादा घातक है. बगैर मैगजीन और बेयोनेट के इंसास राइफल का वजन करीब 4.15 किलो होता है वहीं खाली AK-203 का वजन 3.8 किलो रहता है. AK-203 की स्टॉक फोल्डेड के साथ लंबाई 705 मिमी है. इंसास में 5.56×45 मिमी बुलेट इस्तेमाल होती है. वहीं AK-203 में 7.62x39 मिमी की बुलेट का उपयोग होता है. इंसास की रेंज 400 मीटर है और AK-203 की साइटिंग रेंज 800 मीटर है. AK-203 की मैगजीन में 30 बुलेट आती हैं वहीं इंसास राइफल में 20 राउंड की क्षमता है.
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PM Narendra Modi ने राष्ट्र को दी 10 हजार करोड़ की सौगात

Modi
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calendar07 Dec 2021 08:13 PM
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गोरखपुर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) ने आज पूर्वांचल को 10 हजार करोड़ की तीन परियोजनाओं की सौगात दी।पीएम मोदी ने गोरखपुर में 9650 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं को जनता को समर्पित किया। इस दौरान पीएम मोदी गोरखपुर खाद कारखाने, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) (AIIMS)और क्षेत्रीय चिकित्सा अनुसंधान केंद्र (आरएमआरसी) का लोकार्पण किया। उनका एयरपोर्ट पर स्वागत प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया। पीएम की रैली में चार लाख से अधिक लोगों के शामिल होने की संभावना है।

गोरखपुर पहुंचने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) गोरखपुर में विकास परियोजनाओं की प्रदर्शनी देखी। प्रधानमंत्री के साथ मंच पर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath), उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, डा. दिनेश शर्मा, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, सांसद अनुप्रिया पटेल, गोरखपुर के सांसद रवि किशन, सांसद बृजलाल, स्वामी प्रसाद मौर्य व सूर्यप्रताप शाही सहित बड़ी संख्या में प्रदेश सरकार के मंत्री थे। इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहाकि विपक्ष के लिए जो कई वर्षों से सपना था उसे आज प्रधानमंत्री ने पूरा कर दिया है।

गोरखपुर में एम्स न केवल उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल के जिलों बल्कि पड़ोसी बिहार और यहां तक कि नेपाल के लोगों को भी स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराएगा। पीएमओ के बयान के मुताबिक, एम्स को 1,000 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से बनाया गया है। परिसर की आधारशिला प्रधानमंत्री द्वारा 22 जुलाई 2016 को रखी गई थी। इसकी स्थापना प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के तहत की गई है। गोरखपुर एम्स में सुविधाओं में 750 बिस्तरों वाला अस्पताल, मेडिकल कालेज, नर्सिंग कालेज, आयुष भवन, सभी कर्मचारियों के लिए आवास, यूजी और पीजी छात्रों के लिए छात्रावास आवास आदि शामिल हैं।